इंदौर में रेपिस्ट टीचर को 20 साल की जेल:कोर्ट ने कहा- इसे बख्शा तो लोग बेटियों को पढ़ने नहीं भेजेंगे


 इंदौर जिला कोर्ट ने छात्रा से रेप करने वाले एक टीचर को 20 साल की सजा सुनाई है। घटना 8 जून 2020 की है। टीचर हमजा इस्माइल खान ने दसवीं की छात्रा को धोखे से घर ले जाकर उससे रेप किया था। उसके हाथ-मुंह बांध दिए थे। टीचर, छात्रा को स्कूल के अलावा ट्यूशन में मैथ्स पढ़ाता था, इसलिए वो उसे जानती थी। रेप के बाद वह 10 दिन तक सहमी बैठी रही। फिर एक दिन हिम्मत जुटाकर मां को आपबीती सुनाई, तब मामला थाने तक पहुंचा। अदालत ने 26 जुलाई फैसला सुनाते हुए कड़ी टिप्पणी भी की।

बचाव में बोला- हम एक-दूसरे को चाहते हैं

पुलिस ने जांच के बाद कोर्ट में चालान पेश किया था। सुनवाई में आखिर तक हमजा ने स्वीकार नहीं किया था कि उसने छात्रा के साथ दुष्कर्म किया है। वो अलग-अलग तर्क देता रहा। उसने यहां तक कह दिया कि छात्रा और वो एक-दूसरे को चाहते हैं। सब कुछ छात्रा की मर्जी से हुआ है। शादी करना चाहते हैं। छात्रा के घरवाले दोनों की शादी के लिए तैयार नहीं थे, इसलिए उन्होंने झूठी शिकायत करवाई है।

आरोपी की तरफ से इस संबंध में एक गवाह भी कोर्ट में पेश किया, लेकिन उसने अपने बयान में ऐसा कुछ नहीं बताया, जिससे साबित हो सके कि दोनों के बीच प्रेम-प्रसंग था और शादी करना चाहते थे। न ही कोई ऐसा सबूत पेश किया कि छात्रा और आरोपी की शादी की बात चल रही थी।

पीड़िता ने भी अपने बयान में शादी की बात से मना किया। उसने कोर्ट को बताया कि टीचर होने के कारण उसकी बातचीत होती थी। छात्रा के परिजन ने स्पष्ट किया कि शादी की बात का तो सवाल ही नहीं उठता।

अदालत से झूठ बोला कि लड़की बालिग है

जब शादी वाला तर्क कोर्ट में खारिज हो गया तो हमजा की तरफ से कहा गया कि लड़की बालिग है। हालांकि, ये तर्क भी कोर्ट में नहीं टिक सका। क्योंकि स्कूल के स्कॉलर रजिस्टर और पेरेंट्स के बयान करवाए गए तो कोर्ट में साफ हो गया कि घटना के समय छात्रा की उम्र 18 साल से कम थी। जबकि आरोपी की उम्र तब करीब 25 साल थी। आरोपी ये जानता था कि पीड़िता नाबालिग है। इसके बावजूद उसने छात्रा के साथ गलत हरकत की।

आरोपी ने सजा में नरमी की गुहार लगाई, कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी

कोर्ट में टीचर के तमाम तर्क खारिज हो गए। सजा सुनाने के पहले उसकी तरफ से गुहार लगाई गई। जिसमें कम उम्र का हवाले देते हुए सजा में नरमी बरतने की मांग की गई। हालांकि, कोर्ट ने इस पर सख्त टिप्पणी की। सरकारी वकील की तरफ से भी कठोर से कठोर सजा सुनाने की मांग की गई थी।

कोर्ट ने बेटियों के भविष्य और उनकी पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए आरोपी की सजा में उदारता नहीं बरतने की बात कही। बचाव पक्ष ने कहा था कि यह आरोपी का पहला अपराध है। उसका पूर्व का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, आरोपी कम उम्र का व्यक्ति है। अत: आरोपी को परिवीक्षा अधिनियम का लाभ दिया जाए या न्यूनतम दंड से दंडित किया जाए।

अब पढ़िए कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए क्या कहा

आरोपी द्वारा बालिका का शिक्षक होकर पढ़ाई के बहाने उसे अपने घर ले जाकर ऐसा अपराध करना गुरु-शिष्य के रिश्ते को कलंकित करने वाला कृत्य है। यदि उसके द्वारा किए गए ऐसे कृत्य पर उदारतापूर्वक विचार किया गया तो समाज पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। लोग अपनी बेटियों को पढ़ाने पर कतराएंगे, जिसका प्रभाव बालिकाओं के भविष्य पर पड़ेगा।

कोर्ट ने टीचर को 20 साल की सजा सुनाई। साथ ही पीड़िता को 80 हजार रुपए की राशि प्रतिकर के रूप में दिलाए जाने की अनुशंसा भी की। कोर्ट ने आरोपी को 24 जुलाई को अंतिम सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

पढ़ाई को लेकर चैटिंग हुई

पीड़िता की तरफ से विशेष लोक अभियोजक सुशीला राठौर ने पैरवी की। उन्होंने बताया कि टीचर हमजा ने कोर्ट में बयान दिया कि वो और छात्रा एक-दूसरे को चाहते हैं। उनकी शादी की बात भी चल रही है, लेकिन इस बात को साबित नहीं कर सका। छात्रा के साथ चैटिंग कोर्ट में पेश की गई, लेकिन उसमें भी ऐसा कुछ नहीं था, जिससे ये साबित हो कि दोनों के बीच प्रेम प्रसंग है।

एक गुरु और शिष्य के बीच पढ़ाई को लेकर जो बातचीत होती है, वो ही बात चैटिंग में थी। खुद को बचाने के लिए हमजा ने दसवीं की छात्रा को बालिग तक साबित करने की कोशिश की, लेकिन स्कॉलर रजिस्टर, जन्म प्रमाण पत्र और माता-पिता के बयानों से कोर्ट के सामने सब कुछ साफ हो गया कि पीड़िता घटना के समय नाबालिग थी। ये बात आरोपी शिक्षक भी अच्छे से जानता था। लड़की ने घटना के बाद आगे की पढ़ाई जारी रखी है

जब घरवाले नहीं थे, तब बुलाकर घर लाया था आरोपी

मामला 8 जून 2020 का है। दसवीं की छात्रा पड़ोस में ही रहने वाली अपनी सहेली के घर मैथ्स कोचिंग के लिए जाती थी। उन दोनों को हमजा इस्माइल खान निवासी सिल्वर कॉलोनी गली नंबर-1, खजराना पढ़ाने आता था। घटना वाले दिन हमजा दोपहर में 2 बजे पीड़िता के घर गया और कहा कि मेरे घर चलो, कुछ काम है, पढ़ाई के संबंध में बताना है।

पीड़िता ने कहा कि घर पर मम्मी-पापा नहीं है, वो नानी के घर गए हैं। मैं नहीं जा सकती। इसके बावजूद शिक्षक ने कहा कि जरूरी काम है, 15 मिनट के लिए चल दो। इसके बाद वह चली गई। वहां उससे रेप किया और धमकी दी।

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