मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के कोलारस क्षेत्र में स्थित भाटी सरकार हनुमान मंदिर के महंत रामकिशोर दास पर 11वीं कक्षा की एक दिव्यांग छात्रा के साथ दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। इस घटना का खुलासा तब हुआ जब जुलाई 2024 में पीड़िता को पेट दर्द की शिकायत के बाद अशोकनगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी गर्भावस्था की पुष्टि हुई। पीड़िता ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि दिसंबर 2023 में महंत, जिसका असली नाम बृजेश शर्मा है, ने मंदिर परिसर में उसके साथ जबरदस्ती की और किसी को घटना के बारे में बताने पर उसके पिता को जान से मारने की धमकी दी थी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अक्टूबर 2024 में एफआईआर दर्ज की, लेकिन तब तक महंत एक माह पहले ही मंदिर से लापता हो चुका था।
महंत रामकिशोर दास उर्फ बृजेश शर्मा की छवि इलाके में एक चमत्कारी बाबा के रूप में थी, जो झाड़-फूंक और धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से लोगों की समस्याओं का समाधान करने का दावा करता था। 2019 में एक कार से गांव आने के बाद उसने मंदिर के एक कोने में दरबार लगाना शुरू किया और धीरे-धीरे उसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ गई कि बड़ी संख्या में लोग उसकी ओर आकर्षित होने लगे। ग्रामीणों का कहना है कि उसकी दरबार में आम लोगों के साथ ही बड़े अधिकारी और स्थानीय नेता भी आते थे। उसने खुद को एक चमत्कारी साधु के रूप में प्रचारित किया और शराब छुड़ाने के लिए भभूत देने और धार्मिक जुलूस निकालने जैसे बड़े आयोजन भी किए।
जांच में यह भी सामने आया कि महंत रामकिशोर दास ने खुद को सीआरपीएफ का जवान बताकर 2019 में उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक युवती से शादी की थी। वह पत्नी के घर में ही रहने लगा था, लेकिन नौकरी पर न जाने के कारण ससुराल वालों को उस पर शक हुआ और इसके बाद वह पत्नी को छोड़कर भाग निकला। पुलिस को उसके मथुरा और नासिक में दो ठिकाने मिले, लेकिन वे भी फर्जी निकले। इसके अलावा, रामकिशोर ने फर्जी दस्तावेज बनाकर आधार और वोटर कार्ड भी तैयार करवा लिए थे। उसने जिस सिम कार्ड का इस्तेमाल किया, वह भी किसी ग्रामीण के नाम पर लिया गया था। महंत ने मंदिर में आए चढ़ावे के पैसों का भी हेरफेर किया, जिसमें वह ग्रामीणों के खातों का इस्तेमाल करके नकदी निकालता था।
इस मामले के बाद कई सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, ओबीसी महासभा और भीम आर्मी जैसे संगठनों ने महंत की गिरफ्तारी की मांग की है। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता और ओबीसी महासभा की मुख्य संयोजक साधना भारती ने भी पुलिस की जांच को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं, आरोप लगाया कि महंत के रसूख के चलते उसे अब तक पकड़ा नहीं जा सका है। पुलिस ने मध्य प्रदेश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में भी महंत की तलाश तेज कर दी है, लेकिन अभी तक वह गिरफ्त में नहीं आया है।