मोकामा में बजा JDU की जीत का बिगुल, जेल से जीत गए बाहुबली अनंत सिंह

पटना जिले की मोकामा असेंबली सीट पर जेडीयू के अनंत सिंह का जलवा कायम है। सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को 22 हजार से ज्यादा वोटों से पछाड़ते हुए उन्होंने लगातार छठी बार जीत दर्ज कर ली है।

मोकामा में बजा JDU की जीत का बिगुल, जेल से जीत गए बाहुबली अनंत सिंह

मोकामा विधानसभा सीट के नतीजे सामने आ चुके हैं. मतगणना के बाद JD(U) प्रत्याशी Anant Kumar Singh को जीत मिली है. उन्हें कुल 81692 मिले. उन्होंने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी RJD प्रत्याशी Veena Devi को 29710 मतों से हरायाबिहार विधानसभा चुनाव में पटना जिले की मोकामा विधानसभा सीट पर एक बार फिर बाहुबली नेता अनंत सिंह ने छठी बार जीत दर्ज कर ली है। जेल में बंद होने के बावजूद, अनंत सिंह ने जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए आरजेडी उम्मीदवार वीणा देवी को 22 हजार से ज्यादा वोटों के भारी अंतर से मात देकर अपनी जीत का परचम लहराया है। यह हॉट सीट है, जहां जेडीयू के अनंत सिंह, आरजेडी की वीणा देवी और जन सुराज पार्टी के पीयूष प्रियदर्शी हार-जीत वाले मुख्य मुकाबले में थे। हालांकि एक बार फिर अनंत सिंह ने दोनों उम्मीदवारों को भारी अंतर से पछाड़ते हुए बंपर जीत हासिल कर ली है। मोकामा में पहले चरण में 6 नवंबर को 64 प्रतिशत मतदान हुआ था।

मोकामा में 1990 के दशक से ही बड़े-बड़े नेताओं का दबदबा रहा है. इसकी शुरुआत दिलीप कुमार सिंह उर्फ ‘बड़े सरकार’ ने की थी, जो 1990 और 1995 में जनता दल के टिकट पर विधायक बने थे और सालों तक मंत्री भी रहे. लेकिन 2005 से अनंत सिंह ने कमान संभाली और फिर यहां का राजनीतिक इतिहास ‘छोटे सरकार’ के नाम से लिखा जाने लगा. अनंत सिंह ने लगातार पांच बार इस सीट पर जीत का परचम लहराया है. उनका राजनीतिक सफर किसी रोमांचक कहानी से कम नहीं है.

अनंत सिंह निर्दलीय भी जीता है चुनाव

अनंत सिंह ने 2015 में पार्टी से किनारा होने पर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़कर भी जीत हासिल की. वह 2020 में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में शामिल हुए और जेल में रहते हुए भी जीत दर्ज की. हालांकि, 2022 में एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें अपनी विधानसभा सदस्यता गंवानी पड़ी थी. लेकिन मोकामा की जनता ने तब भी उनका साथ नहीं छोड़ा. 2022 के उपचुनाव में उनकी पत्नी नीलम देवी को राजद ने मैदान में उतारा, जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सोनम देवी को बड़े अंतर से हराकर इस सीट को राष्ट्रीय जनता दल के पास बनाए रखा.

जेडीयू का भरोसा

अब 2025 के चुनावों में अनंत सिंह फिर से जदयू में लौट आए हैं और पार्टी ने उन पर एक बार फिर भरोसा जताया है. इस बार महज कुछ दिनों बाद बिहार में विधानसभा चुनाव 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होने हैं और मोकामा विधानसभा सीट पर पहले चरण (6 नवंबर) को मतदान होगा. यह हाई-प्रोफाइल सीट इस बार भी कांटे की टक्कर के लिए तैयार है. मोकामा का नाम सिर्फ बाहुबल की राजनीति से नहीं जुड़ा है, बल्कि इसका अपना एक गौरवशाली इतिहास भी रहा है. 1908 में, यहीं के मोकामा घाट रेलवे स्टेशन पर महान क्रांतिकारी प्रफुल्ल चाकी ने ब्रिटिश मजिस्ट्रेट डगलस किंग्सफोर्ड की हत्या के असफल प्रयास के बाद खुद को गोली मारकर शहादत दी थी. आज उनकी याद में शहर में ‘शहीद गेट’ बना हुआ है. 1942 में महात्मा गांधी की यात्रा ने भी यहां के स्वतंत्रता संग्राम को नई ऊर्जा दी थी. मोकामा सीट पर भूमिहार समुदाय का प्रभुत्व माना जाता है, लेकिन यहां के चुनाव परिणाम हमेशा जटिल जातीय समीकरणों पर निर्भर करते हैं.