प्राइवेट शिक्षा व्यवसायीकरण रोकने व सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था दुरुस्ती हेतु पालक महासंघ ने दिया ज्ञापन

प्राइवेट शिक्षा व्यवसायीकरण रोकने व सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था दुरुस्ती हेतु पालक महासंघ ने दिया ज्ञापन

अजय राज केवट माही

प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस भोपाल मध्य प्रदेश

शाजापुर । पालक महासंघ मध्यप्रदेश की जिला इकाई शाजापुर ने नया सत्र शुरू होने से पहले ही शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए और प्राइवेट स्कूलों के व्यवसायीकरण पर नकेल कसने के लिए संघर्ष की शुरुआत कर दी है। जिला अध्यक्ष राजेश सिसनोरिया ने बताया कि प्राइवेट स्कूल, स्कूल शिक्षा अधिनियम अनुसार नहीं चल रहे हैं बार-बार कोर्स बदलना, ड्रेस बदलना, फीस बड़ाना आदि प्रकार से पालकों को परेशान करते हैं। लगभग लगभग सभी प्राइवेट स्कूल कोर्स, ड्रेस का धंधा चला रहे हैं वह निश्चित दुकानों से मनमानी कीमतों पर पालकों को खरीदने पर मजबूर कर रहे हैं। वार्षिक उत्सव, धार्मिक त्योहार, नववर्ष आदि के नाम पर एक्स्ट्रा फीस मांगी जाती है। अधिकतर स्कूल धर्मनिरपेक्षता न रखकर अंधविश्वास और विज्ञान विरोध में बच्चों को प्रेरित कर रहे हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि स्कूल संचालको में विज्ञान की शिक्षा की कमी है। कुछ स्कूल हिंदू और मुस्लिम बच्चों को अलग-अलग बैठा कर धार्मिक कट्टरता और नफरत पैदा करने में लगे हैं। स्कूल धर्मनिरपेक्षता का गुण रखते हैं लेकिन कुछ स्कूल धार्मिक लोगों को स्कूल में प्रवेश देकर उनके प्रवचन करवाते हैं। वहीं सरकारी स्कूलों की बात की जाए तो शिक्षक उपस्थिती, कॉपी चेकिंग, शौचालय की व्यवस्था, मध्यान भोजन, जातिगत भेदभाव, RTE के अंतर्गत ऐडमिशन, छात्रवृत्ति आदि प्रकार की अनियमितता देखने को मिलती हैं। जिस पर जिला प्रशासन से शिकायत करने के बावजूद कार्यवाही नहीं होती है इसलिए हमने इस सत्र की शुरुआत से ही जिला प्रशासन और स्कूल संचालको से निवेदन किया है कि स्कूल शिक्षा अधिनियम का पालन करते हुए बच्चों का सर्वांगीण विकास और सही और सस्ती शिक्षा दी जाए। जो स्कूल या संचालक स्कूल शिक्षा अधिनियम का पालन नहीं करेगा और बच्चों ओर पालकों को परेशान करेगा उन पर कार्यवाही के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा। ज्ञापन देते समय जिला अध्यक्ष राजेश सिसनोरिया, जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र मालवीय, जिला कोषाध्यक्ष शैलेंद्र मालवीय, जिला मीडिया प्रभारी आमीन पठान आदि मौजूद रहे।