उज्जैन। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे सांसद श्रीकांत शिंदे द्वारा महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रतिबंध के बावजूद प्रवेश करने के मामले में मंदिर प्रबंध समिति ने दर्शन व्यवस्था प्रभारी विनोद चौकसे को पद से हटा दिया है और चार अन्य कर्मचारियों को नोटिस देकर 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है।
बता दें कि गुरुवार शाम श्रीकांत शिंदे पत्नी और दो अन्य लोगों के साथ महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर गए। भीतर जाकर पांच मिनट से भी अधिक समय तक पूजन करते रहे। इस दौरान उन्हें किसी ने नहीं रोका। मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने जांच और कार्रवाई की बात कही थी।
कांग्रेस विधायक महेश परमार ने शुक्रवार को कहा कि जहां एक आम भक्त को भगवान महाकालेश्वर के दर्शन के लिए लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता है और घंटों इंतजार करना पड़ता है, वहीं “वीआईपी लोगों को गर्भगृह में प्रवेश करने की अनुमति दी गई, जबकि प्रवेश पर प्रतिबंध है।”
मंदिर समिति के अध्यक्ष और उज्जैन के जिला कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा था कि किसी को भी गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं है। यह (शिंदे का) एक अनधिकृत प्रवेश है और मैंने मंदिर प्रशासक को इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
बड़ा सवाल, किसी ने रोका क्यों नहीं? गुरुवार को श्रीकांत शिंदे और उनके साथ आए लोग जब महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर रहे थे, तब उनके साथ सुरक्षा प्रभारी जयंत राठौर और गर्भगृह निरीक्षक भी थे। इनके प्रवेश पर रोक क्यों नहीं लगाई गई, यह बड़ा सवाल है। महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे मुंबई की कल्याण लोकसभा सीट से तीन बार के सांसद हैं। वे 2014, 2019 और फिर 2024 में शिव सेना पार्टी से चुनाव जीते और सांसद बने। वे ऑर्थोपेडिक सर्जन भी हैं।