मंत्री जी नहीं आए तो दीपक भी नहीं जलाया
जबलपुर। घटना नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कालेज अस्पताल में 26 जून को नए एकेडमिक भवन के लोकार्पण की तैयारियां की गईं थीं। कांफ्रेंस हाल में मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन की व्यवस्था की गई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मांडविया को उद्घाटन समारोह में फीता काटना था। वे जबलपुर तो आए परंतु मेडिकल नहीं गए। मंत्री नहीं आएंगे यह सूचना मिलते ही मेडिकल के अधिकारी, डाक्टर, कर्मचारी व विद्यार्थी निराश हो गए। भवन का लोकार्पण तो टल गया परंतु मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन भी नहीं हुआ। कुछ सनातन प्रेमियों ने कहा यह तो अपशगुन है। अधिकारी ही दीपक जला दें। परंतु तभी ध्यान आया कि मेडिकल यूनिवर्सिटी के दीक्षा समारोह मेंं कथित अधिकारियों ने मां सरस्वती के पूजन पर रोक लगा दी थी। उन्हें यह नहीं पता कि किसी शिक्षण संस्थान में मां सरस्वती का पूजन हमारी परंपरा है।
रसल चौक निवासी इनामी बदमाश को क्राइम ब्रांच की भारी भरकम फौज भी नहीं पकड़ पाई। परंतु उसे ओमती पुलिस ने पकड़ लिया। 10 हजार के इनामी बदमाश की छह प्रकरणों में तलाश थी। शातिर बदमाश कैसे पकड़ा गया। जवान व अधिकारी अपने-अपने स्तर पर श्रेय लेने में जुटे हैं। पर हकीकत यह है कि जिसे जीरो समझा व हीरो निकला। एक प्रधान आरक्षक जो नेताजी के षडयंत्र का शिकार हुआ उसके हाथ अनिराज की गर्दन तक पहुंचे जिसका श्रेय पूरी पुलिस टीम को मिला। नेताजी के बेटे के ‘बीयर बार’ में मनमानी चलती रहे इसलिए प्रधान आरक्षक को मेन लाइन से हटाकर लूप लाइन भेज दिया गया था। परंतु हीरा हर जगह चमकता है। लूप लाइन में भी वह कमाल कर रहा है। ओमती थाने के जवान नेताजी और अधिकारियों को कोस रहे हैं। कहते हैं कि दोनों के षडयंत्र में थाने की मजबूत कड़ी टूट गई।
बड़े मियां तो बड़े मियां, छोटे मियां...
मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान चिकित्सा विश्वविद्यालय के कर्मचारी लंच के बाद चाय पीने निकले। इस बार चर्चा छोटे मियां और बड़े मियां चर्चा की चर्चा शुरू हुई। बड़े विश्वविद्यालय में हैं तो छोटे सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में। दोनों में खून का रिश्ता है। एक कर्मचारी ने कहा कि बड़े तो इतने मनी माइंडेड हैं कि कमाई का मौका मिले तो सीधे झाड़ू लगा देते हैं। फिर चाहे विश्वविद्यालय की साख पर कालिख ही क्यों न पुत जाए। छोटे भी उन्हीं के नक्शे-कदम पर चल पड़े हैं। कर्मचारियों के हितलाभ देने का सौदा कर कमाई कर ली। दूसरे कर्मचारी ने कहा कि सुपर स्पेशियलिटी वाले एक साहब भी तो छोटे से मिले हुए हैं। कमाई का आधा हिस्सा तो वे भी ले रहे हैं। तीसरे कर्मचारी ने कहा कि वे तो मैडम की कृपा से साहब बने हैं। अब देखना यह है कि छोटे, बड़े, मैडम व साहब की चौकड़ी कब बेनकाब होती है। चौथे कर्मचारी ने कहा चौकड़ी पर ऊपर वालों की कृपा है।
रेल मंडल के लिए पनौती
विगत माह से जबलपुर रेल मंडल में मौसमी दुर्घटनाएं अंजाम ले रही हैं। कहीं गर्मी में रेल पांते पसर रही हैं तो कहीं बरसात में पुल पुलिया उफान पर हैंं। वहीं दूसरी ओर मंडल में मानवीय भूल से भी दुर्घटनाएं हो रही हैं। कर्मचारियों में कानाफूसी चल रही है की जबलपुर मंडल के लिए एक रेल चोर पनौती बना है। जहां पैर रखता है वहीं से दुर्घटना शुरू हो जाती है। कुछ दिन कंट्रोल में अटैच रहा तो मौसमी दुर्घटनाएं फिर उसके बाद ट्रेनिंग सेंटर में आने पर मानवीय भूल की घटनाएं अंजाम ले रही हैं। असल में शहपुरा भिटौनी में रेल पटरियों की चोरी के प्रकरण में संलिप्त इंजीनियर पर अफसरों की कृपा पमरे के कर्मचारियों के गले नहीं उतर रही है। चोरी के प्रकरण का हल्ला मचा तो दिखावे की कार्रवाई हुई बाद में प्रशिक्षण केंद्र में पदस्थापना दे दी गई। रेल सेवा की शपथ लेने वाले कर्मचारी कहते हैं कि चोर चोर मौसेरे भाई।