सूरत : कैट ने 18 सूत्री बजट मांग पत्र वित्त मंत्री को भेजा
अर्चना शर्मा प्रखर न्यूज व्यूज एक्सप्रेस
सूरत,( डिजीटल डेस्क)साल 2023 में पेश होने वाला बजट मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट है. ऐसे में देश के कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स को इस बार वित्त मंत्री से बहुत से उम्मीदें हैं. आइए जानते हैं इस बारे में.
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने व्यापारियों के हित में बजट में निम्नलिखित मांगें रखी हैं। उन्हे उम्मीद है कि सरकार व्यापारियों के हित में फैसला लेगी।फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण साल 2023-24 के लिए बजट 2023-24 पेश करेंगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट से देश के कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) यानि कारोबारियों को काफी उम्मीदें हैं.आम बजट में सबसे बड़ी उम्मीद के रूप में टैक्स में राहत की उम्मीद है.
ये हैं कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की 18 सूत्रीय मांगें
1. जीएसटी कर प्रणाली की नए सिरे से पूर्ण समीक्षा,
2. आयकर की कर दरों में कमी करने की घोषणा
3. रिटेल व्यापार पर लागू सभी कानूनों और नियमों की पूर्ण समीक्षा
4. एक राष्ट्र -एक कर की तर्ज़ पर एक राष्ट्र-एक लाइसेंस नीति,
5. व्यापारियों के लिए प्रभावी पेंशन योजना
6. उत्तर प्रदेश राज्य की तर्ज़ पर व्यापारियों के लिए बीमा योजना
7. छोटे व्यवसायों के लिए अलग क्रेडिट रेटिंग मानदंड
8. बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा व्यापारियों को आसानी से क़र्ज़ देना
9. नॉन बैंकिंग फाइनेंस कम्पनीज एवं माइक्रो फाइनेंस इंस्टीटूशन्स द्वारा व्यापारियों को क़र्ज़ दिलाने के लिए सक्षम बनाना
10. व्यापारियों में आपसी भुगतान तथा आयकर अधिनियम की धारा 138 के तहत चेक बाउंस जैसे विवादों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन
11. स्पेशल इकनोमिक जोन की तर्ज़ पर गाँवों के निकट स्पेशल ट्रेड जोन के निर्माण की घोषणा
12. आंतरिक और विदेशी व्यापार दोनों को बढ़ावा देने के लिए देश और दुनिया भर में व्यापार मेलों और भारतीय उत्पादों की प्रदर्शनियों के आयोजन
13. व्यापारिक समुदाय के बीच डिजिटल भुगतान को अपनाने और प्रोत्साहित करने के लिए अलग अलग किस्म के इंसेंटिव की घोषणा
14. उपभोक्ता क़ानून के अंतर्गत ई-कॉमर्स नियमों को तुरंत लागू करना
15. ई-कॉमर्स नीति की तुरंत घोषणा
16. ई-कॉमर्स के लिए एक रेगुलेटरी अथॉरिटी के गठन की घोषणा
17. रिटेल व्यापार के लिए एक राष्ट्रीय व्यापार नीति की घोषणा
18. केंद्र और राज्यों दोनों में आंतरिक व्यापार के लिए एक अलग मंत्रालय की घोषणा