समूह की महिलाओं से मेलजोल बढ़ाने के लिए भ्रष्टाचार के दोषी अधिकारी ललित मोहन बेलवाल कर रहे हैं सागर दौरा


अर्चना शर्मा प्रखर न्यूज व्यूज एक्सप्रेस 

सागर, भ्रष्टाचार तथा पद के दुरुपयोग के आरोपी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आजीविका मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ललित मोहन बेलवाल स्व सहायता समूह की महिलाओं को भाजपा का एजेंट बनाने की रणनीति के तहत अपने पद अधिकार का दुरुपयोग कर सागर का दौरा कर रहे हैं। इनके भ्रष्टाचार को लेकर विधानसभा में कई विधायकों ने उन्हे जेल भेजने की बात कही है।

 यह आरोप मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डॉ संदीप सबलोक ने लगाए हैं। अपने आरोपों में उन्होंने कहा है कि इस अधिकारी के भ्रष्टाचार के संबंध में कुछ ही दिन पूर्व हुई विधानसभा बैठक में कई विधायकों ने मुद्दा उठाया था। पूर्व पंचायत मंत्री कमलेश्वर पटेल ने इस अधिकारी पर कटु टिप्पणी की थी। उक्त अधिकारी के साथ एक महिला अधिकारी भी सागर जिले के दौरे पर आ रही है। इस महिला अधिकारी की फर्जी दस्तावेजों एवं कूट रचना के माध्यम से फर्जी नियुक्ति की गई थी तथा इस महिला पर भी जांच में दोषी पाए जाकर आपराधिक धाराएं प्रस्तावित है। लेकिन यह दुर्भाग्य का विषय है कि यह दोनों ही अधिकारी बंटी बबली की तरह खुल्लम-खुल्ला घूम रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ संदीप सबलोक ने आरोप लगाया है कि आजीविका मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ललित मोहन बेलवाल के भ्रष्टाचार पर हुई जांच में भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी 420, 464, 465 467 468 471 472 के तहत आपराधिक धाराएं प्रस्तावित की गई है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में भी आजीविका मिशन के तत्कालीन सहायक जिला प्रबंधक भूपेंद्र प्रजापति द्वारा 1000 करोड़ के लगभग के भ्रष्टाचार से संबंधित 800 पेज की जनहित याचिका दायर है जिस पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए बेलवाल के विरुद्ध हुई जांच की रिपोर्ट जनहित याचिका मैं सम्मिलित करने आदेशित किया है जिसकी अगली सुनवाई 17 अप्रैल को नियत की गई है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ संदीप सबलोक ने कहा कि सामान्य प्रक्रिया के तहत राज्य स्तर के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा लोक कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा करने के लिए जिला स्तर के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली जाती है। परंतु मध्यप्रदेश में एक ऐसे अधिकारी भी है जिनपर अपराध सिद्ध हो चुका है आधा दर्जन से ज्यादा अपराधिक धाराओं में कारवाही प्रस्तावित है। लेकिन वह अपनी कारगुजारीयो से बाज नहीं आ रहे हैं। इनके द्वारा कार्यों की समीक्षा जिले एवं ब्लॉक के अधिकारियों से ना करते हुए सीधे ग्रामीण कम पढ़ी लिखी महिलाओं के कार्यों की समीक्षा की जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि इनका असली मकसद महिलाओं के कार्यों की समीक्षा नहीं होकर महिलाओं से अपने संबंध बढ़ाकर उन्हें भाजपा का एजेंट बनाने तथा यह पता करना होता है कि समूह की महिलाएं किस राजनीतिक पार्टी की तरफ ज्यादा झुकाव रखती है।

2018 में राजनीति क्रियाकलापों के कारण बदनाम हुए थे बेलवाल अब भ्रष्टाचार के मामले में हुए बदनाम

 कांग्रेस प्रवक्ता डॉ संदीप सबलोक ने बताया कि 2018 के विधानसभा चुनाव के पूर्व आजीविका मिशन के अधिकारी बेलवाल द्वारा कई जिलों का दौरा करके भाजपा के पक्ष में जनसमर्थन जुटाने में लग गए थे एवं जबलपुर केमेकल रिसोर्ट में इन्होंने आचार संहिता के समय राजनीतिक बैठक कर महिलाओं को प्रभावित करने की कोशिश की थी। जिसको लेकर काफी अखबारों ने खबरें प्रकाशित की थी। उनके राजनीतिक क्रियाकलापों से भाजपा को तो कोई फायदा नहीं हुआ और चुनाव होने के बाद बीजेपी की सरकार चली गई परंतु पुनः विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज होने के बाद यह अधिकारी भी महिलाओं को गुमराह करने के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों में निकला हुआ है।

क्या है पूरा मामला

 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के भ्रष्टाचार निरंतर सामने आते रहते हैं। सागर जिले में 16 हजार के लगभग स्व सहायता समूह संचालित है। इन समूहों में पौने दो लाख ग्रामीण महिलाएं जुड़ी है। इन महिलाओं के बीच अरबों रुपए अनुदान राशि आजीविका कार्यों के लिए दी गई है। जिसमें कई प्रकार से भ्रष्टाचार हुए यहां तक कि जिला पंचायतों की बैठक में कई बार गणवेश सिलाई एवं अन्य कार्यों में हुए भ्रष्टाचार के विषय में गहमागहमी देखने को मिली। पूर्व पंचायत मंत्री कमलेश्वर पटेल द्वारा विधानसभा में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ललित मोहन बेलवाल के भ्रष्टाचारो की पूरी गाथा सुनाई थी उसके अगले दिन ही बदनामी के डर से यह अधिकारी ग्वालियर भाग गया जिस पर काफी अखबारबाजी हुई इन अधिकारी के भ्रष्टाचार को लेकर विगत कुछ माह पूर्व मंत्रालय में कुछ आईएएस के बीच मतभेद भी देखने को मिला थे।

हर जिले में से हो रही है शिकायतें महिलाएं लगा रही है सीधा बेलवाल पर भ्रष्टाचार कराने का आरोप

आजीविका मिशन में विगत 12 सालों से मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर अंगद की तरह जमे हुए ललित मोहन बेलवाल पर विगत कई वर्षों से ग्रामीण महिलाएं द्वारा अपने साथ हुई धोखाधड़ी एवं भ्रष्टाचार के लिए सीधे दोषी मानते हुए शिकायत में उनका नाम उजागर कर रही हैं। भारतीय जनता पार्टी के मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी भी बेलवाल के भ्रष्टाचार को स्वीकारते हुए इन्हें तुरंत हटाने की मांग अपनी ही सरकार से करते आ रहे हैं। परंतु राजनीतिक कारणों के कारण सरकार बेलवाल को नहीं हटा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही बेलवाल पर कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

                  

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