फिर फिसली कैलाश विजयवर्गीय की जुबान,राहुल गांधी जवान बहन को चौराहे पर चूमते हैं', कांग्रेस ने घेरा

मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने विपक्ष के नेता पर विवादित टिप्पणी की. बिना नाम लिए उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधा और कहा कि पुराने जमाने में लोग बहन के गांव का पानी तक नहीं पीते थे, लेकिन आज के नेता चौराहे पर बहन को चुंबन कर लेते हैं. विजयवर्गीय ने इसे विदेशी संस्कृति का असर बताया.

फिर फिसली कैलाश विजयवर्गीय की जुबान,राहुल गांधी जवान बहन को चौराहे पर चूमते हैं', कांग्रेस ने घेरा

मध्यप्रदेश के नगरीय एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अक्सर अपने विवादित बयानों के कारण चर्चाओं में बने रहते हैं।

भोपाल : मध्यप्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और प्रिंयका गांधी का नाम लिए बिना विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने आज शाजापुर जिले में ‘प्रतिपक्ष के नेता' पर निशाना साधते हुए कहा कि पुराने जमाने के लोग अपनी बहन के गांव का पानी भी नहीं पीते थे और आज के प्रतिपक्ष के नेता अपनी जवान बहन को चौराहों पर ‘चुंबन' करते हैं। उनके इस बयान के बाद सियासी घमासान मचा हुआ है। 

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हम उस संस्कृति के लोग हैं जहां बहन के घर का पानी तक नहीं पीते। मेरे पिताजी घर से पानी का लोटा तक लेकर जाते थे। मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि आप में से कौन है, जो अपनी जवान बहन-बेटी को बीच चौराहे पर चुंबन करता है। ये संस्कारों का अभाव है। ये संस्कार तो विदेशी संस्कृति के हैं। इस कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, शाजापुर विधायक अरुण भीमावत के साथ ही अन्य कई जनप्रतिनिधि और भाजपा पदाधिकारी भी शामिल रहे। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय नवरात्र में मां राजराजेश्वरी मंदिर भी पहुंचे और यहां पर माता का पूजन किया।

कांग्रेस का पलटवार 

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय ने एक बयान दिया है, मां दुर्गा, मां शक्ति की उपासना के दिन चल रहे हैं. बहन-भाई का पवित्र रिश्ता क्या होता है, उस एहसास को पूरा देश जीता है. लेकिन कैलाश विजयवर्गीय की सोच, उनकी भाषा और भावना ऐसी है जिसे आज के समाज में व्यक्त नहीं कर सकते. कपड़े, शिक्षा और भाषा को लेकर वह महिलाओं और बेटियों का 100 बार अपमान कर चुके हैं. भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को लेकर उनकी ये सोच है, इसका जवाब देने में भी हमें शर्म आती है.

पहले भी विवादों में रह चुके हैं कैलाश

बीते महीनों पहले कैलाश विजयवर्गीय ने लड़कियों के कपड़ों को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने उस दौरान कहा था कि छोटा भाषण दें तो कहते हैं कि बहुत सुदंर भाषण दिया है। पाश्चात्य देशों में ऐसा कहते हैं। हमारे यहां क्या है कि अच्छा पहने लड़की, अच्छा श्रंगार करें, अच्छे गहने पहने, अच्छे सुंदर कपड़े पहने तो हम उसे अच्छा मानते हैं- बहुत सुंदर है। लेकिन विदेशों में जो कम कपड़े पहने न, उसको सुंदर मानते हैं, ये उनकी सोच है। वहां ये कहावत है कि जिस प्रकार कम कपड़े पहनने वाली लड़की बहुत सुंदर होती है, उसी प्रकार कम बोलने वाला नेता भी अच्छा होता है। लेकिन मैं इसे नहीं मानता। मैं तो यह मानता हूं कि महिला देवी का स्वरूप है। खूब अच्छे कपड़े पहने, मुझे तो कम कपड़े वाली अच्छी नहीं लगती। कई बार लड़कियां सेल्फी लेने आती हैं तो मैं कह देता हूं, बेटा- अच्छे कपड़े पहनकर आना तब फोटो लेंगे।