आजादी की लड़ाई में योगदान देने वाले वीर शहीद मनीराम अहिरवार जी को राष्ट्रीय सम्मान दे सरकार : एडवोकेट कैलाश भारतीय


 सोनाली चौहान प्रखर न्यूज व्यूज एक्सप्रेस भोपाल

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भोपाल । जब देश में विदेशी हुकूमत थी, गुलामी का जीवन जीने को विवश किया जा रहा था। ऐसे समय में मध्यप्रदेश के जिला नरसिंहपुर के गाडरवारा तहसील के ग्राम चीचली मैं सन 1915 में रविदास कुल में जन्मे शूरवीर मनीराम अहिरवार जी थे ।जो कि गोंडवाना राजा चीचली के सेवादार और सामाजिक सेवक के रूप में विख्यात थे।

उन्होंने सन 19 42 के स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गांधी के आन्दोलन में भाग लेकर गांधी जी के आन्दोलन की कमान संभाल कर अंग्रेजी सेना को लोहे के चना चबाने को मजबूर कर दिया था। सन 19 42 में 23 अगस्त को अंग्रेजी सेना ने चीचली गौड़वाना राजमहल पर चढाई कर दी थी। उन दिनों चीचली गोंड महल सुना था। चीचली राजा पढ़ाई करने बाहर गये हुये थे। इस अवसर का मौका पाकर अंग्रेजी सेना हथियारों से लैस होकर आ गई। जिन्हें देकर वीर मनीराम अहिरवार जी ने गांव में प्रवेश करने के लिए रोका। वह नहीं रुके और चीचली महल की ओर बढ़े आ रहे थे। मनीराम अहिरवार ने उनसे मुकाबला करने को ललकारा, इनकी ललकार सुन अंग्रेजी सेना ने गोलीबारी प्रारंभ कर दी।

मनीराम अहिरवार जी ने अंग्रेजी सेना की गोलीयों से मुकाबला करने सीना तानकर आगे आये। जब मनीराम ने पत्थर गुलेल के अचूक निशाना बना कर संघर्ष किया तो अंग्रेजी सैनिक रक्त रंजित होकर बेहोश होने लगे। हर गोली वीर मनीराम अहिरवार जी पर चलीं। लेकिन एक भी गोली छू न सकी ऐसे वीर बहादुर योद्धा थे। इन गोलीयों में से एक गोली वीर मंशाराम जसाटी एवं वीरांगना गौरादेवी जी को लगी, जो कि घटना स्थल पर शहीद हुए। वीर मनीराम जी से अंग्रेजी सेना परास्त होकर जान बचा कर भाग गये। बाद में अमर शहीद वीर मनीराम अहिरवार जी को अंग्रेजी सेना ने छल बल के माध्यम से गिरफ्तार किया। तथा उनके सामने शर्त रखी कि तुम अपनी अनुसूचित जाति और जनजाति वर्गों को गुलामी व बेगारी कराने हेतु हमारी सेना में लेकर आओं। वीर मनीराम जी ने अंग्रेजी सेना की कोई भी शर्त न मानने पर उनको कठोर यातनाएं दी गई। अनेकों तरह से प्रताड़ना दी लेकिन वह वंदेमातरम,महात्मा गांधी जी और इंकलाब जिंदाबाद लगाते हुए मात्रृभूमी पर कुर्बानी देकर सम्पूर्ण देश की आजादी के लिए हौम हो गये। उन्होंने रविदास वंशीय समाज के गौरव के साथ ही अनुसूचित जाति और जनजाति वर्गों के लोगों को स्वाभिमान से जीने की प्रेरणा दे गये।

आज हमारा देश आजादी की सांस ले रहा है। लेकिन बहुत दुखद बात है कि मध्यप्रदेश के एकमात्र अनुसूचित जाति के वीर शहीद मनीराम अहिरवार जी को राष्ट्रीय शहीद का दर्जा अभी तक नहीं दिया गया है। ये अन्याय और पछपात किया गया है। जबकि उनका योगदान स्वर्ण अक्षरों में अंकित होना भी कम है। चीचली गौड़वाना राजा चीचली स्वर्गीय श्री शंकर प्रताप सिंह जू देव जी ने वीर शहीद मनीराम अहिरवार जी के परिवार को जीवन यापन हेतु भूमि दी। कृषि हेतु जमीन देने की घोषणा की गई थी। लेकिन अभी तक शासन के द्रारा परिवार को किसी भी प्रकार की सहायता नहीं दी गई। यह अभी तक की सरकार के द्रारा अनुसूचित जाति वर्ग के अमर शहीद वीर मनीराम अहिरवार जी की उपेक्षा हुई है।

संत रविदास कल्याण फाउंडेशन भारत मांग करती है कि हमारे वर्ग के महान पराक्रमी वीर मनीराम जी अहिरवार को राष्ट्रीय शहीद का दर्जा प्रदान करे। तथा उनके उत्तराधिकारी परिवार को मध्यप्रदेश में सम्पूर्ण राजकीय सम्मान देकर समाज का गौरव बढ़ाया जाये। लम्बे समय से देश और प्रदेश के विभिन्न सामाजिक संगठनों की पुरजोर मांग पर सरकार के द्रारा गंभीरतापूर्वक विचार कर मांग पूरी की जाना चाहिए।

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