चंबल का एक थाना ऐसा भी: बदमाशों से नहीं, बिच्छुओं से खौफजदा हैं पुलिसकर्मी, वर्दी तो कभी जूते में घुसकर काटते


 उत्तर प्रदेश के आगरा में एक थाना ऐसा भी है जहां पुलिसकर्मी बदमाशों से नहीं बल्कि बिच्छुओं से खौफजदा हैं। बारिश शुरू होने के बाद से परिसर में बिच्छू घूमते रहते हैं। वह पुलिसकर्मियों की वर्दी तो कभी जूते में घुसकर बैठ जाते हैं। जब पुलिसकर्मी पहनने के लिए वर्दी या जूते उठाते हैं को दबाव पड़ने से बिच्छू उन्हें डस लेते हैं। ऐसा कई बार हो चुका हैं। 

मामला मनसुखपुरा थाने का है। यहां की पुलिस बीहड़ के बदमाशों से नहीं बल्कि बिच्छुओं के हमले से परेशान है। शाम होते ही थाना परिसर में बिच्छू रेंगने लगते हैं। पुलिसकर्मियों का आधा ध्यान बिच्छुओं पर ही लगा रहता है। पुलिसकर्मी हर रोज 8-10 बिच्छू पकड़कर घड़े में बंद करते हैं। फिर इन्हें जंगल में छोड़ देते हैं।

जिला मुख्यालय से करीब 70 किमी दूर चंबल के बीहड़ में स्थित है मंसुखपुरा थाना। धौलपुर से सटे बीहड़ के इस इलाके में 50-60 के दशक में मान सिंह, मोहर सिंह, तहसीलदार सिंह, माधौ सिंह आदि दस्यु गिरोह की धमक थी।

डकैतों से मुक्ति दिलाने के लिए मंसुखपुरा थाना अस्तित्व में आया था। अब चंबल के डाकू नहीं रहे, लेकिन मंसुखपुरा पुलिस की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। बारिश के दिनों में चिकनी मिट्टी से निकले बिच्छू थाना परिसर में घुस आते हैं।

थानाध्यक्ष बताते हैं कि सांझ ढलते ही बिच्छू थाना परिसर में रेंगने लगते हैं। ऑफिस और कमरे से बाहर निकलने से पहले बिच्छू के हमले के डर से लोग टॉर्च की रोशनी करते हैं। वर्दी पहनते समय भी बिच्छू का डर रहता है।

मनसुखपुरा थाने के आवासीय परिसर में खूंटी पर टंगी वर्दी पहनते समय मंगलवार को कांतर (कनखजूरा) ने सिपाही रामनिवास को पीठ पर काट लिया। उन्होंने बताया कि खूंटी पर टंगी वर्दी में यह चिपका हुआ था। इस हादसे के बाद से लोग अपनी वर्दी पहनते समय बिच्छू के साथ कांतर से भी डरने लगे हैं। 

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