इंदौर। इंदौर के राजेंद्र नगर क्षेत्र में एक डॉक्टर की तीन नकबपोश युवकों ने गोली मारकर हत्या कर दी। हत्यारे कौन थे और हत्या क्यों की इसका अभी तक पता नहीं चल पाया है। पुलिस के मुताबिक, कुंदन नगर में रहने वाले 34 वर्षीय डॉक्टर सुनील साहू को बदमाशों ने क्लिनिक में घुसकर गोली मारी। वे कैंट रोड स्थित अपने घर पर ही जीवन धारा नाम से क्लिनिक चलाते थे।
बताया जा रहा है कि गोली लगने के बाद डॉक्टर को पहले संकल्प अस्पताल ले जाया गया। बाद में यहां से यूनिक अस्पताल रेफर किया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। एसीपी रुबीना मिज्वानी के मुताबिक डॉक्टर को बदमाशों ने एक गोली मारी है। वहीं, पहले बताया जा रहा था कि बदमाश नकाब में थे, लेकिन पुलिस का कहना है कि चेहरा पूरी तरह कवर नहीं था।
जानकारी के मुताबिक तीन बदमाश सर्दी-जुकाम का इलाज कराने के बहाने क्लिनिक में आए थे। वे दवा लेकर बाहर निकले और कुछ ही मिनटों में चेहरे पर नकाब चढ़ाकर लौटे और डॉक्टर पर गोली चला दी। गोली उनके सीने में लगी। फौरन उन्हें पास के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वे बच नहीं सके।
मीनेश अस्पताल में नौकरी करते थे डॉ. साहू पुलिस के मुताबिक, डॉक्टर सुनील साहू मीनेश अस्पताल में नौकरी करते थे। शाम को वे कुंदन नगर में क्लीनिक चलाते थे। बदमाशों ने क्लीनिक पहुंचकर पर्ची कटाई, 450 रुपए फीस चुकाई और डॉक्टर को दिखाकर दवाई लेकर बाहर निकल आए। उस वक्त वार्ड बॉय के अलावा दो-तीन मरीज और थे।
वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश बाइक से भाग निकले। शोर मचने पर आसपास के लोग मौके पर जमा हो गए।
रात के खाने में इंतजार कर रहा था परिवार डॉ. साहू की शादी डेढ़ साल पहले ही सोनाली से हुई थी। बच्चे नहीं है। ससुर बाबूलाल सब्जी का कारोबार करते हैं। ससुर के मुताबिक घटना के समय वे और बेटी सोनाली परस्पर नगर स्थित घर पर ही थे। सुनील आमतौर पर 9.30 बजे तक घर आ जाते हैं, इसलिए वे खाने के लिए उनका इंतजार कर रहे थे।
इसी बीच सोनाली के पास खबर आई कि सुनील को किसी ने गोली मार दी है। शुरुआती जांच में डॉ. साहू का किसी से कोई विवाद सामने नहीं आया है। फिलहाल, पुलिस सभी एंगल पर जांच कर रही है।
फैक्ट्री मजदूर के मोबाइल से लगाया था कॉल डॉक्टर साहू की हत्या के बाद रात से पुलिस की कई टीमें इस हत्याकांड को सुलझाने में लगी है। देर रात अफसरों ने वह नंबर निकला है, जिससे डॉक्टर को कॉल कर क्लीनिक पर बुलाया गया था। जांच में वह नंबर किसी तिवारी नाम के व्यक्ति का निकला।
पुलिस ने तिवारी से पूछताछ की तो उसने बताया, जब वह चाय की दुकान पर खड़ा था तब दो लोग उसके पास आए थे। एक युवक ने मोबाइल नहीं होने पर कॉल करने के लिए फोन मांगा। उन्होंने मोबाइल से डॉक्टर के नंबर पर कॉल किया था।
एक लड़का क्लीनिक के बाहर चक्कर लगाते रहा डॉक्टर के कंपाउडर दीपक ने पुलिस को बताया, शाम 7:30 बजे डॉक्टर साहब का कॉल आया था। उन्होंने बताया था कि रात साढ़े नौ से दस बजे के बीच में एक पेशेंट आने वाला है। तुम क्लीनिक पहुंच जाना। रात में डॉक्टर करीब 10:30 बजे क्लीनिक पहुंचे। तभी दो लड़के आए। उन्होंने चेहरा ढंक रखा था।
इलाज कराने वाले लड़के का चेहरा दिखा। इस दौरान एक लड़का बाहर चक्कर लगा रहा था। बाद में तीनों चले गए। कुछ देर बाद लड़के लौटे। उनके हाथ में तमंचे थे। उन्होंने धमकी देते हुए रुपए निकालने की बात कही। इस पर डॉक्टर साहब ने अपना पर्स और एटीएम दे दिया। मैंने भी अपना पर्स दे दिया। मुझे दीवार की तरफ मुंह रखने के लिए कहा।
डॉक्टर ने कहा- मैं तुम्हें जानता हूं, और गोली चल गई दीपक ने बताया, डॉक्टर सुनील ने एक हमलावर से कहा कि मैं तुम्हें जानता हूं। तुम ऐसा क्यों कर रहो। बैठकर बात करते हैं। इसी बीच गोली चलने की आवाज आई। डॉक्टर साहब के आवाज लगाने पर उनकी तरफ दौडा, तब तक हमलवार भाग निकले।
निजी अस्पताल से जुडे़ हो सकते हैं तार डॉक्टर सुनील साहू की हत्या पर पुलिस को राउ इलाके के निजी अस्पताल पर संदेह है। हमलवार राउ और महू इलाके से आने की बात कर रहे थे। डॉक्टर सुनील वहां के कुछ मरीजों को क्लीनिक पर भी बुला लेते थे। पुलिस इस एंगल पर भी जांच कर रही है।
कंपाउडर भी निजी अस्पताल में डॉक्टर सुनील साहू का कंपाउडर दीपक एक निजी पैथालजी में जॉब करते हैं। सुनील भी निजी अस्पताल से फ्री होकर रात में यहां अलग से मरीजों को देखते थे। उनका परिवार कुंभराज गुना का रहने वाला है। परिवार मिर्च का व्यापार करता है।