Breaking
7 Nov 2024, Thu

बुलडोजर से जिसका घर तोड़ा उसे 25 लाख दीजिए…सुप्रीम कोर्ट का योगी सरकार को आदेश

उत्तर प्रदेश में बुलडोजर एक्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने यूपी सरकार को आदेश दिया है कि बुलडोजर से जिसका घऱ तोड़ा गया है उसे 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। इस मामले में सीजेआई ने कहा कि घर तोड़ने में किसी भी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। खुद सरकार की ओर से हलफनामा देकर कहा गया है कि इस मामले में कोई नोटिस जारी नहीं किया गया।

सीजेआई ने जताई नाराजगी

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यूपी सरकार की ओर से कहा गया कि सिर्फ 3.6 वर्गमीटर का अतिक्रमण था। आपकी ओर से इसका कोई प्रमाण नहीं दिया गया। बिना नोटिस दिए आप किसी का घर तोड़ने कैसे शुरू कर सकते हैं। किसी के भी घर में घुसना अराजकता है। आप पीड़ित को 25 लाख रुपये का मुआवजा दें। सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन को लेकर भी नाराजगी जाहिर की।

प्रक्रिया का पालन क्यों नहीं किया- कोर्ट

कोर्ट ने कहा कि यह पूरी तरह से मनमानी है। हमारे पास हलफनामा मौजूद है। आप साइट पर गए और लोगों को घर तोड़ने की जानकारी दे दी। जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा कि आपके यह कहने का आधार क्या है कि यह अनाधिकृत था, आपने 1960 से क्या किया है, पिछले 50 साल से क्या कर रहे थे। सीजेआई ने कहा कि वार्ड नंबर 16 मोहल्ला हामिदनगर में स्थित अपने पैतृक घर और दुकान के विध्वंस की शिकायत करते हुए मनोज टिबरेवाल द्वारा संबोधित पत्र पर स्वत: संज्ञान लिया गया था।

कोर्ट ने पूछे तीखे सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यूपी सरकार से कहा कि आपके अधिकारी ने पिछली रात सड़क चौड़ीकरण के लिए पीले निशान वाली जगह को तोड़ दिया, अगले दिन सुबह आप बुलडोजर लेकर आ गए। आप परिवार को घर खाली करने का समय भी नहीं देते। इस मामले में सड़क चौड़ीकरण तो सिर्फ एक बहाना नजर आता है। सीजेआई ने कहा कि यूपी ने एनएच की मूल चौड़ाई दर्शाने के लिए कोई दस्तावेज पेश नहीं किया है। एनएचआरसी की रिपोर्ट बताती है कि तोड़ा गया हिस्सा 3.75 मीटर से कहीं अधिक था।

By archana

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *