पूरा देश गणतंत्र दिवस के जश्न में डूबा हा है। दिल्ली में इस बार पूरे भारत से करीब 10,000 विशेष अतिथियों को परेड देखने के लिए आमंत्रित किया गया है। इनमें पैरालंपिक दल, शीर्ष प्रदर्शन वाले गांवों के सरपंच, हथकरघा कारीगर, वन एवं वन्यजीव संरक्षण कार्यकर्ता कार्यक्रम में शामिल हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचे, जहां उन्होंने शहीद नायकों को श्रद्धांजलि दी. इससे पहले पीएम मोदी ने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश के लोगों को बधाई दी और संविधान निर्माताओं को याद किया. प्रधानमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘गणतंत्र दिवस की ढेरों शुभकामनाएं! आज हम अपने गौरवशाली गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. इस अवसर पर हम उन सभी महान विभूतियों को नमन करते हैं, जिन्होंने हमारा संविधान बनाकर यह सुनिश्चित किया कि हमारी विकास यात्रा लोकतंत्र, गरिमा और एकता पर आधारित हो. यह राष्ट्रीय उत्सव हमारे संविधान के मूल्यों को संरक्षित करने के साथ ही एक सशक्त और समृद्ध भारत बनाने की दिशा में हमारे प्रयासों को और मजबूत करे, यही कामना है.’
प्रलय हथियार प्रणाली का प्रदर्शन कर्तव्य पथ पर किया जा रहा है। प्रलय हथियार प्रणाली, सतह से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइल है, जिसे गणतंत्र दिवस 2025 परेड के दौरान प्रदर्शित किया गया। 400 किलोमीटर की रेंज के साथ, प्रलय को युद्ध के मैदान में कई तरह के लक्ष्यों को बेअसर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे भारत की सामरिक क्षमताएँ बढ़ जाती हैं।
कर्तव्य पथ पर सशस्त्र बलों के दिग्गजों के जीवन और बलिदान को चिह्नित करने वाली एक झांकी प्रदर्शित की गई। सम्मान समारोह में उन सम्मानित दिग्गजों को भी शामिल किया गया जिन्होंने खेलों में भारत को गौरव दिलाया है। इनमें पद्मश्री से सम्मानित सूबेदार मुरलीकांत पेटकर, जिनकी कहानी पर बॉलीवुड फिल्म चंदू चैंपियन बनी थी और मानद कैप्टन जीतू राय भी शामिल थे। अर्जुन और खेल रत्न पुरस्कार विजेता कर्नल बलबीर सिंह कुलार, कैप्टन (आईएन) होमी मोतीवाला, मास्टर चीफ पेट्टी ऑफिसर तजिंदर तूर, मास्टर वारंट ऑफिसर राम मेहर सिंह और विंग कमांडर गुरमीत संधू भी मौजूद थे।
कर्तव्य पथ पर पैदल सेना की टुकड़ी भारत की उन्नत सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन करती है, जिसकी शुरुआत ऑल-टेरेन व्हीकल (एटीवी) ‘चेतक’ और स्पेशलिस्ट मोबिलिटी व्हीकल, ‘कपिध्वज’ से होती है, जिसे कठिन इलाकों, खास तौर पर ऊंचाई वाले इलाकों में युद्धाभ्यास के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके बाद लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल, बजरंग और व्हीकल माउंटेड इन्फैंट्री मोर्टार सिस्टम, ऐरावत हैं। परेड में आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत विकसित क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल (हैवी) ‘नंदीघोष’ और क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल (मीडियम) ‘त्रिपुरांतक’ भी शामिल हैं। ये स्वदेशी रूप से निर्मित बख्तरबंद वाहन गतिशीलता और सुरक्षा में उत्कृष्ट हैं और पहले से ही संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में सेवा दे रहे हैं।