टूटी मूर्तियों की जांच करने एक्सपर्ट लेकर आई कांग्रेस:कहा-हमारी सरकार आने पर जिम्मेदारों पर होगा एक्शन; मंत्री बोले-गंदी राजनीति कर रही कांग्रेस


 उज्जैन के महाकाल लोक में तेज आंधी से उखड़ी मूर्तियों को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने सामने आ गए है। कांग्रेस महाकाल लोक के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है। आंधी से नीचे गिरी मूर्तियों की जांच करने कांग्रेस का दल मंगलवार को महाकाल लोक पहुंचा। कांग्रेस का कहना है कि उनकी सरकार आने पर जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी। जबकि नगरीय प्रशासन और आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि महाकाल लोक में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ। कांग्रेस गंदी राजनीति कर रही है।

महाकाल लोक में 28 मई को तेज हवा के कारण मूर्तियां गिर गई थी। इस पर मंगलवार को मंत्री भूपेंद्र सिंह ने मीडिया से चर्चा की।

महाकाल लोक में 28 मई को तेज हवा के कारण मूर्तियां गिर गई थी। इस पर मंगलवार को मंत्री भूपेंद्र सिंह ने मीडिया से चर्चा की।

उज्जैन के महाकाल लोक में तेज आंधी से उखड़ी मूर्तियों को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने सामने आ गए है। कांग्रेस महाकाल लोक के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है। आंधी से नीचे गिरी मूर्तियों की जांच करने कांग्रेस का दल मंगलवार को महाकाल लोक पहुंचा। कांग्रेस का कहना है कि उनकी सरकार आने पर जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी। जबकि नगरीय प्रशासन और आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि महाकाल लोक में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ। कांग्रेस गंदी राजनीति कर रही है।

महाकाल लोक में रविवार को तेज आंधी से गिरी मूर्तियों की जांच के लिए कांग्रेस ने 7 सदस्यीय दल का गठन किया था। इस दल ने मूर्तियों के पेडस्टल को देखा। साथ ही पिनाकी द्वार के पास लगी मूर्तियों का भी निरीक्षण किया। टीम सप्तऋषि की 6 मूर्तियों को देखने महाकाल लोक की पार्किंग में गई। कांग्रेस का दल अपने साथ इंदौर से मूर्तियों के एक्सपर्ट सुन्दर गुर्जर को भी साथ लेकर आई थी। जिसने बारीकी से मूर्तियों को देखा और टीम को खामियां बताई। सात सदस्य टीम के सदस्यों में सज्जन सिंह वर्मा, रामलाल मालवीय, दिलीप गुर्जर, शोभा ओझा, महेश परमार, मुरली मोरवाल और केके मिश्रा शामिल है।

भ्रष्टाचार का तांडव देखने को मिला: सज्जन सिंह

कांग्रेस के जांच दल के सदस्य और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि भ्रष्टाचार का तांडव हमें देखने को मिला है। सप्त ऋषि सनातन धर्म के पोषक माने जाते हैं। धर्म के पाखंड लोगों ने पेंशन, व्यापमं, ई-टेंडरिंग और अब महाकाल लोक में भ्रष्टाचार किया है। कांग्रेस सरकार आने पर जिम्मेदार अधिकारियों और जो भी लोग इसमें शामिल है, उन पर कार्रवाई होगी। जांच समिति अपनी रिपोर्ट प्रदेश हाईकमान और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकाअर्जुन खड़गे को एक हफ्ते के अंदर सौंपेंगी।

आंधी से गिरी मूर्तियां, कांग्रेस के आरोप गलत: मंत्री भूपेंद्र सिंह

इधर उज्जैन के महाकाल लोक में सप्तऋषियों की 7 में से 6 मूर्तियां गिरने के मामले में सरकार ने खुद को क्लीनचिट दे दी है। कांग्रेस के भ्रष्टाचार के आरोपों पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने भोपाल में कहा कि महाकाल लोक में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। उज्जैन कमिश्नर की रिपोर्ट मिल गई है। आंधी-तूफान की वजह से मूर्तियां गिरी हैं। एक सप्ताह में फिर मूर्तियां लगाएंगे। महाकाल लोक पर कांग्रेस गंदी राजनीति कर रही है।

28 मई को तेज हवा के कारण इस तरह से गिर गई थी मूर्तियां।

मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि आंधी-तूफान के कारण छह मूर्तियां प्रभावित हुई हैं। कंट्रक्शन एजेंसी से हुए एग्रीमेंट में 3 साल का मेंटेनेंस है। वह कंपनी ही कर रही है। कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। गुणवत्ता के साथ ही पूरा काम किया है। आरोप निराधार है। कांग्रेस लोगों की धार्मिक भावना को आहत कर रही है। कांग्रेस ने ऐसा कोई काम नहीं किया। हमारी सरकार ने महाकाल लोक बनाया है तो कांग्रेस गलतियां ढूंढ रही हैं।​​​​​​

महाकाल लोक के निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान रखा

मंत्री सिंह ने बताया कि महाकाल लोक का सारा काम गुणवत्ता के हिसाब से हुआ है। दिल्ली की संस्था सिपेट ने तकनीकी परीक्षण भी किया है। टेक्नीकल टीम ने मूल्यांकन किया। एफआरपी (फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक) की 100 मूर्तियां पूरे परिसर में लगी है। जिसकी लागत साढ़े 7 करोड़ रुपए है। ये आर्ट एफआरपी पर ही संभव है। पत्थर पर बहुत समय लगता है। उसके बाद भी कलां निखरकर नहीं आती है। इसलिए देश के कई स्थानों पर एफआरपी की मूर्तियां लगाई गई है। इनमें महाराष्ट्र के पंढरपुर शेगांव, दिल्ली के किंगडम ऑफ ड्रीम, अक्षरधाम मंदिर समेत कुरुक्षेत्र, सिक्किम के मंदिरों के साथ ही बाली-इंडोनेशिया के धार्मिक स्थल भी शामिल हैं।

28 मई की शाम को आंधी से मूर्तियां गिर गईं। सप्तऋषि की 7 में से 6 मूर्तियां पेडस्टल से नीचे गिरीं।

उज्जैन कमिश्नर की रिपोर्ट मिली

उन्होंने बताया कि 28 मई की दोपहर में तेज बारिश और आंधी के साथ बवंडर की स्थिति महाकाल मंदिर क्षेत्र और उसके आसपास बनी थी। सप्त ऋषियों की मूर्तियां रुद्रसागर, त्रिवेणी मंडपम और कमल कुंड के बीच में स्थित होने से संभवत: बवंडर अधिक निर्मित हुआ। यहां आंधी का प्रभाव ज्यादा होने के कारण मूर्तियां पेडस्टल से अलग होकर नीचे गिर गई। 10 फीट ऊंचाई से गिरने और करीब 3 क्विंटल वजनी होने के कारण मूर्तियां क्षतिग्रस्त हो गई। इस क्षेत्र में स्थापित अन्य एफआरपी की मूर्तियों पर कोई विपरित प्रभाव नहीं पड़ा।

इस मामले में उज्जैन कमिश्नर ने जांच रिपोर्ट सौंपी है। जिसमें आंधी-तूफान के कारण मूर्तियां प्रभावित होना बताया है। गुणवत्ता के अनुसार काम हो, इसका ध्यान रखेंगे। सरकार एक्शन लेगी। एक सप्ताह के अंदर नई मूर्तियां लगाएंगे।

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