भोपाल ।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने विगत दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश शेखर कुमार यादव द्वारा विश्व हिन्दू परिषद के आयोजन में जाकर भारत के संवैधानिक मूल्यों के विपरीत वक्तव्य देने की कड़ी भर्त्सना की है।भाकपा ने न्यायाधीश शेखर कुमार यादव के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई कर उन्हें सेवा से बर्खास्त करने की मांग की है।*
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के मध्य प्रदेश राज्य सचिव कॉमरेड अरविन्द श्रीवास्तव और राज्य सह सचिव कॉमरेड शैलेन्द्र शैली ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि ” इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश शेखर कुमार यादव का आचरण उनके पद की गरिमा और भारत के संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप नहीं है।इलाहाबाद हाईकोर्ट के परिसर में विश्व हिन्दू परिषद के विधि प्रकोष्ठ को आयोजन की अनुमति देना अनुचित है।न्यायाधीश शेखर कुमार यादव को इस तरह के आयोजन में शामिल नहीं होना चाहिए था।फिर वहां जाकर उन्होंने भारत के संवैधानिक मूल्यों के विपरीत वक्तव्य दिया और धर्म निरपेक्ष मूल्यों पर प्रश्न उठाए। उन्होंने बहुसंख्यकबाद देश की समस्त जनता पर थोपने का सांप्रदायिक और नफ़रत बढ़ाने वाला वक्तव्य दिया।उनका सांप्रदायिकता फैलाने वाला जहरीला वक्तव्य भारत के संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है।यह अनुचित और अक्षम्य है।भारत के सुप्रीम कोर्ट को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करना चाहिए ।न्यायाधीश शेखर कुमार यादव के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई कर उन्हें सेवा से बर्खास्त करना चाहिए।भविष्य में न्यायाधीशों को उनके पद की गरिमा और भारत के संवैधानिक मूल्यों की रक्षा हेतु सजग रहने के लिए निर्देशित करना चाहिए। इस हेतु यह ज़रूरी है कि न्यायाधीशों की नियुक्ति के समय उनकी भारत के संवैधानिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्धता ,समाजवाद और धर्म निरपेक्ष मूल्यों की सही , वैज्ञानिक समझ का भी परीक्षण किया जाए। विगत कुछ वर्षों में न्याय पालिका के शीर्ष पर बैठे कई लोगों ,न्यायाधीशों का आचरण जिस तरह सांप्रदायिक तथा प्रतिगामी प्रवृत्तियों का देखने में आया है,वह अक्षम्य है।कुछ न्यायाधीश राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सदस्य की तरह काम कर रहे हैं।सेवा निवृत्त होने के बाद भाजपा सरकार से लाभान्वित होने में भी कोई संकोच नहीं है।यह स्थितियां निर्मित होना अनुचित और चिंताजनक हैं। समय रहते इसे रोकने हेतु प्रभावी कारवाई करना चाहिए ।”