केंद्रीय मंत्री गडकरी की बड़ी सौगात, चौरागढ़ मंदिर की नहीं चढ़नी पड़ेंगी 1360 सीढ़ियां, घंटों की यात्रा मिनटों में होगी पूरी

पचमढ़ी में 400 करोड़ में बनेगा रोप-वे

केंद्रीय मंत्री गडकरी की बड़ी सौगात, चौरागढ़ मंदिर की नहीं चढ़नी पड़ेंगी 1360 सीढ़ियां, घंटों की यात्रा मिनटों में होगी पूरी

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मध्य प्रदेश के पचमढ़ी में चौरागढ़ महादेव मंदिर तक रोपवे बनाने की स्वीकृति दे दी है। यह प्रोजेक्ट 400 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा।.

 नर्मदापुरम-नरसिंहपुर क्षेत्र के सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्रीय मंत्री को ज्ञापन सौंपा था। रोपवे प्रियदर्शिनी प्वाइंट से चौरागढ़ मंदिर तक बनेगा, जिसकी लंबाई लगभग आधा किलोमीटर होगी।

वर्तमान में समुद्र तल से 1326 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 1300 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। रोपवे बनने के बाद यह दूरी कुछ ही मिनटों में तय हो जाएगी।

इस प्रोजेक्ट में पचमढ़ी हवाई पट्टी के पास वाहन पार्किंग की सुविधा भी शामिल है। साथ ही पिपरिया से सटे अनहोनी वन क्षेत्र को पिकनिक स्पॉट में विकसित करने की योजना भी है।

सांसद चौधरी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच के अनुरूप यह प्रोजेक्ट धार्मिक विरासत के संरक्षण के साथ-साथ पर्यटन विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री का वीडियो शेयर किया

नर्मदापुरम के सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने सोमवार को सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री का वीडियो शेयर किया। उन्होंने कहा है कि रोपवे बनने से श्रद्धालुओं को मंदिर जाने के लिए लंबी और कठिन चढ़ाई नहीं चढ़नी पड़ेगी। घंटों की यात्रा मिनटों में संभव होगी।

सांसद दर्शनसिंह चौधरी ने कहा कि पचमढ़ी की धार्मिक सांस्कृतिक प्राकृतिक विरासत के संरक्षण के साथ पर्यटन का विकास कर रहे हैं। सांसद ने यहां हवाई पट्टी के विकास और पिपरिया के अनहोनी वन क्षेत्र को भी पिकनिक स्पॉट बनाने की बात कही।

3 किमी की कठिन चढ़ाई

बता दें कि चौरागढ़ का महादेव मंदिर बेहद विख्यात है पर वहां जाने के लिए पहाड़ की चोटी चढ़नी पड़ती है। मंदिर के लिए करीब 3 किमी की बेहद कठिन चढ़ाई है। यहां हर साल महाशिवरात्रि पर मेला लगता है जिसमें लाखों श्रद्धालु आते हैं। भक्त यहां अपनी मुराद पूरी करने वजनी त्रिशूल चढ़ाते हैं। रोप वे बनने से भक्तों की मंदिर तक पहुंचने में खासी सुविधा हो जाएगी।