रिपोर्ट: रवींद्र आर्य प्रखर न्यूज़ व्यूज एक्सप्रेस
दिल्ली: विहिप नेता पूज्य साध्वी सरस्वती और नूपुर शर्मा की मुलाकात में हिंदुत्व और उसके आदर्शों के प्रति प्रतिबद्धता पर चर्चा अहम रही। अगर यह मुलाकात दिल्ली में महान व्यक्तित्व वाले वीर सावरकर की तस्वीर के सामने हुई तो इसका प्रतीकात्मक महत्व भी बढ़ जाता है।
महान क्रांतिकारी वीर सावरकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी और हिंदुत्व की विचारधारा के प्रमुख स्तंभों में से एक थे। उनकी तस्वीर के सामने शपथ लेने का मतलब यह हो सकता है कि इन नेताओं ने अपने सिद्धांतों और विचारधारा के प्रति अटूट समर्पण दिखाने की प्रतिबद्धता जताई है।
यह मुलाकात हिंदुत्व के लिए एकता और भावी रणनीतियों पर चर्चा का संकेत हो सकती है।
साध्वी सरस्वती विश्व हिंदू परिषद (विहिप) से जुड़ी एक प्रमुख हिंदुत्व नेता हैं। वह संगठन के अभियानों और विचारधारा को आगे बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभाती हैं। साध्वी सरस्वती मुख्य रूप से अपने मजबूत और स्पष्ट हिंदुत्व वक्तव्यों के लिए जानी जाती हैं और विभिन्न मंचों पर वीएचपी के उद्देश्यों का समर्थन करती हैं।
वे एक प्रभावशाली वक्ता और सनातन धर्म के प्रति समर्पित व्यक्ति के रूप में जानी जाती हैं, जो युवा पीढ़ी को हिंदुत्व के प्रति जागरूक करने का काम करती हैं।