महादेव सट्टेबाजी घोटाले के 'लाभार्थियों' में से एक हैं भूपेश बघेल, CBI ने FIR में बताया
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने महादेव ऐप घोटाले में उन्हें आरोपी बनाया है।

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने महादेव ऐप घोटाले में उन्हें आरोपी बनाया है। 6000 करोड़ के ऑनलाइन सट्टा घोटाले से जुड़े केस में सीबीआई ने बघेल का नाम एफआईआर में शामिल किया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है जब एक सप्ताह पहले एजेंसी ने चार राज्यों में 60 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें बघेल का आवास, कुछ नौकरशाह और पुलिस अधिकारियों के घर शामिल थे।
FIR में कहा गया है कि महादेव बुक ऐप के मालिकों ने पुलिस अधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों और प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों को प्रोटेक्शन मनी के तौर पर बड़ी रकम दी, ताकि उनकी अवैध गतिविधियों के खिलाफ ऐक्शन ना लिया जाए। यह पैसा हवाला के जरिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंचाया जाता था और फिर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों तक पहुंचता था। इस तरह कई पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने खुद को फायदा पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया।
21 जनवरी को सबसे पहले यह बताया था कि सीबीआई ने छत्तीसगढ़ पुलिस से जांच अपने हाथ में लेने के बाद बघेल को भी आरोपी बनाया है। भूपेश बघेल ने इस पर कहा, 'मुझे सीबीआई के एफआईआर की जानकारी नहीं है। मैं एफआईआर की डिटेल मिलने के बाद ही जवाब दूंगा।'
सीबीआई द्वारा दर्ज FIR में जिन आरोपियों को नामजद किया गया है ,उनके नाम प्रमुख तौर पर रवि उप्पल, शुभम सोनी, चंद्र भूषण वर्मा, असीम दास, सतीश चंद्राकर, भूपेश बघेल, नीतीश दीवान, सौरभ चंद्राकर, अनिल अग्रवाल उर्फ अतुल अग्रवाल, विकास छापरिया, रोहित गुलाटी, विशाल आहूजा, धीरज आहूजा, अनिल कुमार दमानी, सुनील कुमार दमानी, भीम सिंह यादव, हरिशंकर तिबारवाल, सुरेंद्र चौखानी, सूरज चौखानी, अज्ञात कई ब्यूरोक्रेट/ पुलिस अधिकारी/OSD इत्यादि और अज्ञात प्राइवेट पर्सन शामिल हैं.