दोहरे हत्याकांड में पूर्व विधायक छोटे सिंह को आजीवन कारावास,राजनीतिक कैरियर पर लगा प्रश्नचिन्ह
इस मामले में छोटे सिंह के साथ चार अन्य आरोपी भी हैं – रुद्र पाल सिंह उर्फ लल्ले गुर्जर, राजा सिंह संतावन सिंह गुर्जर और करन सिंह कल्ले – जिनकी सुनवाई पर फिलहाल उच्च न्यायालय ने रोक लगा रखी है।
 
                                दोहरे हत्याकांड में पूर्व विधायक छोटे सिंह को आजीवन कारावास
उरई । गुरुवार को माहौल बेहद गर्म सा था सुबह नौ बजे पूर्व विधायक छोटे सिंह ने न्यायालय में समर्पण करते है क्योंकि 9 सितंबर को न्यायालय ने उन्हें दोहरे हत्याकांड में दोषी मान लिया था जिसमें दो सगे भाई जगदीश शरण श्रीवास्तव और राजकुमार श्रीवास्तव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी । 11 सितंबर को सजा का ऐलान होना था न्यायालय की कार्रवाई होने के कुछ ही समय में उन्हें आजीवन कारावास एवं 71 हजार अर्थदंड की सजा सुना दी गई । न्यायालय परिसर अंदर और बाहर समर्थकों ने सन्नाटा सा छा गया । फैसला आने के बाद उन्हें पुलिस अभिरक्षा में जिला अस्पताल लाया गया जहां उनका स्वास्थ्य परीक्षण हुआ इसके बाद कारागार भेजा गया इस पूरी प्रक्रिया के पूर्व, उरई शहर को पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दिया था क्योंकि पूर्व विधायक ने फैसला आने के एक दिन पूर्व अपने समर्थकों से ऐलान किया था कि सभी साथी उरई पहुंचे ।

इसके बाद पुलिस हरकत में आई और न्यायालय परिसर के सामने कानपुर मार्ग को बंद कर दिया गया यहां तक कि कई अधिवक्ताओं को अन्दर जाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ी । यही नहीं मेडिकल कालेज से आने वाले लोगों को भी दिक्कत हुई क्योंकि उनको निकलने नहीं दिया । हालांकि यह दोपहर एक बजे तक रहा इसके बाद सामान्य हो गया। पूर्व विधायक छोटे सिंह एवं इनके साथ चार अन्य साथी रुद्र पाल सिंह उर्फ लल्ले गुर्जर, राजा सिंह संतावन सिंह गुर्जर , करन सिंह कल्ले इस दोहरे हत्याकांड में शामिल थे। इन चारों की सुनवाई अभी नहीं हुई क्योंकि सुनवाई पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा रखी है । अकेले पूर्व विधायक की सुनवाई चल रही थी जिसमें गुरुवार को सजा का ऐलान हुआ है । छोटे सिंह चौहान वर्ष 2007 में बसपा से विधायक बने 2012 तक विधायक का कार्यकाल रहा इसके बाद चुनाव तो लड़ते रहे लेकिन ज्यादा असर नहीं छोड़ पाए जब 2022 में निषाद पार्टी से भाजपा के समर्थन से चुनाव लड़ा तो महज लगभग 2500 वोटों से पराजित हुए इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपनी नजदीकियों दिखाने के चक्कर में उनसे कई मुलाकातों का दौर भी चला मुलाकातों कि तस्वीर वह अपने एकाउंट से जारी करते थे इससे उनका कद भाजपा में अहम माने जाने लगा । जब छोटे सिंह चौहान 2007 में विधायक चुने गए थे उस समय इसी केश में हलचल हुई थी तब राज्यपाल ने छोटे सिंह चौहान को इस मुकदमा से विरत कराने के लिए माफीनामा दिया था लेकिन वादीगणों ने सर्वोच्च न्यायालय से राज्यपाल के आदेश को खारिज करते हुए मुकदमे की सुनवाई समय रहते करने का फरमान सुनाया जिस कारण पूर्व विधायक पर अकेले सुनवाई पूर्ण होने पर न्यायालय द्वारा यह फैसला सुनाया गया । पूर्व विधायक छोटे सिंह को पुलिस की गाड़ियां कारागार ला रही थी उस समय भी गाड़ियों का काफिला उसके साथ था कारागार के बाहर दो दर्जन से पुलिस के जवान तैनात थे इसके पूर्व न्यायालय परिसर में 14 थानों की पुलिस तीन पुलिस उपाधीक्षक एक बटालियन पीएसी तैनात थी ।
 प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस
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                             Sunil sharma
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