कपड़ा व्यापारियो ने लाभ पाँचम पर शुभ मुहूर्त में पूजन कर किया व्यापार का शुभारंभ
कनफ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (इस साल विवाह के लिए शुभ हैं 18 मुहूर्त
टेक्सटाइल नगरी सूरत सहित देशभर के सभी कपड़ा व्यापारियो ने धनतेरस और दीवाली का पूजन हर्षौल्हास से करके अपने अपने प्रतिष्ठान मंगल किए थे ।कैट के टेक्सटाइल & गारमेंट के राष्ट्रीय चेयरमैन चम्पालाल बोथरा ने बताया कि सूरत कपड़ा बाज़ार के 70000 व्यापारियो सहित देश भर के लाखों व्यापारियो द्वारा आज लाभ पंचमी को दीपावली के 5 दिन के अवकाश के बाद शुभ मुहूर्त में पूजन कर अपने कारोबार का शुभारंभ किया ।इस बार नवरात्रि , दुर्गपूजा , दीपावली , छठपूजा आदि सभी त्योहारों की शानदार ग्राहकी से व्यापारी उत्साहित था उसने दीवाली परिवार के साथ उमंग उत्साह से मनाई और 5 दिन का प्रवास कर अपने परिवार के साथ समय बिता बुधवार लाभ पाँचम को सूरत कपड़ा बाज़ार के 200 मार्केट में 75000 शॉप के व्यापारी भाईओ ने अपनी दुकान खोलकर शुभ मुहूर्त में पूजन कर कार्य का शुभारंभ किया साथ ही टेक्सटाइल उद्योग के सभी घटक ट्रांसपोर्ट, डाइंग प्रिंटिंग प्रोसेस , वैल्यू एडिशन खाते , एम्ब्रोडयरी मशीन , लूम कारख़ाने , डिजिटल प्रिंटिंग मशीन , हैंड प्रोसेस खाते आदि सभी ने लाभ पंचम का मुहूर्त कर कार्य का शुभारंभ किया।
इस बार शादियों की सीजन के ऑर्डर ,पेंडिंग सौदे और नये ऑर्डर की माँग होने से सूरत सहित समग्र देश की कपड़ा एवम् गारमेंट उद्योग की मंडियो के व्यापारी अब शादियों की आगामी सीजन में बड़े व्यापार की उम्मीद के साथ त्योहारियों में जुट गये है ।इस बार शादियों का सीजन भी जून तक काफ़ी लंबा है । जो देवउठनी एकादशी यानी 11 नवंबर से शूरू हो जाएगा । इस बार शादी के मुहूर्त नवंबर में 10 दिन दिसंबर में 8 दिन जनवरी में 10 दिन फ़रवरी में 20 दिन मार्च में 9 दिन अप्रैल में 11 दिन मई में 19 दिन और जून में 8 दिन।
इसमें मात्र एक महीना 15 दिसंबर से 14 जनवरी मक्रसकारन्ति तक शादिया नहीं होगी । कैट टेक्सटाइल & गारमेंट के चेयरमैन चम्पालाल बोथरा ने बताया कि आजकल शादियों में हर परिवार की सबसे बड़ी ख़रीदी कपड़े की रहती है । हर शादी की रस्म के कार्यक्रम में पूरे परिवार और मेहमानो का ड्रेस कोड होने से कपड़े में लहंगा , साडी, कुर्ता पायजामा , कोटि , जोधपुरी सूट , इंडो वेस्टर्न कोट , थ्री पीस कोट पेंट , शूटिंग , शर्टिंग, लेडीज सूट , गाउन , किड्स वियर , होज़ीयारि, कुर्ती, प्लाज़ो ,लेंगिस जीन्स , टी शर्ट , नाईट वियरआदि के साथ साथ विंटर के गरम कपड़ों में शाल , ऊनी स्वेटर ,जेकेट , मफ़लर , मोजे टोपी आदि का ग्राहकी भी बढ़ जाती है । साथ ही शादी ब्याव में लगने वाले टेंट , डिकोरेशन , स्टेज, कैटरिंग टेबल , ग्राउंड सजावट , आदि में कपड़े की माँग भरपूर बढ़ जाती है ।सूरत अहमदाबाद , जेतपुर , कच्छ, भिवंडी , मालेगांव , इचलकरंजी , उल्हासनगर ,
जोधपुर , बालोतरा, जयपुर , पाली ,कोटा , ईरॉड, तिरुपुर , कोयंबटूर , हैदराबाद , मउ , वाराणसी ,बरेली , लखन्नऊ , दिल्ली , गोरखपुर ,इंदौर , जबलपुर , कोलकत्ता लुधियाना ,पानीपत आदि मंडियो में कच्चा ग्रे रॉ मैटेरियल , गारमेंट , फैब्रिक्स , ऊनी कपड़े , पर्दे , बेडशीट आदि माल की डिमांड देखने को मिल रही है । इन 60 दिन की 48 लाख शादियों के बाद जनवरी से जून तक नये लगन का आँकड़ा कपड़ा बाज़ार की ग्राहकी को बढ़ाएगा और देश की अर्थ व्यवस्था को मज़बूत दिशा देगा ।
कैट की रिसर्च टीम के अध्ययन के अनुसार, शादियों का सीजन देवउठनी एकादशी 12 नवंबर से शुरू हो रहा है और 16 दिसंबर तक चलेगा। इस 60 दिन में अनुमानित 48 लाख शादियां होने का अनुमान है। रिटेल क्षेत्र, जिसमें सामान और सेवाएं दोनों शामिल हैं, उसमें लगभग 6 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होने की उम्मीद है।
