राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर विवादित बयान देकर चर्चा में आ गए हैं. संभल मामले को लेकर कहा, भाजपा मस्जिदों में मंदिर तलाशना बंद कर दे नहीं तो मंदिरों में बौद्ध मठ तलाशने ने शुरू हो जायेंगे. सरकार हिंदू मुस्लिम करके मुद्दों से भटका रही है. वह मैनपुरी में मनोज शाक्य की मां के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए पहुंचे थे. जहां उन्होंने सरकार पर निशाना साधा.
“मस्जिद में मंदिर खोजोगे तो मंदिर में खोजे जाएंगे बौद्ध मठ”
संभल घटना को लेकर कहा, “अगर गड़े मुर्दे उखाड़ेंगे तो मस्जिद में मंदिर खोजने वालों को बहुत महंगा पड़ेगा. इसलिए हर मस्जिद में मंदिर खोजना बंद कर दें क्योंकि अगर मस्जिद में मंदिर खोजेंगे तो लोग मंदिरों में बौद्ध मठ खोजना शुरू कर देंगे. इतिहास इस बात का गवाह है बद्रीनाथ, केदारनाथ,जगन्नाथ पुरी,रामेश्वरम यह सब बौद्ध तीर्थ स्थल थे. इन सब को हिंदू धर्म में बदल दिया गया है. अगर ऐसा है तो बात यहां नहीं रुकेगी, इसके आगे भी जाएगी. सम्राट अशोक ने 84 हजार बौद्ध स्तंभ बनाए थे आखिर वह कहां चले गए. यानी कि इन्हीं लोगों ने उनको तोड़कर मंदिर बनाया है तो अगर मस्जिद में मंदिर खोजा जाएगा तो मंदिर में बौद्ध मठ खोजा जाएगा.”
हिंदू मुस्लिम करके मुद्दों से भटका रही सरकार
सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “मूलभूत समस्याओं पर जवाब ना देना पड़े इसलिए सरकार जनता को मंदिर मस्जिद और हिंदू मुस्लिम जैसे मुद्दों पर उलझा कर गुमराह करने की कोशिश कर रही है. जिससे सरकार की कलई ना खुले, सरकार की असफलता का जिक्र ना हो, बिगड़ी कानून व्यवस्था पर बहस ना हो. बेरोजगारी-महंगाई पर चर्चा ना हो, जाति जनगणना पर चर्चा ना हो. जनता की आँख में धूल झोकने के लिए हिंदू मुस्लिम का नाम लेकर के जनता को भटकाया जा रहा है.”
अमन-चैन जरूरी
“देश में अमन चैन रहे इसके लिए जरूरी है 15 अगस्त 1947 के दिन देश के किसी भी धर्म की जो धार्मिक स्थल स्थिति जैसी रही, उसको स्वीकार करना चाहिए. जिसके लिए देश में अमन चैन और आपसी सौहार्द भाई चारा बना रहे. जो यहां की संस्कृति थी. हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई बौद्ध जैन पारसी आपस में भाई-भाई बनकर देश आगे बढ़े. मंदिर मस्जिद की राजनीति वही हो रही है जहां पर भाजपा की सरकार हैं.”
सरकार को बताया हर मुद्दे पर फेल
स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा सरकार पर हमलावर होते हुए कहा केंद्र और प्रदेश की सरकारें सभी मुद्दों पर फेल हो चुकी है. किसानों के साथ अत्याचार किया जा रहा है. देश का किसान दिल्ली के बॉर्डर पर रोका जा रहा है. किसानों की समस्या सुनने को कोई तैयार नहीं है. किसानों की समस्याएं उनको तबाही की ओर लेकर जा रही है. आज महंगी शिक्षा जानबूझकर की जा रही है, जिससे किसान और गरीब शिक्षा ग्रहण न कर पाएं.