राम से नफरत तो पाकिस्तानी भी नहीं करते', आचार्य प्रमोद कृष्णम ने विपक्षी नेताओं को दी ये सलाह
नई दिल्ली: आचार्य प्रमोद कृष्णम ने विपक्षी नेताओं को नसीहत दी है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नफरत करने में कुछ लोग अपना सत्यानाश करने में लगे हैं। पीएम का विरोध करना ठीक है। उनके फैसलों की आलोचना करने में भी बुराई नहीं है। लेकिन, नफरत सही नहीं है। लोकतंत्र में इसकी गुंजाइश नहीं है। इसी निगेटिविटी के चक्कर में लोगों ने बनी बनाई सरकारों को गिराया है। लोकतंत्र में स्वस्थ आलोचना की जगह है। निगेटिविटी की नहीं। कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राम मंदिर का भी जिक्र किया। उन्होंने राम का विरोध करने वाले को नास्तिक बताया। प्रमोद कृष्णम ने कहा कि राम मंदिर का उद्घाटन समूचे देश का उत्सव है। जिन लोगों को भी राम मंदिर के उद्घाटन पर जाने का निमंत्रण मिला है, उन्हें वहां जरूर जाना चाहिए। यह सौभाग्य होगा। निमंत्रण ठुकराना दुर्भाग्य की बात होगी।आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि राम भारत की आत्मा है राम के बिना न तो भारत की कल्पना की जा सकती है. राम से नफरत तो पाकिस्तानी भी नहीं करते तो भारत में तो श्रीराम का विरोध होना ही नहीं चाहिए, रोम रोम में राम है.
लोकतंत्र में निगेटिविटी की गुंजाइश नहीं
प्रमोद कृष्णम से पूछा गया था कि उनकी पार्टी के साथ दूसरे विपक्षी दलों के भी कुछ नेता मोदी सरकार पर राम मंदिर के नाम पर वोट बंटोरने का आरोप लगा रहे हैं। इस पर कांग्रेस नेता ने नसीहत देते हुए कहा कि यह बड़ा दुर्भाग्य है। लोकतंत्र में ऐसा नहीं होना चाहिए। आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करें, उनके फैसलों की अलोचना करें। लेकिन, मोदी से नफरत करें यह लोकतंत्र की निशानी नहीं है। कुछ लोग ऐसे हैं जो नरेंद्र मोदी से नफरत करने में अपना सत्यानाश कर रहे हैं।