अरुण कुमार शेंडे
सामाजिक कुरीति बाल विवाह को रोकने जनजागरूकता जरूरी
बाल विवाह कराने तथा शामिल होने पर दो साल की सजा और एक लाख रू तक जुर्माने का प्रावधान
रायसेन जेण्डर आधारित हिंसा की रोकथाम हेतु मनाए जा रहे हम होंगे कामयाब पखवाड़ा अंतर्गत रायसेन स्थित पीएमश्री स्वामी विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय सभागार में आयोजित बाल विवाह निषेध अधिनियम और इन कानूनों के उल्लंघन के कानूनी परिणामों पर वेबिनार और सत्र का कलेक्टर अरविंद दुबे अपर सत्र न्यायाधीश राजीव राव गौतम एसपी पंकज पाण्डे तथा नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सविता सेन द्वारा शुभारंभ किया गया वेबिनार और सत्र में भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित बाल विवाह मुक्त भारत अभियान शुभारंभ कार्यक्रम का लाईव प्रसारण भी देखा व सुना गया इस अवसर पर कलेक्टर दुबे ने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है बाल विवाह के सामाजिक शारीरिक आर्थिक और शैक्षणिक दुष्परिणाम होते हैं तथा यह अपराध की श्रेणी में आता है बाल विवाह कराने तथा इसमें शामिल लोगों के लिए सजा और जुर्माने का प्रावधान है उन्होंने कहा कि जिन परिवारों में पहले कभी बाल विवाह हुए हैं वह भी इसके दुष्परिणामों को जानते हैं बाल विवाहसामाजिक कुरीति बाल विवाह को रोकने जनजागरूकता जरूरी बाल विवाह कराने तथा शामिल होने पर दो साल की सजा और एक लाख रू तक जुर्माने का प्रावधान रायसेन में बालक-बालिका दोनों के लिए परेशानीदायक होता है वह शारीरिक और मानसिक रूप से विवाह के तैयार नहीं होते हैं कलेक्टर दुबे ने कहा कि शासन द्वारा बाल विवाह को रोकने के लिए लगातार योजनाएं अभियान संचालित किए जा रहे हैं कोई भी बच्चा माता-पिता पर बोझ ना बने इसके लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रहीं हैं बच्चों को निःशुल्क शिक्षा निःशुल्क पाठ्य पुस्तक गणवेश छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है साथ ही शासकीय स्कूलों में मध्यान्ह भोजन भी प्रदान किया जाता है उन्होंने कहा कि आज जिले के सभी विकास खण्डों और ग्राम पंचायतों में भी बाल विवाह की रोकथाम हेतु जनजागरूकता लाने कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं कलेक्टर दुबे ने कहा कि शासन के प्रयासों के सकारात्मक परिणाम भी मिल रहे हैं यदि कोई माता-पिता बालिका का बाल विवाह करते हैं तो प्रायः बालिका द्वारा स्वयं या किसी के माध्यम से शासन को सूचना पहुंचाई जाती है तथा अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा तत्परता के साथ संबंधित के यहां पहुंचकर बाल विवाह रूकवाया जाता है साथ ही माता-पिता को समझाईश देने के साथ ही दण्डात्मक कार्रवाई के बारे में भी बताया जाता है उन्होंने उपस्थित बालक बालिकाओं और नागरिकों से कहा कि अपने परिवार में, आसपड़ोस में सभी को बाल विवाह की रोकथाम हेतु प्रेरित करें साथ ही बाल विवाह होने की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल शिक्षकों आंगनवाड़ी कार्यकर्ता या शासकीय अमले को अवगत कराएं कलेक्टर दुबे द्वारा सभी को बाल विवाह की रोकथाम हेतु पूरी लगन और निष्ठा से कार्य करने की शपथ दिलाई गई कार्यक्रम में अपर सत्र न्यायाधीश राजीव राव गौतम ने बाल विवाह अधिनियम 2006 के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 1 नवंबर 2007 से लागू इस अधिनियम के तहत 18 साल से कम उम्र की लड़की या 21 साल से कम उम्र के लड़के का विवाह बाल विवाह माना जाता है उन्होंने कहा कि बाल विवाह दंडनीय अपराध है तथा बाल विवाह करने वाले या करवाने वाले को दो साल की जेल या एक लाख रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं उन्होंने बताया कि इस अधिनियम के तहत किसी महिला को जेल नहीं हो सकती लेकिन जुर्माने से दंडित किया जा सकता है इसी प्रकार अधिनियम के तहत किसी भी सद्भावनापूर्ण कार्रवाई पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी के खिलाफ कोई वाद या अभियोजन नहीं किया जा सकता है अपर सत्र न्यायाधीश ने कहा कि माता पिता को अपने बच्चों का विवाह विधि अनुरूप विवाह की निर्धारित आयु के पहले अर्थात 18 वर्ष से कम आयु की लडकी और 21 वर्ष से कम आयु के लडके का विवाह किसी भी दशा में नहीं करना चाहिए वैवाहिक निमंत्रण पत्रिका में वर और वधु की आयु का भी उल्लेख करना चाहिए उन्होंने कहा कि बाल विवाह करवाने वाले वर-वधु दोनों पक्षों के माता-पिता भाई-बहन अन्य पारिवारिक सदस्यों विवाह करवाने वाले पंडित अथवा अन्य धर्मगुरू विवाह में शामिल बाराती घराती बाजेवाले घोडेवाले टेन्टवाले हलवाई तथा विवाह कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले अन्य सभी संबंधित व्यक्तियों पर कानूनी कार्रवाई की जाती है जनसाधारण एवं विवाह में सेवा देने वाले सेवाप्रदाता बाल विवाह कार्यक्रम में ना तो शामिल हों और ना ही अपनी सेवाएं दें पुलिस अधीक्षक पंकज पाण्डे द्वारा भी बाल विवाह अधिनियम 2006 अंतर्गत बाल विवाह कराने वालों पर की जाने वाली कार्रवाई और बाल विवाह की रोकथाम हेतु पुलिस बल द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया गया कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सविता सेन ने कहा कि बाल विवाह एक कुप्रथा जिससे ना केवल बच्चों का बचपन छिन जाता है बल्कि उनकी पढ़ाई अधूरी छूटने के साथ-साथ उनका शारीरिक एवं मानसिक विकास अवरूद्ध होता है इसलिए हम सभी का नैतिक दायित्व है कि बाल विवाह न होने दें बाल विवाह को रोकने के लिए नागरिक भी आगे आएं और कहीं भी बाल विवाह होने की सूचना मिलने परशासन प्रशासन को अवगत कराएं जिससे कि बाल विवाह को रोका जा सके कार्यक्रम में महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी दीपक संकत द्वारा जिले में बाल विवाह की रोकथाम हेतु किए जा रहे कार्यो प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया गया कृषक सहयोग संस्थान के श्री एसबी सेन द्वारा भी संबोधित किया गया इस अवसर पर महाविद्यालय की जन भागीदारी समिति के अध्यक्ष मनोज कुशवाह महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक जुनेजा सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी बालक-बालिकाएं और आमजन उपस्थित रहे