पूर्व सीएम दीवार पर पेशाब करते दिखे,इसे लेकर कांग्रेस और सपा ने निशाना साधा

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल लखनऊ के पॉश इलाके में एक स्कूल की बाउड्रीवाल पर पेशाब करते हुए कैमरे में कैद हो गए हैं। उनका वीडियो वायरल हो रहा है।

पूर्व सीएम दीवार पर पेशाब करते दिखे,इसे लेकर कांग्रेस और सपा ने निशाना साधा

यूपी के एक दिन के सीएम और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने लखनऊ में स्कूल की बाउंड्रीवाल पर पेशाब किया। मामला गुरुवार सुबह लखनऊ के VVIP गेस्ट हाउस के बाहर का है। यहां स्मार्ट सिटी के तहत काम हो रहा है। मामले का वीडियो सामने आया है। इसमें जगदंबिका पाल पेशाब करते दिख रहे हैं। इस दौरान सड़क पर आवाजाही भी हो रही थी।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा भाजपा सांसद जगदंबिका पाल लखनऊ के एक पॉश इलाके में चौंकाने वाली हरकत करते कैमरे में कैद हो गए हैं। बुधवार सुबह लगभग 11:10 बजे उनका वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह एक प्रतिष्ठित स्कूल की बाउंड्री वॉल पर सार्वजनिक तौर पर पेशाब करते नजर आ रहे हैं। घटना स्थल पर स्मार्ट सिटी बोर्ड और वीआईपी गेस्ट हाउस भी दिख रहे हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रिया — सपा और कांग्रेस ने साधा निशाना

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इस वीडियो का तेजी से उपयोग करते हुए पलटवार किया।

यूपी कांग्रेस ने ट्विटर पर इसे आधुनिक “स्मार्ट सिटी” और श्रिंकिंग नैतिकता की रोक दर्शाने वाला उदाहरण बताया, जिसमें नेता ही ऐसा व्यवहार कर रहे हैं।.

इसे लेकर कांग्रेस और सपा ने निशाना साधा है। यूपी कांग्रेस ने एक्स पर पेशाब करते हुए जगदंबिका पाल का वीडियो पोस्ट करते हुए तंज कसा। कहा कि भाजपा के नेताजी राजधानी को स्मार्ट सिटी बनाने में अपना अविस्मरणीय योगदान दे रहे हैं। ये नेताजी हैं भाजपा सांसद जगदंबिका पाल, जो राजधानी लखनऊ के सबसे पॉश एरिया वीवीआईपी गेस्ट हाउस के बाहर एक प्रतिष्ठित स्कूल की बाउंड्रीवाल पर पेशाब कर रहे हैं।

सबसे बड़ी बात यह है कि इन्होंने स्थान भी वही चुना जहां स्मार्ट सिटी का बोर्ड लगा हुआ है। एक भाजपा नेता से इससे अधिक स्वच्छता और स्मार्ट सिटी बनाने में योगदान की कोई क्या ही अपेक्षा कर सकता है। वहीं, सपा ने एक्स पर कहा कि उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी स्मार्ट फोन से वायरल करने का संदेश दे रहे थे, इधर स्मार्ट फोन से बना वीडियो वायरल हो गया। बेशर्मी इतनी है कि अपने कुकर्मों पर शांत रहेंगे?

क्या होगी अगली कार्रवाई?

अभी तक पुलिस या प्रशासन द्वारा कोई FIR दर्ज नहीं हुई है, लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद Pressure बढ़ गया है। कानूनी विशेषज्ञ इस मामले को “सार्वजनिक विधि की खुली अवहेलना” मान रहे हैं और कार्रवाई की संभावना व्यक्त की जा रही है।

एक नेता का सार्वजनिक स्थान पर अभद्र व्यवहार उसकी नैतिकता पर सवाल खड़े करता है। सरकारी पद पर रहते हुए इस तरह की गलती न केवल शासन की छवि को प्रभावित करती है, बल्कि नैतिक पतन की बहस शुरू कर देती है। अब जिम्मेदारी प्रशासन की है कि वह संवैधानिक जवाबदेही सुनिश्चित करे।