जिस बेटी की हत्या के आरोप में पिता-पुत्र गए थे जेल, वह निकली जिंदा, फिर वो लाश किसकी थी?


 

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा से चौंका देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक व्यक्ति की नाबालिग बेटी लापता हो गई थी. बाद में पुलिस ने पिता और पुत्र को लड़की की हत्या करने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार कर लिया था. अब जिस बेटी की हत्या की बात कही गई थी वह जिंदा वापस अपने घर आ गई है और अब वह बालिग हो चुकी है. 

युवती का कहना है कि वह घरवालों से गुस्सा होकर चली गई थी और अब उज्जैन में रहती है. पिता और भाई को पुलिस ने झूठे आरोप में फंसाया है. मामले में लड़की का पिता को एक साल की जेल काटकर घर पर आ गया, लेकिन उसका भाई सालों से जेल में बंद है.

घर वापस लौटी युवती ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उसका कहना है कि पता नहीं किस डेड बॉडी के कंकाल को मेरा बताकर पिता और भाई को हत्या के आरोप में जेल भेज दिया. 

साल 2014 में गायब हुई थी नाबालिग

दरअसल, मामला अमरवाड़ा थाना क्षेत्र के सिंगोड़ी चौकी का है. सिंगोड़ी चौकी क्षेत्र के जोपनाला गांव निवासी शन्नू उइके (चरवाहा) की 15 वर्षीय बेटी साल 2014 में अचानक घर से गायब हो गई थी. 

शन्नू उइके ने बेटी के गुम होने बाद उसे बहुत तलाशा थी, लेकिन वह नहीं मिली थी. बाद में सिंगोड़ी चौकी में कंचन की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. लापता होने के सात साल बाद पुलिस ने शन्नू उइके के घर के करीब खुदाई करवाई थी. 

कोर्ट में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में पुलिस ने कहा था कि 13 जून 2014 को नाबालिग ने भाई सोनू ने लाठी मारकर नाबालिग की हत्या कर दी थी और फिर पिता के साथ मिलकर उसके दफना दिया था. खुदाई के दौरान कंकाल बरामद हुआ है और कंगन मिले हैं. 

सुनवाई के दौरान पिता-पुत्र ने भी नाबालिग की हत्या की बात कबूल कर ली थी. इसके बाद कोर्ट के आदेश पर दोनों को जेल भेज दिया गया था. करीब एक साल बाद पिता जमानत पर बाहर आ गया, लेकिन बेटा सोनू अभी भी जेल में हैं. 

जिसे बताया था मरा हुआ, वह कंचन निकली जिंदा 

पुलिस ने जिस नाबालिग बेटी को मरा हुआ बताया था और वह जिंदा वापस अपने घर पहुंची है. वह अब बालिग भी हो चुकी है और उसकी शादी भी हो गई है. वह वर्तमान में उज्जैन में रहती है.

सालों बाद अपने घर पहुंची तो गांव में हंगामा मच गया. वहीं, माता-पिता ने अपनी बेटी को जिंदा देखा तो उनकी आंखों से खुशी के आंसू बहने लगे. वहीं, कंचन भी परिवार के पास आकर भावुक हो गई. उसके घर गांववालों की भीड़ लग गई.

थाने पहुंची और कहा - 'मैं जिंदा हूं'

युवती परिवार और गांववालों के साथ सिंगोड़ी पुलिस चौकी पहुंची. वर्तमान चौकी प्रभारी धर्मेंद्र कुशराम को युवती ने बताया कि वह जब 15 साल की थी तब अपनी मर्जी से घर छोड़कर चली गई थी. वह बालिग है और उसकी शादी हो चुकी है. वर्तमान में उज्जैन में रहती है. 

युवती ने आगे कहा कि पुलिस ने उसकी हत्या के झूठे आरोप में पिता और भाई को फंसाया है. भाई तीन साल से जेल में हत्या के झूठे मामले में सजा काट रहा है. 

आरोप लगाते हुए युवती ने कहा कि पता नहीं किस कंकाल को मेरा बताते हुए पिता और भाई को हत्या का दोषी घोषित कर दिया था. वह जिंदा है. परिवार के लोग और गांववालों ने उसे पहचान लिया है. पुलिस वालों ने दबाव बनाकर पिता-भाई से हत्या की बात कबूल करवाई है.

पिता ने कहा- 'दारोगा ने मांगे थे दो लाख रुपये'

वहीं, युवती के पिता शन्नू उइके ने बताया तत्कालीन दारोगा ने बेटी के गुम होने के बाद हमें उसकी हत्या का दोषी बताया था. दारोगा ने केस समाप्त करने के लिए दो लाख रुपये की मांग की थी. हमने 121 हेल्पलाइन पर फोन भी किया था. मगर, मदद नहीं मिली फिर मुझे और मेरे बेटे को जेल भेज दिया गया. मैं जमानत पर बाहर आ गया हूं, लेकिन बेटा जेल में है.

यह है वर्तमान थाना प्रभारी का कहना

वर्तमान चौकी प्रभारी धर्मेंद्र कुशराम का कहना है मामला साल 2014 का है. नाबालिग घर से गायब हुई थी. बाद में पिता और भाई को उसकी हत्या का दोषी मानते हुए जेल भेज दिया गया था. अब वही युवती जिंदा वापस लौटी है. प्रभारी धर्मेंद्र कुशराम का कहना है कि मामला गंभीर है. जांच कराई जा रही है. वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस संबंध में जानकारी दी दे गई है.

मामले में एएसपी संजीव उइके का कहना है कि साल 2014 में थाना अमरवाड़ा में 363 का मामला सामने आया था. नाबालिग घर से गायब हुई थी. तत्कालीन जांच अधिकारी ने साल 2021 में नाबालिग की हत्या होने बात अपनी रिपोर्ट में कही थी और पिता-भाई को हत्या के आरोप में जेल भेज दिया गया था.

उन्होंने आगे कहा कि अब वही लड़की जिंदा होने की बात सामने आई है. मामले में जांच कराई जा रही है. इसमें हम कोर्ट की कार्यवाही करेंगे. डीएनए का मिलान कराया जाएगा. रिपोर्ट सामने आने के बाद आगे का एक्शन लिया जाएगा.



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