दिवाली के फेस्टिवल सीजन से देश की अर्थव्यवस्था को एक बड़ा बूस्ट मिला है। दीपों के उत्सव के दौरान लगभग 4.25 लाख करोड़ रुपये के सामान की खरीदारी की गई है। अब कारोबारियों की निगाहें शादियों के सीजन पर टिकी हैं। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री और लोकसभा सांसद प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक, इस वर्ष नवंबर-दिसंबर में करीब 48 लाख शादियां होंगी। इसके चलते देश में 6 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होने की उम्मीद है। इस साल शादी के लिए 18 शुभ मुहूर्त हैं।
रिटेल क्षेत्र, जिसमें सामान और सेवाएं दोनों शामिल हैं, उसमें लगभग 6 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होने की उम्मीद है। पिछले साल इस सीजन में 35 लाख शादियों से कुल 4.25 लाख करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था। इस साल शुभ विवाह मुहूर्त की तिथियों में वृद्धि होने के कारण व्यापार में उल्लेखनीय बढ़ोतरी का अनुमान है। वर्ष 2023 में 11 शुभ मुहूर्त थे, जबकि इस वर्ष 18 मुहूर्त होने से व्यापार को और अधिक बढ़ावा मिलने की संभावना है।कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने शादी के खर्चों का ब्योरा देते हुए कहा, इस सीजन में अनुमान के मुताबिक देश भर में 10 लाख शादियां, 3 लाख रुपये के खर्च पर संपन्न होंगी। 10 लाख शादियां, 6 लाख रुपये के खर्च पर होंगी। 10 लाख शादियां, 10 लाख रुपये, 10 लाख शादियां, 15 लाख रुपये, 7 लाख शादियां, 25 लाख रुपये, 50,000 शादियां 50 लाख रुपये, 50,000 शादियां, 1 करोड़ या उससे अधिक के खर्च पर संपन्न होंगी।
रिटेल क्षेत्र, जिसमें सामान और सेवाएं दोनों शामिल हैं, उसमें लगभग 6 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होने की उम्मीद है। पिछले साल इस सीजन में 35 लाख शादियों से कुल 4.25 लाख करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था। इस साल शुभ विवाह मुहूर्त की तिथियों में वृद्धि होने के कारण व्यापार में उल्लेखनीय बढ़ोतरी का अनुमान है। वर्ष 2023 में 11 शुभ मुहूर्त थे, जबकि इस वर्ष 18 मुहूर्त होने से व्यापार को और अधिक बढ़ावा मिलने की संभावना है।कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने शादी के खर्चों का ब्योरा देते हुए कहा, इस सीजन में अनुमान के मुताबिक देश भर में 10 लाख शादियां, 3 लाख रुपये के खर्च पर संपन्न होंगी। 10 लाख शादियां, 6 लाख रुपये के खर्च पर होंगी। 10 लाख शादियां, 10 लाख रुपये, 10 लाख शादियां, 15 लाख रुपये, 7 लाख शादियां, 25 लाख रुपये, 50,000 शादियां 50 लाख रुपये, 50,000 शादियां, 1 करोड़ या उससे अधिक के खर्च पर संपन्न होंगी।
खंडेलवाल ने बताया कि ये अनुमान शुभ तिथियों के अनुसार है। जो लोग शादी की तिथियों का विचार नहीं करते, वो भी अन्य तिथियों पर शादी करते हैं। वहीं शादियों से संबंधित अन्य अनेक रस्म जैसे मेहंदी, संगीत एवं सगाई जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। इससे भी व्यापार को बूस्ट मिलता है। शादी के खर्च को सामान और सेवाओं के बीच विभाजित किया जाता है। इसमें मुख्य रूप से वस्त्र, साड़ियां, लहंगे और अन्य परिधान पर 10%, आभूषण 15%, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली उपकरण, और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स 5%, सूखे मेवे, मिठाइयाँ, और स्नैक्स 5%, किराना और सब्जियाँ 5%, उपहार आइटम्स 4% तथा अन्य वस्तुओं पर 6% का अमूमन खर्च होता है। दूसरी ओर शादियां, सेवा क्षेत्र में बैंक्वेट हॉल, होटल और शादी के स्थल 5%, इवेंट मैनेजमेंट 3%, टेंट सजावट 10%, केटरिंग एवं सेवाएँ 10%, फूल सजावट 4%, परिवहन और कैब सेवाएँ 3%, फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी 2%, ऑर्केस्ट्रा, संगीत आदि 3%, लाइट और साउंड 3% तथा अन्य सेवाएँ 7%, के खर्च के अंदाज से संपन्न होती हैं।पिछले वर्ष से एक नया रुझान शादियों के लिए सोशल मीडिया सेवाओं पर बढ़ते खर्च का है। खंडेलवाल ने इस लंबे शादी के सीजन और त्योहार की बिक्री को भारतीय अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व बढ़ावा देने वाला बताया है