देश की सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देकर 10 साल में 162 विदेश यात्राएं! फर्जी राजदूत हर्षवर्धन को लेकर हुए कई चौंकाने वाले खुलासे

गाजियाबाद के हर्षवर्धन जैन द्वारा फर्जी दूतावास चलाने के मामले में चौंकाने वालीं जानकारियां सामने आ रही हैं। उसके पास कथित तौर पर 12 राजनयिक पासपोर्ट थे। उसने पिछले 10 साल में लगभग 40 देशों की यात्रा की थी। वह फर्जी वाणिज्य दूतावास चला रहा था खुद

देश की सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देकर 10 साल में 162 विदेश यात्राएं! फर्जी राजदूत हर्षवर्धन को लेकर हुए कई चौंकाने वाले खुलासे

फर्जी पहचान पर दुनिया की सैर: हर्षवर्धन जैन की 162 विदेश यात्राओं की जांच

Ghaziabad Harshvardhan Jain Fake Embassy Scam: गाजियाबाद की एक कोठी में चल रहा था ऐसा दूतावास, जिसके भौकाल ने पुलिस को भी हैरान कर दिया. वहां लग्जरी गाड़ियां थीं, डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट थी और विदेशी झंडे भी. लेकिन जब STF ने जब अंदर छापा मारा तो चौंकाने वाली सच्चाई बाहर निकली. वो कोठी नहीं, फर्जी दूतावास था. और उसका मालिक था महाठग हर्षवर्धन जैन. जिसने 30 से ज्यादा देशों में घूम-घूमकर फर्जीवाड़े की इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी खड़ी कर दी थी!

एक कोठी, चार फर्जी दूतावास!

गाजियाबाद के कविनगर में मौजूद एक कोठी से एक नहीं, चार-चार फर्जी दूतावास संचालित किए जा रहे थे. बाहर से सबकुछ असली लगता था – डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट्स, विदेशी झंडों वाली लग्जरी गाड़ियां और सूटेड-बूटेड लोगों का आना-जाना. इस पूरे भौकाल के पीछे था 47 साल का हर्षवर्धन जैन, जो खुद को अलग-अलग देशों का राजदूत बताकर सालों से लोगों को ठग रहा था.

फर्जी दूतावास चलाने के मामले में गिरफ्तार हर्षवर्धन जैन ने 10 वर्ष में 162 बार विदेश यात्राएं की हैं। उसने वहां कंपनियां बनाईं और उनका इस्तेमाल दलाली में किया। वह सबसे अधिक 54 बार यूएई और 22 बार यूके गया था। अब तक 25 कंपनियों और 20 बैंक खातों की जानकारी सामने आ चुकी है। इस मामले का खुलासा करने वाली नोएडा एसटीएफ के अधिकारियों का दावा है कि वह हवाला कारोबार और लाइजनिंग के धंधे का बहुत बड़ा खिलाड़ी है। उसके खेल के अभी कई खुलासे होने बाकी हैं।

एसटीएफ के अनुसार, वह तांत्रिक गुरु चंद्रास्वामी के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का इस्तेमाल अपने धंधे में करा रहा था। इस नेटवर्क के माध्यम से ही उसने विदेश में अपनी गहरी जड़े जमा ली थीं। तांत्रिक गुरु ने ही उसे अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्कर अदनान खशोगी से भी मिलवाया था। इसके अलावा भी विदेश में अनेक बड़े नामचीन लोग हैं, जिनसे वह तांत्रिक गुरु के माध्यम से मिला था। उनसे हुई मुलाकातों का ब्योरा भी एसटीएफ की टीमें जुटा रही हैं।

वर्ष 2000 में हर्षवर्धन जैन चंद्रास्वामी के संपर्क में आया। चंद्रास्वामी ने लंदन में हर्षवर्धन की मुलाकात अदनान और एहसान से कराई। एहसान के साथ मिलकर हर्षवर्धन ने लंदन में एक दर्जन से अधिक कंपनियां बनाईं, जिनका इस्तेमाल दलाली में किया गया। वर्ष 2006 में हर्षवर्धन दुबई जाकर बस गया। दुबई में हर्षवर्धन की मुलाकात शफीक और इब्राहिम से हुई। शाफिक और इब्राहिम के साथ मिलकर हर्षवर्धन ने दुबई में भी कई कंपनियां बनाईं। इसके अलावा उसने अन्य देशों में भी कंपनियां बनाईं।

54 बार यूएई, 22 बार गया यूके

एसटीएफ के अधिकारियों ने हर्षवर्धन की विदेश यात्राओं के संबंध में भी जानकारी जुटाई है। पासपोर्ट इस्तेमाल से मिले रिकॉर्ड के अनुसार खुलासा हुआ है कि उसने वर्ष 2005 से 2015 के बीच ही 10 वर्षोँं में 162 बार विदेश की यात्राएं की। इस दौरान वह 19 देशों में गया। वह सबसे अधिक 54 बार यूएई गया। इसके अलावा 22 बार यूके की यात्रा की।

खातों का ब्योरा जुटा रही जांच एजेंसी : एसटीएफ

एसटीएफ के एएसपी आर.के मिश्रा ने बताया कि हर्षवर्धन के मामले में चल रही जांच में उससे संबंधित 25 कंपनियों का पता चला है। इसके अलावा उसके 20 बैंक खाते सामने आ चुके हैं। इसमें आठ बैंक खाते दुबई में, तीन यूके में, एक मॉरिशस में और आठ बैंक खाते भारत के हैं। इन खातों में हुए लेन-देन का पूरा ब्योरा जुटाया जा रहा है। इसके अलावा हर्षवर्धन जैन को रिमांड पर लेने के लिए भी कोर्ट में अर्जी दी गई है, जिस पर सोमवार को सुनवाई होनी है।