शुभांशु शुक्ला ने धरती पर रखा पहला कदम 18 दिन की ऐतिहासिक सफल यात्रा,PM मोदी ने दी बधाई

अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और वाणिज्यिक ‘एक्सिओम-4 मिशन’ के उनके तीन अन्य साथी मंगलवार को पृथ्वी पर लौट आए। ड्रैगन ‘ग्रेस’ अंतरिक्ष यान दक्षिणी कैलिफोर्निया में सैन डिएगो के नजदीक समुद्र में उतरा।

शुभांशु शुक्ला ने धरती पर रखा पहला कदम  18 दिन की ऐतिहासिक सफल यात्रा,PM मोदी ने दी बधाई

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की धरती पर सकुशल वापसी हो गई है। यान ने ठीक 3:01 बजे समुद्र की सतह पर लैंड किया

Shubhanshu Shukla Return: इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन पर 18 दिन की यात्रा के बाद भारत के शुभांशु शुक्‍ला और तीन अन्‍य एस्‍ट्रोनॉट वापस पृथ्‍वी पर पहुंच गए हैं. ना सिर्फ पूरा देश बल्कि भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से भी कुशल वापसी पर शुभांशु को बधाई दी गई. पीएम ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्‍स पर लिखा क‍ि मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं, जो अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौट रहे हैं. अंतरराष्‍ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है. प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि यह हमारे अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान की दिशा में एक और मील का पत्थर है. उधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के पिता शंभू दयाल शुक्ला से बात की. शुभांशु 18 दिन बाद अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से पृथ्वी पर लौटे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनकी वापसी पर खुशी जताई और उनके पिता से कहा कि पूरे देश को उन पर गर्व है.

शुभांशु ने अंतरिक्ष में किए प्रयोग

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री हैं जो अंतरराष्‍ट्रीय स्‍पेस स्‍टेशन पर वक्‍त बिताने के बाद पृथ्‍वी पर लौटे हैं. 14 जुलाई 2025 को उन्‍होंने अपनी वापसी की यात्रा शुरू की. SpaceX के ड्रैगन अंतरिक्षयान ‘ग्रेस’ ने ISS के हार्मनी मॉड्यूल से अनडॉक किया. आज यानी 15 जुलाई 2025 को दोपहर 3:01 बजे उनका यान कैलिफोर्निया के सैन डिएगो तट पर प्रशांत महासागर में उतरा. इस ऐतिहासिक Axiom-4 मिशन में शुभांशु ने 18 दिन बिताए, 7 प्रयोग किए और भारत के अंतरिक्ष सपनों को नई उड़ान दी.

क्‍या है गगनयान मिशन?

गगनयान मिशन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है, जिसे भारत की स्‍पेस एजेंसी ISRO विकसित कर रहा है. इस मिशन का उद्देश्य तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में सात दिनों तक भेजना और सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करना है. ये एस्‍ट्रोनॉट पृथ्‍वी से करीब 400 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में समय बिताएंगे. यह मिशन भारत को अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा देश बनाएगा जो इंसानों को अंतरिक्ष में भेज चुके हैं. गगनयान में स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन और जीएसएलवी मार्क-III रॉकेट का उपयोग होगा. मिशन की शुरुआत 2026 के मध्य में होने की संभावना है. चार वायुसेना पायलट प्रशिक्षण ले रहे हैं, जिसमें से तीन चुने जाएंगे. यह मिशन भारत के अंतरिक्ष सपनों को साकार करेगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने किया स्वागत 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत किया।

उन्होंने लिखा, 'मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं, क्योंकि वह अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौट रहे हैं।'

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, 'उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है। यह हमारे मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान की दिशा में एक और मील का पत्थर है।'