मंत्री विश्वास सारंग केंद्रीय जेल भोपाल में हुए शामिल नवनिर्मित उच्च सुरक्षा इकाई भवन का किया लोकार्पण, कहा – जेल केवल बंदी गृह नहीं बल्कि सुधार गृह हो

भोपाल केंद्रीय जेल में जन्माष्टमी के अवसर पर मंत्री विश्वास सारंग ने पूजा-अर्चना कर नवनिर्मित उच्च सुरक्षा इकाई भवन का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि जेल केवल बंदी गृह नहीं, बल्कि सुधार गृह बने, जिससे कैदियों को समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का अवसर मिल सके।

मंत्री विश्वास सारंग केंद्रीय जेल भोपाल में हुए शामिल  नवनिर्मित उच्च सुरक्षा इकाई भवन का किया लोकार्पण, कहा – जेल केवल बंदी गृह नहीं बल्कि सुधार गृह हो

मंत्री विश्वास सारंग ने केंद्रीय जेल भोपाल में लिया जन्माष्टमी कार्यक्रम में हिस्सा

भगवान श्रीकृष्ण का पूजन-अर्चन कर दी शुभकामनाएँ

नवनिर्मित उच्च सुरक्षा इकाई भवन का लोकार्पण किया

कहा – जेल केवल बंदी गृह नहीं, सुधार गृह बनना चाहिए

पूरे मध्यप्रदेश की जेलों में जन्माष्टमी पर हुए विशेष कार्यक्रम

सकारात्मक गतिविधियों से कैदियों को मिल रहा सुधार का अवसर

भोपाल, सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने शनिवार को जन्माष्टमी के अवसर पर भोपाल स्थित केंद्रीय जेल परिसर के सांस्कृतिक भवन में आयोजित श्रीकृष्ण जन्माष्टमी समारोह में भाग लिया। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण का पूजन-अर्चन कर उपस्थित जनों व जेल प्रशासन को जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ दीं।

इस अवसर पर मंत्री सारंग ने केंद्रीय जेल भोपाल में नवनिर्मित उच्च सुरक्षा इकाई भवन का लोकार्पण किया और सुरक्षा व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि इस भवन से जेल की सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी तथा कैदियों को आवश्यक सुविधाएँ भी उपलब्ध होंगी।

मंत्री सारंग ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि जेल केवल बंदी गृह न रहकर सुधार गृह बने। प्रत्येक कैदी को सुधार कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का अवसर मिलना चाहिए। इसी भावना से जेलों में धार्मिक, सांस्कृतिक और सकारात्मक गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं।

उन्होंने आगे बताया कि जन्माष्टमी पर न केवल भोपाल, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश की जेलों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जिससे जेल वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह का संचार हुआ है।

अंत में सारंग ने भगवान श्रीकृष्ण से सभी के मंगल की कामना करते हुए कहा कि समाज का हर वर्ग धर्म, संस्कृति और नैतिक मूल्यों से प्रेरित होकर विकसित भारत के निर्माण में योगदान दे।