दिग्विजय सिंह मंच छोड़कर दर्शक दीर्घा में बैठे, पूर्व मंत्री पैर छूकर मनाते रहे लेकिन वह नहीं माने
जबलपुर में आयोजित कांग्रेस की जय हिंद सभा में दिग्विजय सिंह ने मंच से दूरी बनाई. आमजनों के बीच बैठे दिग्विजिय सिंह को पूर्व मंत्री लखन घनघोरियां ने मंच पर चलने का आग्रह भी किया, लेकिन वह नहीं माने.

दिग्विजय सिंह ने मंच से दूरी बनाते हुए आमजनों के बीच बैठकर सभा में हिस्सा लिया। पूर्व मंत्री और विधायक लखन घनघोरिया ने उन्हें मंच पर चलने का आग्रह भी किया, लेकिन वह नहीं माने।
Digvijay Singh- एमपी में शनिवार को दो बड़े राजनैतिक कार्यक्रम हुए। राजधानी भोपाल में पीएम नरेेंद्र मोदी ने महिला सशक्तिकरण सम्मेलन में शिरकत की वहीं संस्कारधानी जबलपुर में कांग्रेस ने जय हिंद सभा का आयोजन किया। जय हिंद सभा में एमपी कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल भी शामिल हुए। कार्यक्रम में कांग्रेस नेताओं ने एमपी के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवडा व प्रदेश के जनजातीय विभाग के मंत्री विजय शाह के विवादास्पद बयानों को लेकर केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकारों को कठघरे में खड़ा किया। बीजेपी पर सेना का मनोबल गिराने का आरोप भी लगाया। कार्यक्रम में पूर्व सीएम दिग्विजयसिंह को मंच पर बैठाने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने पैर भी पकड़ लिए लेकिन वे नहीं माने और आम कार्यकर्ताओं के बीच ही बैठे रहे।
जय हिंद सभा में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के आने की उम्मीद थी लेकिन आखिरी समय पर उनका दौरा रद्द हो गया। इसके बावजूद कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आमजन और कांग्रेस कार्यकर्ता पहुंचे। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी, भूपेश बघेल ने शौर्य स्मारक जाकर पुष्प अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
जय हिंद सभा में एमपी कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता शामिल हुए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा आदि नेता उपस्थित थे।
दिग्विजय सिंह मंच की बजाए दर्शक दीर्घा में आम कार्यकर्ताओं के साथ बैठे। जबलपुर के वरिष्ठ कांग्रेस नेता पूर्व मंत्री व विधायक लखन घनघोरिया उन्हें मंच पर बैठाने के लिए मनाते रहे। उन्होंने दिग्विजय सिंह के पैर भी पकड़ लिए और मंच पर चलने का आग्रह किया लेकिन वे नहीं पिघले। दिग्विजय सिंह मंच से दूरी बनाते हुए आमजनों के बीच ही बैठे रहे।
बता दें कि ग्वालियर में हुए पार्टी के एक कार्यक्रम में दिग्विजय सिंह ने ऐलान कर दिया था कि अब वे कभी मंच पर नहीं बल्कि कार्यकर्ताओं के साथ ही नीचे ही बैठेंगे। केवल संबोधित करने ही मंच पर आएंगे।
जय हिंद सभा में किसने क्या कहा
मंत्रियों के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे पूर्व सैनिक- रिटायर्ड मेजर जनरल श्याम श्रीवास्तव
मंत्री विजय शाह और जगदीश देवड़ा के बयान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं। बीजेपी इन दोनों के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं करेगी तो पूर्व सैनिक सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
सेना का अपमान करने वालों मंत्रियों को सर आंखों पर बिठा रही बीजेपी- जीतू पटवारी
कांग्रेस ने सरकार का साथ दिया ताकि हमारी सेना लाहौर में घुसकर पाक को घुटने के बल टिका देगी, लेकिन आपने सिर्फ घोषणा की। सेना का अपमान करने वालों मंत्रियों को बीजेपी सिर आंखों पर बिठा रही है।
सेना को छूट देते तो पीओके (pok) हमारा होता- उमंग सिंघार
इस बार सेना को छूट दे देते तो पीओके (pok) हमारा होता। पीएम मोदी ने शहीदों के घर तक जाना उचित नहीं समझा है। बीजेपी के मंत्री सेना का अपमान करते हैं लेकिन उनपर कोई एक्शन नहीं लेती है।
शहादत के कफन पर कर रहे राजनीति- दिग्विजयसिंह
ब्रिटिश हुकूमत की गुलामी करनेवाले लोग कह रहे हैं भारतीय सेना नरेंद्र मोदी के चरणों में समर्पित है। शहादत के कफन पर राजनीति करने वाले देशप्रेमी नहीं हो सकते।
इंदिरा गांधी ने अमेरिका के दबाव को नजरअंदाज किया- कमलनाथ
इतनी बड़ी संख्या में लोग आए हैं जिससे साबित होता है कि आपको सेना पर गर्व है। मैंने 1971 का युद्ध देखा है। तब इंदिरा गांधी ने अमेरिका के दबाव को नजरअंदाज कर मजबूत फैसले लिए थे।
सेना किसी पार्टी की नहीं- भूपेश बघेल
सेना किसी पार्टी की नहीं बल्कि पूरे देश की है। उनका पराक्रम सवालों से परे है लेकिन हमें सरकार की मंशा और फैसलों पर शक है। केंद्र सरकार अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दबाव में काम कर रही है।