सेक्स रैकेट के आरोपितों पर FIR करने में लापरवाही, टीआई लाइन हाजिर, SI का तबादला



 ग्वालियर, पर्ल इन गेस्ट हाउस में सेक्स रैकेट पकड़े जाने के बाद 12 घंटे तक यूनिवर्सिटी थाने के टीआइ हितेंद्र राठौर आरोपितों पर एफआइआर करने से बचते रहे। सुबह से शाम तक वह अलग-अलग बहाने बनाकर एफआइआर टालते रहे। फिर धारा 151 के तहत कार्रवाई कर केस को कमजोर करने की कोशिश की। इस पूरी कार्रवाई ने टीआइ हितेंद्र राठौर और इस कार्रवाई में शामिल पुलिसकर्मियों को कटघरे में खड़ा कर दिया। इसी के चलते एसएसपी राजेश सिंह चंदेल ने टीआइ राठौर को लाइन हाजिर कर दिया। इस पूरे मामले की विस्तृत जांच एएसपी को सौंपी है। जांच रिपोर्ट तीन दिन में पेश होनी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। 

सोमवार को सिटी सेंटर के पटेल नगर स्थित पर्ल इन गेस्ट हाउस में एएसपी ऋषिकेष मीणा ने यूनिवर्सिटी थाने की टीम भेजकर कार्रवाई कराई थी। यहां गेस्ट हाउस के एक कमरे से तीन काल गर्ल और होटल के दो कर्मचारियों को पकड़ा था। जबकि गेस्ट हाउस संचालक राहुल यादव, एजेंट संदीप कुशवाह, पारस गुर्जर फरार हो गए। जब पुलिस कालगर्ल और गेस्ट हाउस में काम करने वाले रोहित पटेल, गंधर्व को जब थाने ले गई तो संचालक व एजेंट के मोबाइल चालू थे।

एफआईआर दर्ज करने में लापरवाही

टीआइ हितेंद्र सिंह राठौर को सुबह ही पुलिस अधिकारियों ने एफआइआर के निर्देश दिए और इस मामले में संचालक व एजेंटों पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए लेकिन शाम तक एफआइआर नहीं की। कालगर्ल व गेस्ट हाउस के कर्मचारियों के जरिये संचालक व एजेंटों से बात की, इसके बाद यह लोग भाग गए। इन्हें पकड़ा नहीं जा सका। टीआइ से जब शाम को पुलिस अधिकारियों ने कार्रवाई की जानकारी मांगी तो बोले- धारा 151 के तहत कार्रवाई बन रही है। जबकि कमरे में देह व्यापार पकड़ा गया था, खुद कालगर्ल ने इसकी जानकारी दी थी फिर महिला पुलिस अधिकारी न होने का बहाना बनाकर कार्रवाई टाली।

पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई

एएसपी ऋषिकेष मीणा ने बताया कि एफआइआर में टीआइ खुद फरियादी बन सकता है, तब टीआइ ने रात करीब 10.15 बजे एफआइआर की। इस पूरे मामले की जानकारी एएसपी ने एसएसपी राजेश सिंह चंदेल को दी। एसएसपी राजेश सिंह चंदेल ने इस मामले में बुधवार को एक्शन लिया। टीआइ राठौर को लाइन हाजिर कर दिया। एएसपी को जांच के आदेश दिए हैं। यूनिवर्सिटी थाने के एसआइ प्रदीप कुमार को मंगलवार को ही यूनिवर्सिटी थाने से रवानगी दे दी गई। एसआइ का स्थानांतरण हो चुका था, लेकिन उसे रवानगी नहीं दी गई थी। इस कार्रवाई में वह भी कटघरे में है।

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