स्वस्थ भारत का आधार है योग : डॉ आरएच लता,


 अर्चना शर्मा प्रखर न्यूज व्यूज एक्सप्रेस 

भोपाल।* भारी उद्योग मंत्रालय की स्वतंत्र निदेशक एवं डब्ल्यूआईसीसीआई योग कौंसिल की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आरएच लता ने कहा है कि योग एक कला है जो हमारे शरीर, मन और आत्मा को एक साथ जोड़ता है और हमें मजबूत और शांतिपूर्ण बनाता है। योग आवश्यक है क्योंकि यह हमें फिट रखता है, तनाव को कम करने में मदद करता है और समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखता है और एक स्वस्थ मन ही अच्छी तरह से ध्यान केंद्रित करने में सहायता कर सकता है। 

डॉ लता 27 से 31 दिसंबर तक जेडब्ल्यू मैरियट होटल नई दिल्ली एयरोसिटी में आयोजित

वार्षिक महिला आर्थिक मंच 2022- जी 100 की 84वीं वैश्विक बैठक में योग का मनुष्य के जीवन में महत्ता, पाठ्यक्रम, योग चिकित्सा और योग का अतिक्रमण विषय पर संबोधित कर रही थी। डॉ लता के साथ पेनालिस्ट के रूप में मुंबई से जानी मानी योगाचार्य बीजल शाह, दिल्ली मोरारजी देसाई योगा नेचुरोपैथी संस्थान से प्रीति नन्दी और योगिनी रजनी गहलोत और बिहार से प्रो कुसुम राय सम्मिलित रही। इस ग्लोबल महिला सम्मेलन में करीब 25 राष्ट्रों की 50 हजार से ज्यादा राजनैतिक, व्यवसायिक कुशल महिलाएं सम्मिलित हुई हैं। इस आयोजन का उद्घाटन केंद्रीय ट्राइबल मंत्री अर्जुन मुंडा ने किया और समापन महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू द्वारा आज किया जायेगा। 

सत्र को सम्बोधित करते हुए डॉ आरएच लता ने कहा कि योग आंतरिक शांति प्राप्त करने और तनाव तथा अन्य समस्याओं के खिलाफ लड़ाई में मदद करता है। योग एक व्यक्ति में शांति के स्तर को बढ़ाता है और उसके आत्मविश्वास को और अधिक बढ़ाने तथा उसे खुश रहने में मदद करता है। डॉ लता ने कहा कि एक स्वस्थ व्यक्ति एक अस्वस्थ व्यक्ति की तुलना में अधिक काम कर सकता है। आजकल जीवन बहुत तनावपूर्ण है और हमारे आसपास बहुत प्रदूषण है। यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण है। सिर्फ 10-20 मिनट का योग हर दिन आपके स्वास्थ्य को अच्छा रहने में मदद कर सकता है। बेहतर स्वास्थ्य का मतलब बेहतर जीवन है।

योग का बढ़ता बाजारवाद 

डॉ लता ने कहा कि आज योग को बाजारवाद ने अपने कब्जे में ले लिया है। ऐसा लगता है कि सच में लोगों को अपने स्वास्थ्य की चिंता सताने लगी है या फिर बाजारवाद के चलते उन्हें एक नया प्रोडक्ट मिल गया है ? उन्होंने कहा कि आधुनिक जीवनशैली के कारण रिश्तों व करियर में तनाव तथा कुंठा के चलते लोगों के जीवन में शांति और सुकून खत्म हो गया है। इसी का फायदा उठाते हुए बाजारवाद ने योग के माध्यम से लोगों को उनके जीवन का उद्धार करने का सपना दिखा व्यापार में लग गया है। डॉ लता ने कहा कि यह कहने में संकोच नहीं कि विदेशों में योग को लेकर दिख रहे उत्साह के पीछे उसके बाजारीकरण का बड़ा हाथ है। योग की कक्षाएं चलाने वाले संस्थान, स्टूडियो और टीचर हैं, उनकी बाकायदा चेन है जो अलग-अलग शहरों में लोगों और बडी कॉरपोरेट कंपनियों के कर्मचारियों को योग का प्रशिक्षण उपलब्ध कराती हैं। इन स्टूडियो का प्रत्येक सदस्य सामान्य तौर पर हर महीने 90-130 डॉलर चुकाता है। ऐसा करके वे लोग कारोबार के इस नए मॉडल को मजबूत कर रहे हैं।

