भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी की 100 वर्षीय मां श्रीमती हीराबेन के निधन पर भारत सहित विदेशों में शोक व्याप्त, संतोष गंगेले कर्मयोगी


 

अर्चना शर्मा प्रखर न्यूज व्यूज एक्सप्रेस 

    भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी की पूज्यनीय माता जी श्रीमती हीराबेन की निधन का खबर से संपूर्ण भारत में शोक की लहर में डूब गया एवं प्रधानमंत्री पीएमओ कार्यालय में विदेशों से भी शोक संवेदनाएं शोक संदेश लगातार प्राप्त हो रहे हैं ।

    *पहली बार भारत में भारतीय* संस्कृति सनातन धर्म एवं संस्कारों का अद्वितीय उदाहरण जनमानस को देखने को मिला कि भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने मां के निधन के बाद पूरे भारत को यह संदेश दिया है कि कुटुंब घर परिवार और वंश यह सबसे महत्वपूर्ण है , हमें एकजुट और संगठित होकर अपने जीवन जीने की कला एकता और संगठन में होती है , आज श्रीमती हीराबेन के निधन के बाद भारत देश के संपूर्ण राज्यों के मुख्यमंत्री भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री अनेक राजनीतिक दलों के राजनेता इस बात के लिए प्रतिक्षा और समय का इंतजार कर रहे थे कि भारत के प्रधानमंत्री जी की मां के अंतिम संस्कार के दर्शन और अंतिम शव यात्रा विशेष धूमधाम से निकाली जाएगी और श्रद्धांजलि सभा दी जाएगी , लेकिन दूरगामी परिणाम दूरदृष्टि वाले भारत की रक्षा करने के लिए तन मन धन से समर्पित प्रधानमंत्री जी ने अपने मां का अंतिम संस्कार घर परिवार रिश्तेदार और मोहल्ले के केवल उन व्यक्तियों को शव यात्रा में शामिल कर अल्प समय में अंतिम संस्कार कर दिया जिसकी कोई कल्पना वर विचार नहीं कर सकता है ।

 *भारतीय इतिहास में यह पहला ऐसा अंतिम संस्कार हुआ ।* 

   भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने मां के अंतिम संस्कार के बाद अपने प्रधानमंत्री पद के जो निर्धारित कार्यक्रम थे उन कार्यक्रम में शामिल हुए और अपना कर्तव्य मार्गदर्शन निभाया यह पूरे विश्व के लिए एक संदेश है कि हमें संकट के समय घर परिवार से ज्यादा हमारा पूरा भारत देश हमारा परिवार है इसके लिए भी हमें अपने कर्तव्य निष्ठा से कार्य करना चाहिए ।

     बुंदेलखंड क्षेत्र से सामाजिक क्षेत्र में तन मन धन से जीवन समर्पित करने वाले अनेक राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित *समाजसेवी संतोष गंगेले कर्मयोगी द्वारा अपने शोक संदेश* में कहा कि आज हमने भारत की ऐसी मां को अपने बीच से खो दिया है जिन्होंने भारत देश को एक तपस्वी कर्मठ लगन शील और निस्वार्थ निष्काम कर्मयोगी के रूप में अमोल रतन भारत को सौंपा है हम माताजी को शत-शत प्रणाम और *श्रद्धांजलि* अर्पित करते हैं ।

