सपा नेता इंद्रजीत सरोज ने हिंदू देवी-देवताओं पर की विवादित टिप्पणी, मंदिरों में ताकत होती तो गजनबी और गौरी न आया होता
सपा महासचिव इंद्रजीत सरोज ने हिन्दू देवी देवताओं को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जब मुस्लिम आक्रांताओं ने मंदिरों को लूटा तो भगवान ने उन्हें श्राप क्यों नहीं दिया.

Indrajeet Saroj Statement: समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन के बाद अब सपा राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज ने हिन्दू-देवी देवताओं और मंदिरों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है जिसके बाद सियासत गरमा गई है. सपा नेता ने कहा कि जब मुस्लिम आक्रांता यहां लूटपाट कर रहे थे हमारे देवी-देवता क्या करते रहे, वो उन्हें श्राप दे सकते हैं. इसका मतलब है कि उनमें कुछ कमी है. हमारे देवी देवता उतने ताकतवर नहीं थे.
सपा महासचिव ने कहा कि "जब मोहम्मद बिन तुगलक इस देश में आया, विदेशी आक्रांता थे वो अरब से चलकर आए थे और लूट कर चले गए, महमूद गजनबी अफगानिस्तान से आया और सोमनाथ मंदिर में 17 बार लूटकर चला गया. पहला मुस्लिम शासक मोहम्मद गौरी था तो यहां के देवी देवता या भगवान क्या करते रहे, उन्हें श्राप दे देना चाहिए था. मुसलमान अंधे हो जाते..भस्म हो जाते.. लूले लंगड़े हो जाते अपाहिज हो जाते.
'देवी-देवताओं में कुछ तो कमी है'
सपा नेता यही नहीं रुके, उन्होंने कहा कि इसका मतलब हमारे देवी देवता में कुछ तो कमी है. हमारे देवी देवता इतने ताकतवर नहीं थे, उन्हें श्राप देना चाहिए था. हमारे दलित पिछड़ों के भगवान तो डॉ अंबेडकर हैं. पीडीए के लोगों को उनको ही भगवान मानना चाहिए. इससे पहले उन्होंने अंबेडकर जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राम का नारा लगाने से कुछ नहीं होने वाला है. ताक़त तो सत्ता के मंदिर में है. यहां बाबा खुद भी विराजमान है.
इंद्रजीत सरोज के बयान पर भड़की बीजेपी
इंद्रजीत सरोज के इस बयान पर भाजपा की भी तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है. बीजेपी प्रवक्ता मनीष शुक्ल ने पलटवार करते हुए कहा कि हिन्दुओं की आस्था केंद्र, उनके देवी देवताओं, गोस्वामी तुलसीदास और जातिगत आधार पर जो गाली इंद्रजीत सरोज ने दी है, जिस अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया है वो अखिलेश यादव के इशारे पर किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि इसी तरह की भड़काऊ बयानबाजी करके मुर्शिदाबाद में हिन्दुओं की हत्या कराई गई है. ये केवल ममता बनर्जी का ही दोष नहीं है बल्कि ओवैसी-अखिलेश जैसे लोग भी उसमें शामिल हैं, माहौल का विषाक्त करने का प्रयास अखिलेश यादव कर रहे हैं. हिन्दुओं को जातिगत आधार पर बांटने के लिए ऐसा करवा रहे हैं. अखिलेश के परिवार में पांच सांसद हैं उनसे इस तरह की भाषा प्रयोग क्यों नहीं कराया जा रहा है. ये अखिलेश यादव साजिश कर रहे हैं.