विष्णु बाराह भगवान की जन्मस्थली नारायण सरोवर मझौली (नरिला तालाब के पास) आज से किया जा रहा है 2 दिवसीय मेले का आयोजन


 

 सुन्दर लाल बर्मन मझौली संवाददाता

प्रखर न्यूज व्यूज एक्सप्रेस 

28फरवरी से 1 मार्च 2022 तक

 मध्य प्रदेश के जिला जबलपुर से लगभग 45 किलोमीटर दूर मझौली नगर भगवान विष्णु वराह की प्रतिमा स्थित है।वैसे तो भगवान विष्णु के विश्व में अनेक मंदिर प्रसिद्ध हैं, लेकिन वराह अवतार रूप की यह प्रतिमा अत्यंत दुर्लभ पत्थर से निर्मित और एक अदुत्तीय उत्कृष्ठ वैभव कला कृति से अलंकृत ग्यारहवीं शाताब्दी में काले रंग के पत्थर से निर्मित है।

विष्णु वराह मंदिर मझौली आने के लिए मुख्य 5 मार्ग हैं :-

1. जबलपुर से :-

जबलपुर से इन्द्राना होते सुन्दर प्राकर्तिक वन का नजारा लेते हुए । मझौली जाने के लिए आप जबलपुर से लगभग 49 किलोमीटर है। रस्तें मैं इन्द्राना से होते सुन्दर प्राकर्तिक वन का नजारा लेते हुए। इन्द्राना से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर मझौली जा सकते हैं।

भगवान विष्णु वराह मझौली जबलपुर 

भगवान विष्णु वराह मझौली का महत्त्व 

विष्णु वराह मंदिर मझौली आने के लिए मख्य 5 मार्ग हैं 

मंदिर खुलने का समय  

सुबह 6बजे रात्रि 8 बजे तक

विष्णु वराह मंदिर मझौली आने के लिए मुख्य 5 मार्ग हैं :-

1. जबलपुर से :-

2. कटनी से :- 

3. दमोह से :-

4. कटंगी से :-

5. बहोरिबंद(रूपनाथ) :-

मंदिर खुलने का समय :-

विष्णु वराह मंदिर मझौली आने के लिए मुख्य 5 मार्ग हैं :-

1. जबलपुर से :-

जबलपुर से इन्द्राना होते सुन्दर प्राकर्तिक वन का नजारा लेते हुए । मझौली जाने के लिए आप जबलपुर से लगभग 49 किलोमीटर है। रस्तें मैं इन्द्राना से होते सुन्दर प्राकर्तिक वन का नजारा लेते हुए। इन्द्राना से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर मझौली जा सकते हैं।

2. कटनी से :- 

कटनी से लगभग 70 किलोमीटर दूर है। जब आप जबलपुर के लिए निकलेगें तो आपको रस्ते में सिहोरा पड़ेगा और वहा से सिर्फ 70 किलोमीटर दूर है मझौली। आप वहां से दाहिने हाथ से मझौली के लिए आ सकते है।

3. दमोह से :-

दमोह से लगभग 70 किलोमीटर दूर है। जब आप दमोह से जबलपुर के लिए निकलेगें तो आपको रस्ते में गुबरा गाँव पड़ेगा और वहा से सिर्फ 10 किलोमीटर दूर है मझौली। आप वहां से बांए हाथ से मझौली के लिए आ सकते है।

4. कटंगी से :-

कटंगी से लगभग 17 किलोमीटर दूर है। जब आप जबलपुर से दमोह के लिए निकलेगें तो आपको रस्ते में कटंगी पड़ेगा और वहा से सिर्फ 17 किलोमीटर दूर है मझौली। आप वहां से दाहिने हाथ मझौली के लिए आ सकते है।

5. बहोरिबंद(रूपनाथ) :-

बहोरिबंद(रूपनाथ) से लगभग 28 किलोमीटर दूर है। जब आप बहोरिबंद से मझौली के लिए निकलेगें तो आपको रस्ते में बचैया पड़ेगा और वहा से सिर्फ 17 किलोमीटर दूर है मझौली। 

 भगवान विष्णु वराह के संपूर्ण शरीर पर देवताओं, ऋषि-मुनि, साधु-सिद्धओं एवं यक्ष-गंधर्व अलंकृत हैं। यह प्रतिमा अत्यंत सुंदर, मोहक है। विष्णु वराह अवतार की अन्य तरह की प्रतिमा भारत के अन्य मंदिर समूहों में है पर उसका आकार इस प्रतिमा की तुलना में आकार कम होगा है।

भगवान विष्णु के बराह अवतार प्रतिमा लगभग ग्यारहवी शताब्दी में निर्मित बताई जाती हे | कहा जाता की कल्चुरी और गोंडकालीन प्रतिमा है |

मंदिर मे प्राचीन मूर्तिया जड़ी हुई है। मुख्य दरवाजे के सामने भगवान विष्णु के दस अवतार के चित्र स्तम्भ में उद्धरित है। बराह मूर्ति के निचे अमृत कलश लिए शेषनाग एवं उनके पीछे उनकी पत्नि मूर्ति विराजित है। शेषनाग के ऊपर तथा वराह के मुख निचे पदमासन मे भगवान विष्णु है।

वराह मूर्ति के खाड़ी हुई मुद्रा में हैं जो गुप्त और चंदेल शासको दे समय निर्मित हुई है। विष्णु वराह की मूर्ति खाजरहो कलाकर्तियों के सामान ही है 

मंदिर दे मुख्य दरवाजे के सामने एवं मंदिर प्रागण के मध्य में स्थापित एक स्तंभ है जिसमे भगवान विष्णु के दशावतार चित्र अंकित है 

मंदिर में ही शिवलिंग, रामदरवार(राम सीता एवं लक्ष्मण), 

श्री राधा कृष्ण, और अष्टभुजाधरी माँ दुर्गा की प्रतिमा भी स्थापित है।

 स्थानीय लोगों की पौराणिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है की यह प्रतिमा मझौली नगर के समीप शंकरगढ़ 

कालोनी नारीला के तलब में एक ढीमर को मछली पकड़ने के दौरान उसके जाल में में आ गई थी। उस समय प्रतिमा लघु आकार में थी । और समय के साथ प्रतिमा धीरे- धीरे बढ़ कर विशाल स्वरूप आकृति स्वरुप में है ।

मंदिर खुलने का समय :-सुबह6बजे से रात्रि 8बजे तक

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