भारतीय योग को मिटाने में पश्चिम का हाथ 


सत्र को सम्बोधित करते हुए डॉ आरएच लता ने कहा कि विदेशों में योग की कक्षाओं में अब योग वहां एक नया फैशन स्टेटमेंट है। इस नए ट्रैंड को भुनाने के लिए जगह-जगह 'योगा शॉप' और 'योगा रिसार्ट" खुल गए हैं। दुकानों में योगा बुक्स से लेकर योगा मैट्स जैसे तमाम उत्पाद बिक रहे हैं। भारतीय मूल के और विदेशी योगाचार्य पश्चिमी शैली की कसरतों का मिश्रण करके योग की नई-नई विधियां निकाल रहे हैं और उनके पेटेंट अपने नाम करवाकर लाखों डॉलर कमा रहे हैं। अमेरिका में प्रकाशित होने वाली पत्रिका 'योगा जर्नल' के आज हजारों सदस्य हैं और इंटरनेट पर कई वेबसाइटें योगासन कराने व योग से जुड़े उत्पाद बेचने में संलग्न हैं। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि भारत का योग हिमालय की गोद से निकलकर और हिंदू व बौद्ध मठों से होते हुए लंदन, न्यूयॉर्क, कैलिफोर्निया, मैक्सिको, बैंकॉक, स्पेन, मलेशिया, थाइलैंड और इंडोनेशिया के महंगे योगा रिजॉर्ट तक पहुंच गया है लेकिन इसमें भारतीय योग उतना ही है जितने में आसन, प्राणायाम और मुद्रा की बात होती है। योग के अन्य आधुनिक प्रकार तो असल में पश्चिमी कसरतें ही हैं, जिन्हें योग के साथ जोडकर योग के नाम पर बेचने की कोशिश हो रही है।

असाधारण महिला उत्कृष्टता सम्मान से किया सम्मानित 

महिला आर्थिक मंच 2022 के आयोजन के दौरान भारी उद्योग मंत्रालय की स्वतंत्र निदेशक एवं डब्ल्यूआईसीसीआई योग कौंसिल की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आरएच लता को महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और उन्हें सबल बनाने के क्षेत्र में दिए जा रहे महत्वपूर्ण योगदान के लिए उनको असाधारण महिला उत्कृष्टता सम्मान से सम्मानित भी किया गया। 

सोनिया दुबे दीवान को असाधारण महिला उत्कृष्टता सम्मान 

इस अवसर पर डब्ल्यूआईसीसीआई इमेज कंसल्टिंग काउंसिल और इंडियन स्कूल ऑफ इमेज मैनेजमेंट की संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया दुबे दीवान को भी एनाट बर्नस्टीन-रीच, इज़राइल-इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा असाधारण महिला उत्कृष्टता सम्मान से सम्मानित किया गया। इस दौरान सोनिया दुबे दीवान ने कहा कि 84वें ग्लोबल एडिशन सेलिब्रेशन इवेंट जैसे इस तरह के अविश्वसनीय आयोजन का हिस्सा बनने के अवसर के लिए महिला आर्थिक मंच और डॉ. हरबीन अरोड़ा राय को धन्यवाद देना चाहूंगी। मैंने समाज सेवा, शिक्षा, उद्यमिता, कला और संस्कृति, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न पेशेवर क्षेत्रों से वास्ता रखने वाली दुनिया भर में हजारों असाधारण महिलाओं के सामने कठिन कौशल और सॉफ्ट कौशल में अंतर को पाटने पर अपने विचार साझा किए। विश्वभर में महिलाओं के सशक्तिकरण में जुटी हस्तियों से मिलने का यह अच्छा अवसर था।

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