विधायक साहब सिंह गुर्जर के विवादित बयान से मचा हड़कंप, RSS पर की आपत्तिजनक टिप्पणी"
मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक साहब सिंह गुर्जर का विवादित बयान सामने आया हैं। उन्होंने अशोकनगर जिले में आयोजित कांग्रेस के कार्यक्रम में आरएसएस को लेकर अपशब्द कहे। साहब सिंह ने कहा कि जो मर्द थे वह जंग में आए, जो हिजड़े थे, वह संघ में गए। विधायक के बिगड़े बोल का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में कांग्रेस के न्याय सत्याग्रह कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस विधायक साहब सिंह गुर्जर द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी ने प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने मंगलवार को अशोक नगर में न्याय सत्याग्रह किया। प्रदेशभर के बड़े नेता और कार्यकर्ता यहां पार्टी अध्यक्ष जीतू पटवारी पर दर्ज एफआईआर के विरोध में गिरफ्तारी देने पहुंचे। मंच से जोशीले भाषण भी हुए। लेकिन इस दौरान ग्वालियर ग्रामीण सीट से कांग्रेस विधायक साहब सिंह गुर्जर विवादित टिप्पणी भी कर गए। बिना किसी का नाम लिए विधायक ने आरएसएस में जाने वालों पर अभद्र टिप्पणी की।
दरअसल अशोकनगर निवासी गजराज लोधी ने बीजेपी कार्यकर्ता पर मारपीट करने और मैला खिलाने का आरोप लगाया था। 25 जून को जीतू पटवारी ओरछा दौरे पर थे, तब युवक ने उनसे मिलकर इस मामले की शिकायत की थी। बाद में गजराज ने पटवारी पर बहकाकर बीजेपी कार्यकर्ता के खिलाफ शिकायत कराने का आरोप लगाया था। इसके बाद मुंगावली पुलिस ने पीसीसी चीफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली थी। इसका विरोध करते हुए पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा था कि 7 जुलाई तक एफआईआर वापस नहीं ली जाती है तो 8 जुलाई को कांग्रेस मुंगावली थाने जाकर गिरफ्तारी देगी।
इसको लेकर मंगलवार को आयोजित न्याय सत्याग्रह में एक के बाद एक नेता हुंकार भरते हुए भाषण दे रहे थे। इस बीच जब साहब सिंह गुर्जर की बारी आई तो उन्होंने माइक संभालते ही ताली बटोरनी चाही और शायराना अंदाज में अपनी बात शुरू की। लेकिन जोश में वह विवादित टिप्पणी कर गए। गुर्जर ने कहा, 'जो मर्द थे वे जंग में आए, जो हिजड़े थे, वे संघ में गए। समझ गए न इशारा ही काफी है।'
प्रदर्शन के दौरान पार्टी के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और अन्य विधायकों समेत सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे। इस दौरान सिंघार समेत पार्टी के कई विधायकों ने आरोप लगाया कि उन्हें प्रदर्शन के लिए जिले की सीमा में प्रवेश के दौरान न केवल प्रवेश करने से रोका गया, बल्कि कुछ स्थानों पर उनकी तलाशी भी ली गई।
पटवारी ने कहा कि आज अशोकनगर 'सरकारी-अराजकता' की मुखर गवाही दे रहा है। अशोकनगर 'झूठ का झंडा' उठाने वाली कुर्सियों की बेबाक कहानी लिख रहा है। अशोकनगर के जरिए पूरा मध्यप्रदेश 'सरकारी अत्याचार' के खिलाफ बोल रहा है। उन्होंने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान ने नौकरशाही को अधिकार दिया, लेकिन वही संविधान आपको मर्यादा में रहने का निर्देश भी देता है। सर्विस रूल बुक भी कहती है कि राजनीतिक आदेश नहीं, कानून का पालन करें।