प्रयागराज में रविवार को भारतीय किसान यूनियन की मजदूर महापंचायत मुंडेरा मंडी में हुई। राकेश टिकैत ने प्रशासन को अल्टीमेटम दिया कि दिसंबर महीने तक मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो प्रयागराज से किसान क्रांति की शुरुआत होगी। तब किसान आरपार की लड़ाई लड़ेगा।
सलमान खान मामले के सवाल पर उन्होंने कहा-सलमान खान को विश्नोई समाज से माफी मांगनी चाहिए। ताकि दुश्मनी खत्म हो जाए। अगर किसी को कोई ठेस पहुंची है, तो एक सॉरी बोलने में क्या जाता है। अगर नहीं मांगेंगे तो अपना भुगतेंगे।
सरकार का एक एजेंडा…जनता गरीब हो’ राकेश टिकैत ने किसान, मजदूरों को संबोधित करते कहा-सुन लेना, सरकार का एजेंड है कि देश की जनता गरीब हो। इस सरकार को गरीब, मजदूर, किसान से कोई लगाव नहीं है। आज किसान लड़ रहा है।
सबको एकजुट होना होगा तभी लड़ी सफल होगी। प्रशासन को समझ लेना चाहिए कि किसान क्रांति करने निकल पड़ा तो क्या होगा। ऐसे में समय रहते किसानों की समस्याओं और मांगों को खत्म कर दें।
क्या है किसानों की मांग प्रयागराज में महाकुंभ 2025 को लेकर सरकार द्वारा संगम क्षेत्र से जुड़े विभिन्न संपर्क मार्गों, पार्कों, नालियों सहित अन्य सार्वजनिक महत्व के स्थानों पर सुंदरीकरण के निर्माण कार्य कराए जा रहे वह कार्य मानक के अनुरूप नहीं हैं। ठेकेदारों एवं अधिकारियों की मिली भगत से सरकारी धन को बांटा जा रहा है।
प्रस्तावित रिंग रोड के निर्माण हेतु सैकड़ों किसानों की जमीनों को सरकार द्वारा अधिग्रहित किया जा रहा है। किसानों कि भूमि पर सरकार के संबंधित विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा गुंडागर्दी करके खेतों में जेसीबी चलवाई जा रही है।
सोरांव तहसील के थाना थरवई के अंतर्गत आने वाले गोड़वा गांव से जुड़े कल 8 विभिन्न गांव में लगभग 4000 ग्रामीणों की आबादी है। पिछले 30 वर्षों के दौरान लगभग 25 से अधिक लोग रेलवे लाइन को पार करते समय विभिन्न ट्रेनों कि चपेट में आकर अपनी जान गवां चुके हैं। यहां के पीड़ित किसान लगभग 18 महीनों से आंदोलनरत हैं।
प्रीतम नगर स्थित स्वामी विवेकानंद पार्क पर भू माफिया द्वारा कब्जा किया गया। भू माफिया पर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
प्रयागराज विकास प्राधिकरण के द्वारा वर्तमान में विभिन्न सड़कों के चौड़ीकरण का काम कराया जा रहा है, परंतु किसी भी प्रभावित भू स्वामी को उसका बकाया मुआवजा प्राधिकरण के द्वारा नहीं दिया जा रहा है।
सड़कों के चौड़ीकरण के कारण नैनी, झूसी, फाफामऊ समेत तमाम सड़कों के किनारे बसे गरीब किसान, मजदूर व आमजन के मकान पर लाल स्याही लगा दी गई है, जिसपर सभी प्रभावित लोगों ने आपत्ति भी दर्ज करवाई है।
बारा पावर प्लांट से प्रभावित 5 गांवों के किसानों से किए गए वादों के अनुसार कंपनी द्वारा बच्चों को निशुल्क शिक्षा दिलवाई जाए। बारा पावर प्लांट के प्रभावित किसानों के परिवार के एक सदस्य को स्थाई नौकरी प्रदान कि जाए।