लव अफेयर में युवक की हत्या के बाद बना साधु, सूरत पुलिस ने 23 साल बाद मथुरा से दबोचा


 अहमदाबाद: गुजरात की सूरत पुलिस ने लीक से हटकर पुलिसिंग को अंजाम देते हुए हत्या के मामले में वांछित एक मोस्ट वांटेड को 23 साल बाद पकड़ा है। सूरत के उधना क्षेत्र में हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी साधु बन गया था। सूरत पुलिस ने इस मोस्ट वांटेड को पकड़ने के लिए साधु का रूप धारण किया और फिर उत्तर प्रदेश के मथुरा से अरेस्ट किया। इतने सालों से पुलिस को चकमा दे रहे इस हत्यारोपी पर पुलिस ने 45 हजार रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था। सूरत पुलिस आयुक्त अजय तोमर ने सूरत पुलिस की पीसीबी (Prevention of Crime Branch) की काम की तारीफ की है।

क्या था मामला

उधना क्षेत्र में हत्या के बाद मथुरा में सन्यासी बन कर छिपे आरोपी को पुलिस की पीसीबी ने अरेस्ट किया है। पुलिस को पिछले 23 साल से तलाश थी। पुलिस के अनुसार पकड़ा गया आरोपी राकेश है जो कि ओडिशा के गंजाम जिले के ब्रह्मापुर का निवासी है। वह पदम चरण पांडा बनकर रह रहा था। 23 साल पहले सूरत जिले के उधना कस्बे के शांतिनगर में वह अपने कुछ दोस्तों के साथ किराए पर रहता था। इसी दौरान उसने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर विजय सांचीदास नाम के युवक की हत्या कर दी थी। इसके बाद भाग निकले थे

गला घोंटकर की थी हत्या

साधु बनकर छिपे राकेश ने विजय की 23 सितंबर 2001 को अपहरण करके खाड़ी (बरसाती नाले) के पास गला घोंट करहत्या की थी। इसके उसके बाद शव को खाड़ी में फेंककर फरार हो गए थे। घटना के बाद उधना पुलिस टीम ने ओडिशा में उसके गांव में भी छापा मारा, लेकिन सफलता नहीं मिली थी। पुलिस ने बीते सालों में कई बार छापेमारी की, लेकिन खाली हाथ लौटी।

गुप्त सूचना पर ऑपरेशन

सूरत पुलिस को हाल ही में हत्यारोपी राकेश उर्फ लंबे पदम चरण पांडा के उत्तर प्रदेश के मथुरा में होने की गोपनीय सूचना मिली। इसके बाद पुलिस की एक टीम मथुरा के लिए रवाना हुई और फिर वहां पर कुछ दिनों के प्रवास के दौरान पुलिसकर्मियों ने साधु का रूप धरा और फिर पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया। पुलिस ने अनुसार पदम चरण पांडा ने पूछताछ में बताया है कि वह हत्या के हत्या के गांव गया था। इसके बाद मथुरा पहुंचा था और वहां पहुंचकर अपनी पहचान बदल ली थी। इसके बाद दाढ़ी बढ़ा कर सन्यासी बन गया और फिर वहां कुंजकुटी आश्रम में रहने लगा।

अवैध संबंधों में की हत्या

पुलिस से बचने के लिए पदम चरण पांडा ने गांव और रिश्तेदारों से मेलजोल बंदकर दिया था और मोबाइल भी नहीं रखता था, ताकि पुलिस किसी भी सूरत में उस तक नहीं पहुंच सके। पुलिस के अनुसार आरोपी पदम ने पुलिस पूछताछ में बताया कि शांतिनगर में रहने के दौरान पड़ोस में रहने वाली एक महिला से उसके प्रेम संबंध थे। महिला के घर आना-जाना होता था। उसकी गैर मौजूदगी में मृतक विजय भी उस महिला के घर आता-जाता था। इस बारे में पता चलने पर उसने विजय को समझाने का प्रयास किया था, लेकिन वह नहीं माना और महिला के घर आना-जाना बंद नहीं किया। इसी को लेकर वह विजय से नाराज था। इसी में उसकी हत्या की थी।

नहीं बचेंगे अपराधी: तोमर

सूरत पुलिस आयुक्त अजय तोमर ने नवभारत टाइम्स से बातचीत में कहा कि पीसीबी की टीम काफी होशियारी से पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया है। यह 23 साल पुराना मामला है। तोमर ने कहा सूरत पुलिस तमाम पुराने मामलों में जो वांछित हैं उनकी तलाश सुनिश्चित कर रही है। कुछ और मामले भी हल किए हैं। जो कि तीन दशक से अधिक पुराने हैं। तोमर ने कहा ऐसी कार्रवाई से जनता में पुलिस पर भरोसा बढ़ेगा कि अपराधी बन नहीं सकते।

    


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