साउंड हीलिंग से विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य में चौकाने वाले परिणाम, वर्ल्ड जर्नल ऑफ फार्मेसी एंड फार्मास्युटिकल साइंस में प्रकाशित हुआ डॉ आरती सिन्हा और डॉ अखिलेश सिंह का शोध पेपर

साउंड हीलिंग से विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य में चौकाने वाले परिणाम,  वर्ल्ड जर्नल ऑफ फार्मेसी एंड फार्मास्युटिकल साइंस में प्रकाशित हुआ डॉ आरती सिन्हा और डॉ अखिलेश सिंह का शोध पेपर

भोपाल। आज के समय में युवा वर्ग, विशेषकर कॉलेज गोइंग छात्र, शैक्षणिक दबाव, भविष्य की अनिश्चितता और सामाजिक प्रतिस्पर्धा के कारण मानसिक तनाव और अस्थिरता से जूझ रहा है। ऐसे में एक नई वैज्ञानिक स्टडी ने साउंड हीलिंग को छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य सुधार का एक प्रभावशाली माध्यम बताया है।

यह इंटरवेंशनल स्टडी मध्य भारत की अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त प्रथम साउंड हीलर डॉ. आरती सिन्हा और चिकित्सकीय शोधकर्ता डॉ. अखिलेश सिंह द्वारा संयुक्त रूप से की गई। अध्ययन में 18 से 25 वर्ष के बीच के विभिन्न कॉलेजों के विद्यार्थियों को शामिल किया गया, जिन्हें सिंगिंग बाउल्स द्वारा साउंड हीलिंग मेडिटेशन सत्रों में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया।

डॉ. आरती सिन्हा ने बताया कि साउंड हीलिंग की आवृत्तियाँ और कंपन मस्तिष्क की तरंगों को संतुलित करने में मदद करती हैं, जिससे व्यक्ति का मानसिक संतुलन सुधरता है। उन्होंने कहा, यह पद्धति विशेष रूप से युवाओं के लिए अत्यंत लाभकारी है, जो आज तनाव, प्रतिस्पर्धा और अनिश्चित भविष्य के कारण मानसिक दबाव में रहते हैं। डॉ. अखिलेश सिंह ने कहा कि अध्ययन के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए मापदंड निर्धारित किए गए और परिणामों का विश्लेषण अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप किया गया। यह शोध वर्ड जर्नल ऑफ फॉर्मेसी एंड फार्मास्यूटिकल साइंस में प्रकाशित हुआ है, जो इसकी वैज्ञानिक विश्वसनीयता को पुष्ट करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में साउंड हीलिंग कॉलेज और विश्वविद्यालयों में मानसिक स्वास्थ्य सुधार की एक वैकल्पिक एवं प्रभावी पद्धति के रूप में उभर सकती है।

क्या है साउंड हीलिंग :

साउंड हीलिंग एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति है, जिसमें विशेष ध्वनियों, आवृत्तियों और कंपन के माध्यम से व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक संतुलन को बहाल किया जाता है। सिंगिंग बाउल्स से उत्पन्न ध्वनियाँ मस्तिष्क की तरंगों को संतुलित करती हैं, जिससे शरीर व मन की थकान कम होती है और आंतरिक शांति की अनुभूति होती है।

अध्ययन में सामने आए प्रमुख परिणाम :

डॉ आरती सिन्हा ने बताया कि हीलिंग सत्रों के पहले और बाद में विद्यार्थियों के व्यवहार, सोच और अनुभवों का तुलनात्मक मूल्यांकन किया गया, जिसमें निम्नलिखित महत्वपूर्ण परिवर्तन सामने आए हैं।

* प्रतिभागियों ने बताया कि सत्रों के बाद मानसिक तनाव और बेचैनी में स्पष्ट कमी आई।

* छात्रों ने अपने भीतर संतोष और मानसिक हल्कापन महसूस किया।

* विद्यार्थियों ने खुद को अधिक ऊर्जावान और स्फूर्तिवान पाया, जिससे उनकी कार्यक्षमता में भी इज़ाफा हुआ।

* खासकर सुबह के समय जागरण के तुरंत बाद मानसिक स्पष्टता और जागरूकता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई।

* छात्रों ने जीवन और भविष्य को लेकर नए उत्साह और सकारात्मक दृष्टिकोण की बात कही।

शिक्षा जगत के लिए संभावनाओं के नए द्वार :

इस शोध के परिणाम आने वाले समय में शैक्षणिक संस्थानों को विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए वैकल्पिक उपाय अपनाने की दिशा में प्रेरित कर सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि साउंड हीलिंग, योग और ध्यान के साथ मिलकर नई पीढ़ी को मानसिक रूप से अधिक मजबूत, सकारात्मक और संतुलित बना सकती है।