अस्पताल में जांच कराने गईं महिलाओं के प्राइवेट वीडियो लीक , डिफॉल्ट पासवर्ड ने खोली मरीजों की प्राइवेसी, बड़ा खतरा

जब कोई महिला अस्पताल जाती है तो वो खुद को हर तरह से महफूज समझती है लेकिन कई बार कुछ लोगों की लापरवाही की वजह से उनकी निजी वायरल हो जाती हैं. ऐसा ही एक डराने वाला मामला सामने आया है.

अस्पताल में जांच कराने गईं महिलाओं के प्राइवेट वीडियो लीक , डिफॉल्ट पासवर्ड ने खोली मरीजों की प्राइवेसी, बड़ा खतरा

गुजरात (Gujarat)के राजकोट(Rajkot) में पायल मैटरनिटी हॉस्पिटल(Payal Maternity Hospital) में सीसीटीवी सिस्टम(CCTV System) को उसके डिफॉल्ट एडमिन (Default Admin)लॉगिन पासवर्ड ‘admin123’ के जरिये हैक करने का मामला देश के सबसे परेशान करने वाले साइबर स्कैंडल्स में से एक बन गया है। हैकर्स ने अस्पताल के सीसीटीवी सिस्टम को हैक कर गाइनाकोलॉजी वार्ड में महिलाओं की जांच की फुटेज चुराकर मुनाफा कमाने के लिए अंतरराष्ट्रीय पॉर्न मार्केट में बेच दीं। इस घटना से देशभर में साइबर सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गईं।

एक रिपोर्ट के अनुसार, एक्सेस लॉग्स के मुताबिक जनवरी 2024 से लेकर दिसंबर 2024 की शुरुआत तक करीब एक साल तक यह सेंधमारी चली। इस साल फरवरी में साइबर अपराधियों को गिरफ्तार लिया गया। हैकर देशभर से नौ महीनों में करीब 50,000 सीसीटीवी क्लिप्स चुराने में कामयाब रहे।

जांचकर्ताओं ने पाया: 80 सीसीटीवी डैशबोर्ड्स हैक

ये घोटाला तब सामने आया जब राजकोट हॉस्पिटल की टीजर क्लिप्स “मेघा एमबीबीएस” और “सीपी मोंडा” जैसे यूट्यूब चैनलों पर पोस्ट हुईं। ग्राहकों को टेलीग्राम ग्रुप्स में ले जाकर फुटेज 700 से 4,000 रुपये के बीच बेची जा रही थी। जांच में पता चला कि देशभर में करीब 80 सीसीटीवी डैशबोर्ड्स हैक हो चुके थे, जिनमें पुणे, मुंबई, नासिक, सूरत, अहमदाबाद और दिल्ली शामिल थे। पीड़ित 20 राज्यों से थे, जिनमें हॉस्पिटल्स, स्कूल्स, कॉर्पोरेट हाउस, सिनेमा हॉल, फैक्टरियां और प्राइवेट घर तक फैले थे। हालांकि मुख्य गिरफ्तारियां 2025 की शुरुआत में हुईं, लेकिन जून तक ये अवैध क्लिप्स टेलीग्राम ग्रुप्स पर उपलब्ध थीं।

जांचकर्ताओं ने देखा कि ज्यादातर सीसीटीवी सिस्टम्स अभी भी फैक्ट्री सेट पासवर्ड जैसे “admin123” यूज कर रहे थे। अहमदाबाद साइबरक्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया, “मुख्य तरीका ‘ब्रूट फोर्स अटैक’ था, जहां हैकर्स ने प्रोग्राम या बॉट से हर संभावित अक्षर-संख्या का कॉम्बिनेशन ट्राई किया।”

इस ऑपरेशन का मुख्य हैकर परित धमेलिया था, जो बीकॉम ग्रेजुएट है। उसने तीन अलग-अलग सॉफ्टवेयर प्रोग्राम्स का इस्तेमाल किया। चुराए गए क्रेडेंशियल्स से एक और आरोपी रोहित सिसोदिया ने एक्सेस लिया। रोहित को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया, जो मेडिकल लैबोरेटरी टेक्नोलॉजी का डिप्लोमा होल्डर था और कवर के लिए ये इस्तेमाल करता था। उसने वैध रिमोट व्यूइंग टूल का गलत यूज करके चुराए लॉगिन डिटेल्स डालकर हॉस्पिटल के कैमरों में घुसा।