AAP छोड़ने वाले कैलाश गहलोत ने थामा BJP का दामन, कहा- ED और CBI के दबाव वाली बात गलत

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नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत भाजपा में शामिल हो गए। गहलोत रविवार को मंत्री पद से इस्तीफा देने के साथ ही आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता छोड़ने की घोषणा की थी।

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व दिल्ली के चुनाव प्रभारी बैजयंत पांडा, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत गौतम, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीजेंद्र गुप्ता, केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा, दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता, सांसद व भाजपा के मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी सहित अन्य नेताओं ने उनका पार्टी में स्वागत किया।

कैलाश गहलोत ने भाजपा की सदस्यता लेने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी छोड़ना मेरे लिए आसान कदम नहीं था। अन्ना आंदोलन से मैं पार्टी से जुड़ा था। लगातार दिल्लीवासियों के लिए काम किया। हर कोई सोच रहा है कि मैंने किसी दबाव में यह निर्णय लिया। मैंने आज तक किसी के दबाव में कोई काम नहीं किया। 2015 से राजनीतिक जीवन से पार्टी में रहकर कोई भी काम दबाव में नहीं किया।

कैलाश गहलोत ने कहा कि ये नैरेटिव फैलाया जा रहा है कि मैंने ईडी और सीबीआई के दबाव में आम आदमी पार्टी छोड़ दी। ये सारी गलतफहमी है। ये एक रात में लिया गया निर्णय नहीं है। मैं पेशे से वकील हूं। वकालत छोड़कर आम आदमी पार्टी से जुड़ा। लाखों कार्यकर्ता ने काम छोड़ा और एक विचारधारा और पार्टी से जुड़े। क्योंकि उस पार्टी में सबने एक उम्मीद देखी थी। दिल्लीवासियों और लोगों की सेवा करने के मकसद से मैं आम आदमी पार्टी से जुड़ा था।

दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले कैलाश गहलोत ने रविवार को आम आदमी पार्टी से इस्तीफे की घोषणा की। कैलाश गहलोत ने आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा था।

अपने इस पत्र में कैलाश गहलोत ने दिल्ली सरकार के कामकाज पर भी प्रश्न उठाए हैं। उन्होंने संदेह जताया कि दिल्ली सरकार के इस रवैए से दिल्ली का विकास नहीं हो सकेगा। उन्होंने आरोप लगाया की बतौर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जिस बंगले में रहे उस ‘शीशमहल’ पर विवाद है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री आवास की साज सज्जा पर करोड़ों रुपए खर्च करने का आरोप लगता रहा है। सरकारी आवास पर अब अरविंद केजरीवाल की पार्टी के ही वरिष्ठ नेता लग्जरी खर्च का आरोप लगा रहे हैं।

इसके अलावा कैलाश गहलोत ने यमुना नदी की सफाई को लेकर भी दिल्ली सरकार के समक्ष प्रश्न खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में यमुना साफ नहीं हुई, बल्कि नदी पहले के मुकाबले और अधिक गंदी हो गई है।

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