मांझी समाज के साथ भाजपा सरकार ने किया वादा खिलाफी


 

मध्य प्रदेश राज्य में माझी जनजाति को भारतीय संविधान अधिनियम 1950 अनुच्छेद 342 के अंतर्गत आरक्षण प्रदान किया गया है तत्कालीन केंद्रीय भारत सरकार कांग्रेस पार्टी की सरकार मांझी जाति को पूर्व में 1976 के पूर्व तक आठ जिलों में आरक्षण आरक्षण प्रदान किया गया था जिसमें रीवा सीधी शहडोल टीकमगढ़ छतरपुर सतना दतिया और पन्ना जिले थे उसके बाद मध्य प्रदेश की कांग्रेस पार्टी की सरकार ने 1975 में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्यामा चरण जी शुक्ला के द्वारा अनुशंसा की गई क्षेत्रीय बंधन समाप्त करने के लिए केंद्र में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी द्वारा 18 सितंबर 1976 को लोकसभा में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति संशोधन अधिनियम बिल पार्लियामेंट में पास कर के माझी जनजाति को संपूर्ण मध्य प्रदेश राज्य में अनुसूचित जनजाति का आरक्षण प्रदान किया गया और क्षेत्रीय बंधन समाप्त किया गया उसके बाद भी वर्तमान में मध्य प्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम सन 2000 के तहत मध्य प्रदेश राज्य में और छत्तीसगढ़ राज्य में माझी जनजाति को अनुसूचित जनजाति का आरक्षण प्रदान किया गया है इसके पूर्व माझी जनजाति की समाहित जातियां जो वर्ष 1949 में विंध्य प्रदेश राज्य के चीफ सेक्रेटरी द्वारा केंद्रीय भारत सरकार को जो अनुशंसा की गई थी जिसमें मांझी जाति की समाहित जातियां उक्त आदेश में डिक्लेअर है चार जातियों को माझी जनजाति माना गया था इसी प्रकार 1948 में मध्य भारत राज्य के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल के समय केवट जाति आदिवासी सूची में दर्ज है मांझी जाति आदिवासी सूची में दर्ज है और ढीमर जाति को कॉल जनजाति के साथ में अधिसूचित किया गया है तथा मध्य प्रदेश राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जी द्वारा माझी जनजाति समुदाय के हित में समय-समय पर आदेश जारी किए गए हैं जिसमें 6 फरवरी 1998 17 मार्च 1998 7 सितंबर 1998 8 दिसंबर 1998 25 सितंबर 1998 21 जनवरी 2004 तक के जो आदेश कांग्रेस पार्टी के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जी द्वारा जारी कराए गए वह भी हमारे पक्ष में है इसी प्रकार दोबारा 1993 को मध्य प्रदेश राज्य के महामहिम राज्यपाल कुंवर मोहम्मद अली खान के समय और 13 12 1993 का आदेश जो जारी किया गया जो मांझी जनजाति की समाहित जातियों को अनुसूचित जनजाति की सूची में अधिसूचित करते हुए आरक्षण प्रदान करने की आदेश जारी किए गए थे समय-समय पर कांग्रेस पार्टी की सरकार द्वारा मांझी मछुआरा समुदाय को आरक्षण प्रदान करने एवं रोजगार में मत्स्य व्यवसाय में प्राथमिकता देने के आदेश जारी किए गए परंतु जिस प्रकार 25 फरवरी 2005 का जबलपुर हाईकोर्ट का आदेश माननीय न्यायाधीश के के लाहोटी जी की बेंच द्वारा मध्य प्रदेश राज्य सरकार को जो आदेश जारी किया गया था कि मध्य प्रदेश राज्य सरकार यह बताएं कि मध्य प्रदेश राज्य में माझी जनजाति के लोग कौन है परंतु भारतीय जनता पार्टी की राज्य सरकार के मुखिया श्री बाबूलाल जी गौर द्वारा न्यायालय की अवमानना करते हुए 11 नवंबर 2005 को जो आदेश जारी किया गया वह माझी समाज के विरोध में निकल गया था इसी प्रकार 1 जनवरी 2018 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी चौहान द्वारा जो आदेश जारी कराया गया वह भी हमारे समाज के लोगों के पास में उपलब्ध है भारतीय जनता पार्टी द्वारा हमारे माझी जनजाति समाज के छात्र-छात्राओं को जाति प्रमाण पत्र प्रदान नहीं किया जा रहे हैं आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा रहा है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी आरक्षण विरोधी पार्टी है और आरक्षण विरोधी अधिकारी हमारे माझी जनजाति समुदाय के साथ में अन्य कर रहे हैं इस संदर्भ में पेसा एक्ट का आदेश जारी किया गया और वर्तमान में मत्स्य व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों के धंधे रोजगार चीन का काम वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी की राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है उसके भी आदेश जारी हुए हैं हमारे समाज के लोगों को ध्यान देना चाहिए ।

गोवर्धन रैकवार 

राष्ट्रीय मछुआ कांग्रेस

 प्रदेश उपाध्यक्ष

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