प्रदीप मिश्रा के भगवान पर बिगड़े बोल, 'मुच्छड़' कहकर बनाया मजाक; बवाल के बाद यह कहा
सीहोर के कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की भगवान चित्रगुप्त पर की गई टिप्पणी पर बवाल मच गया है। एमपी अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव ने पं मिश्रा के बयान को अमर्यादित और आपत्तिजनक बताया है। जानिए, क्या है पूरा मामला?

कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की एक टिप्पणी को लेकर कायस्थ समाज ने नाराजगी जताई है। 14 जून को महाराष्ट्र के श्रीक्षेत्र चक्रमंडी बीड में प्रदीप मिश्रा ने कायस्थ समाज के कुलदेवता भगवान चित्रगुप्त को 'मुछंदर' कहकर संबोधित किया।
सागर: प्रसिद्ध कथावाचक प्रदीप मिश्रा एक बार फिर अपनी भाषा शैली को लेकर विवादों में घिर गए हैं. इसके पहले उन्होंने राधारानी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, तो काफी बवाल हुआ था. अब उन्होंने भगवान चित्रगुप्त पर टिप्पणी कर लोगों को नाराज कर दिया है. उनकी टिप्पणी को लेकर जहां कायस्थ समाज नाराजगी जाहिर कर रही है.
वहीं चित्रगुप्त पीठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु चित्रगुप्ताचार्य डॉ. स्वामी सच्चिदानंद ने प्रदीप मिश्रा की भाषा शैली को लेकर सवाल खड़े करते हुए, जहां कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई की बात की है, तो उन्होंने भी मर्यादा भूलते हुए प्रदीप मिश्रा को लेकर कहा है कि तेरे बचे हुए बालों... एक अभद्र टिप्पणी का जवाब भी आपत्तिजनक तरीके से दिया गया है.
कथा के दौरान कथावाचक प्रदीप मिश्रा यमराज और चित्रगुप्त से जुड़े किसी प्रसंग पर चर्चा करते हुए बोलते हैं कि " तु मुझे पहचानता नहीं, 7 दिन से पुराण कथा सुनी है. मेरा सबूत लेना हो, तो संत ज्ञानेश्वर बावली जी से ले लो. तेरे साथ तो नहीं जाऊंगा. यमराज घबराकर भागा. यमराज ने कहा किसको भेजूं, अगला संदेश चित्रगुप्त को भेजो तो कहा कि इस मुछंदर के साथ नहीं जाऊंगा. ये चित्रगुप्त फालतू की बात नहीं करना, सबका हिसाब रखना, मेरा हिसाब मत रखना."
इस टिप्पणी के बाद चित्रगुप्त पीठ के पीठाधीश्व ने वीडियो जारी कर प्रदीप मिश्रा को खरी खोटी सुनाई है और वह भी तमाम मर्यादाएं भूल गए. उन्होंने कहा है कि जिस प्रकार से भगवान चित्रगुप्त और भगवान यमराज पर अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया है, वह दर्शाता है कि यह व्यक्ति ना तो कथावाचक है और ना ही व्यास पीठ पर विराजमान होने लायक है. पहले उन्होंने राधारानी पर अभद्र टिप्पणी की. उन्होंने भगवान चित्रगुप्त पर जिस भाषा का प्रयोग किया है, अरे प्रदीप मिश्रा सुन तेरा अंत आ चुका है. तेरा काल तुझे पुकार रहा है. तेरे द्वारा दिए तथ्य और जिस भाषा शैली का तूने हमारे इष्ट देव पर प्रयोग किया है. उसका जवाब भी हम उसी भाषा में देंगे.