   श्रद्धांजलि संदेश में कहा कि श्रीमती हीराबेन पालनपुर मेहसाणा गुजरात में 18 जून 1922 को उनका जन्म हुआ और 15 वर्ष की आयु में दामोदरदास मूलचंद मोदी से बड़नगर गुजरात में उनका विभाग हुआ उनके पति साधारण परिवार से थे और एक दुकान चलाने वाले साधारण व्यक्ति थे । श्रीमती हीराबाई ने भारतीय संस्कृति संस्कारों के अनुसार भारतीय महिलाओं की तरह अपने परिवार का संचालन किया उनके 5 पुत्र अमृत मोदी पंकज मोदी नरेंद्र मोदी पहलाद मोदी सोम मोदी तथा बेटी बसंती बेन को जन्म दिया अनेक स्कूलों का सफलतापूर्वक मेहनत के साथ संघर्ष करते हुए परिवार का संचालन किया और बच्चों को शिक्षित और सामाजिक देश प्रेम की शिक्षा दी उसी शिक्षा के अनुसार उनके तीसरे पुत्र श्री नरेंद्र मोदी जो भारत की दूसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं जिन्होंने भारत के साथ-साथ विदेशों में भारत की अच्छी छवि बनाई है ।

   भारत के प्रधानमंत्री बनने के बाद श्री नरेंद्र मोदी जी और उनका परिवार मीडिया की सुर्खियों में रहा भारत और विदेश की मीडिया ने उनके परिवार की सारी जानकारी कथित की उनकी मां द्वारा 99 वर्ष की आयु में 2019 में उन्होंने अंतिम बार मतदान किया पर यह संदेश दिया है की वोट डालना मतदान का कितना महत्व होता है। उन्होंने अपने 100 वर्ष पूर्ण होने पर अपने पुत्र को पास बुलाकर कहा कि *बेटा अपना काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से।* इस संदेश से हमारी भारत की अनादि अनंत संस्कृति व संस्कार जीवित होते हैं ।  

       उन्होंने अपने जीवन में आयुर्वेद औषधियों का ज्ञान था जिस कारण से 100 से अधिक बीमारियों के उपचार घर पर ही करने का स्वयं फार्मूला रहता था अपने घर में स्वयं अपने अपने बच्चों और परिवार का उपचार करने में नुक्ते औषधियों की जानकारी रखती थी और कभी भी उन्होंने अंग्रेजी दवाइयों का सेवन नहीं किया ।आयुर्वेदिक तथा जड़ी बूटियों के द्वारा घर के नक्शे के द्वारा बीमारियां ठीक करती रहीं । इसलिए वह अशिक्षित होने के बाद भी अपने मोहल्ले और आसपास परिवार में डॉक्टरनी माता जी के नाम से प्रसिद्ध रही। उन्हें अपने बेटे की इतनी चिंता थी कि दूसरी बार लोकसभा के चुनाव हुए और जब उनको पता चला कि उनका बेटा नरेंद्र मोदी पुनः प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में भारत भ्रमण पर हैं सभाएं कर रहे हैं तो उन्होंने मीडिया के सामने घर पर ही एक तख्ती में जनता से अपील की थी , मेरे बेटे को वोट दोगे । जिसका भारत की जनता ने ध्यान रखा और दूसरी बात *प्रधानमंत्री* बनाया है ।

   दुनिया से वृद्धजनों का आना जाना प्रकृति का नियम है लेकिन बुजुर्गों की माता पिता के आशीर्वाद की तुलना करने योग्य शब्द नहीं रहते हैं इसलिए भारत में मातृशक्ति दुर्गा शक्ति गंगा शक्ति शिक्षा शक्ति की महिमा परम महिमा है जिसके लिए उदाहरण के लिए शब्द नहीं होते हैं । उन्होंने हमेशा भारत की महिलाओं बहू बेटियों को भारत की संस्कृति और संस्कारों से जीवन जीने और परिवार चलाने की सलाह दी।

   उनके निधन पर समूचे भारत में सभी राजनीतिक दल एवं भारत का प्रत्येक नागरिक उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करता है विदेशों से भी उनके निधन पर शोक संदेश को श्रद्धांजलि समारोह की खबरें प्राप्त हो रही हैं हम सभी परमलोक आत्मा परमात्मा में विलीन होने पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं और उनके मार्गदर्शन उनके विचारों को जीवन में प्रेरणा के रूप में स्वीकार करते हैं ।। *इस मैसेज को जन जन तक भेजें यही सच्ची श्रद्धांजलि ओम शांति ओम शांति ओम शांति*

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