महाराज' के 5 वफादारों के टिकट में पेंच, पुराने लोगों की दावेदारी से बीजेपी की दूसरी सूची अटकी?

 


ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ आए कुछ उनके समर्थकों का टिकट इस चुनाव में कट सकता है। सबसे ज्यादा ग्वालियर-चंबल में उनके लोगों पर खतरा है। 2020 के उपचुनाव में शांत रहने वाले बीजेपी के पुराने नेता अब मुखर हो गए हैं। उनके मुखर होने के बाद टिकट को लेकर पार्टी के सामने असहज स्थिति है। पार्टी को सभी सीटों पर जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश है। पूरे ग्वालियर-चंबल इलाके में नए वर्सेज पुराने की स्थिति है। इसी टकराव में कोलारस से विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सिंधिया समर्थकों पर कई आरोप लगाए हैं। स्थिति को भांपते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के भी कुछ समर्थक घर वापसी करने लगे हैं। मतलब कांग्रेस में वापस लौट रहे हैं।

ग्वालियर पूर्व को लेकर अटकलें

दरअसल, राज्य बीज विकास निगम के अध्यक्ष मुन्ना गोयल हैं। मुन्ना गोयल ग्वालियर पूर्व से विधायक थे, ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ उन्होंने पाला बदल लिया था। उपचुनाव में हार गए। इसके बावजूद पार्टी ने उन्हें उपकृत कर दिया। 2023 विधानसभा के लिए ग्वालियर पूर्व से बीजेपी की नेत्री माया सिंह फिर एक्टिव हो गई हैं। ऐसे में मुन्नालय गोयल के टिकट पर संशय है।

रणवीर जाटव का कट गया है पत्ता

वहीं, बीजेपी में ये अकटलें यूं ही नहीं है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों के टिकट कटने का सिलसिला शुरू हो गया है। गोहद से उपचुनाव हारने वाले रणवीर जाटव का पत्ता कट गया है। बीजेपी ने यहां से उम्मीदवारी तय कर दी है। पार्टी ने पुराने नेता लाल सिंह आर्य को यहां उम्मीदवार बनाया है। इस फैसले पर रणवीर जाटव ने चुप्पी साध ली है।

इमरती देवी पर भी खतरा

इसके साथ ही डबरा से विधायक रहीं इमरती देवी पर भी संशय है। उपचुनाव में वह कांग्रेस के सुरेश राजे से हार गई थीं। ऐसे सूत्र बताते हैं कि उनका टिकट तय माना जा रहा था। लेकिन सुरेश राजे के एमएमएस लीक होने के बाद इमरती देवी का ऑडियो वायरल हुआ। इससे पार्टी और संघ कथित तौर पर नाराज है। ऐसे में इमरती देवी का सियासी समीकरण बिगड़ गया है।

करैरा में भी हैं उलझनें

वहीं, करैरा विधानसभा सीट से पिछली बार चुनाव हारे जसवंत जाटव पर भी संकट है। सरकार बनवाने का इनाम उन्हें मिल चुका है। चुनाव हारने के बाद सरकार ने उन्हें पशुधन कुक्कट निगम का अध्यक्ष बना दिया है। बीजेपी इस चुनाव में जिताऊ उम्मीदवारों की खोज कर रही है। ऐसे में इस बार इनकी बलि भी ली जाने की चर्चा है।

मुरैना में भी रघुराज पर संकट

इसके साथ ही मुरैना में भी सिंधिया समर्थक रघुराज सिंह कंसाना के टिकट पर खतरा मंडरा रहा है। रघुराज सिंह कंसाना भी उपचुनाव हार गए थे। इसके बावजूद पार्टी ने उन्हें अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम का अध्यक्ष बना दिया। इंटरनल सर्वे में उनकी स्थिति कथित रूप से ठीक नहीं है। ऐसे में उनके ऊपर भी कैंची चल सकती है।

गौरतलब है कि ये सारे वैसे लोग हैं, जो उपचुनाव हार गए थे। इसकी वजह से इनकी दावेदारी कमजोर पड़ गई है। इसके साथ ही कुछ समर्थक इनके वापस कांग्रेस में लौट रहे हैं। इससे ज्योतिरादित्य सिंधिया की स्थिति कमजोर हो रही है। हालांकि टिकट कटने को लेकर पूर्व में सिंधिया बोल चुके हैं। हम सभी बीजेपी के लिए हैं, जो जीतने वाला होगा, उसे टिकट मिलेगा।

Popular posts from this blog

शुजालपुर *कुर्सी तोड़ टी.आई रतन लाल परमार ऐसा काम ना करो ईमानदार एस.पी को बदनाम ना करो*

ट्रांसफर नीति पर अपने ही नियम तोड़ रहा एनएचएम ऑनलाइन की जगह ऑफलाइन किए कम्नूटी हेल्थ ऑफिसर के ट्रांसफर

फल ठेले बाले ने नपा सीएमओ पर बरसाए थप्पड़, कर्मचारियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा वीडियो वायरल