परिजनों ने कहा हत्यारे सिविल सर्जन को तुरंत हटाए सरकार जिला चिकित्सालय की लापरवाही से जच्चा और बच्चा के मौत पर बवाल


 अरुण गुप्ता प्रखर न्यूज व्यूज एक्सप्रेस भोपाल

सीधी। सीधी के जिला चिकित्सालय में जच्चा और बच्चे की मौत का मामला सामने आया है जहां मृतका के परिजनों ने सिविल सर्जन के ऊपर अपराधिक प्रकरण दर्ज कर हटाने की मांग किए हैं। उल्लेखनीय है कि सिविल सर्जन डॉक्टर एसबी खरे का विवादों से पुराना नाता है जहां इसके पहले भी भाजपा के सरकार में डॉक्टर खरे ही सिविल सर्जन थे तब भी ऐसे ही मौतों का सिलसिला लापरवाही रवैया के कारण चल रहा था बीच में सरकार बदली जहां सिविल सर्जन को भी बदल दिए और अस्पताल की व्यवस्था सब ठीक-ठाक हुई लेकिन फिर से भाजपा सरकार आई और वापस विवादित डॉक्टर एसबी खरे को वापस सिविल सर्जन बना दिया गया जहां अस्पताल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है और लापरवाही इतनी है की आये दिन अस्पताल मीडिया की सुर्खियों में बना रहता है। हैरानी और शर्मनाक बात ये है कि लापरवाही रवैया के कारण जच्चा और बच्चा के मौत के बाद सिविल सर्जन ने मृतका और उसके परिजन को ही ये कह कर दोषी ठहरा दिया कि इसके पहले इन्होंने कहीं जांच नहीं कराया जबकि आशा कार्यकर्ता खुद जिला चिकित्सालय लेकर आई थी और चिल्ला चिल्ला कर बोल रही है कि दो बार इसके पहले दिखा चुकी हूं जिला चिकित्सालय में सिर्फ डिलीवरी के लिए लेकर आई थी हालांकि पूरे मामले में जांच के बाद ही मामले से पर्दा उठेगा। पर सत्ता और विपक्ष के नेताओं सहित सरकार से यह सीधा सवाल है कि इस मौत का जिम्मेदार कौन है।

ये है पूरा मामला

बहरी क्षेत्र के झोखो निवासी शिवलाल यादव अपनी पत्नी ललिता यादव को क्षेत्रीय आशा कार्यकर्ता की मदद से बीते 30 दिसंबर की रात्रि में जिला चिकित्सालय के लेबर वार्ड में सुबह 4:00 बजे के लगभग भर्ती कराया गया था। आशा कार्यकर्ता की माने तो बहरी स्वास्थ्य केंद्र में पहले मृतका ललिता यादव को भर्ती किए थे जहां उनको डिलीवरी होने के लिए दर्द नहीं हो रहा था इसलिए स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी जिला चिकित्सालय में बीते 30 जनवरी की रात्रि में ही रेफर कर दिए थे। परिजनों की मानें तो सुबह 4:00 बजे से डॉक्टर कोई लेबर वार्ड में नहीं आया वहीं डॉ सुनीता तिवारी की ड्यूटी थी जहां उन्होंने फरमान सुना दिया कि सुबह लैब खुलने के बाद ही मृतका ललिता यादव का ऑपरेशन किया जाएगा क्योंकि इनकी ब्लड जांच होना है और अभी लैब रात में बंद है। परिजनों की मानें तो इस दरमियान कोई भी मृतका जब तक जिंदा थी देखने नहीं आया ना ही किसी तरह का उपचार किया गया। जहां सुबह 9:00 बजे की बस्ती पीड़िता ललिता यादव की तबीयत अत्यधिक बिगड़ने लगी और इस दौरान उसकी मौत हो गई। वही मृतका मां की मौत के दरमियान पेट में बच्चे की भी मौत हो गई है जहां परिजनों ने जमकर हंगामा काटा और आरोपी सिविल सर्जन को हटाने की मांग करने लगे तो वही आरोपी डॉक्टर पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग करते रहे जहां समझाइश के बाद परिजन माने। वही आरोपों की माने तो जब से सिविल सर्जन डॉ एस बी खरे को बनाया गया है तब से जिला चिकित्सालय हमेशा सुर्खियों में लापरवाही रवैया को लेकर बना रहता है।

लापरवाही की हद : मृतका को ही ठहरा दिया दोषी

अस्पताल के जिम्मेदारों की लापरवाही से एक तो आदिवासी परिवार के जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गई है। हैरानी शर्मनाक बात ये है कि जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉक्टर एसबी खरे पूरे मामले पर पर्दा डालने के लिए मृतका को ही खून की कमी बता कर इसके पहले जांच नहीं करवाने को लेकर जिम्मेदार ठहरा दिया जबकि परिजनों तथा आशा कार्यकर्ता की मानें तो इसके पूर्व में सभी जांचे बराबर हुई है सिर्फ जिला चिकित्सालय में लापरवाही के कारण जच्चा और बच्चे की मौत हुई है।फिरहाल इस मौत को लेकर जिले भर में सन्नाटा खिंच गया है वही समाजसेवियों ने अब चक्का जाम आंदोलन कर तालाबंदी करने की बात कही है।

सिविल सर्जन को नहीं हटाया तो करेंगे आंदोलन

जिला चिकित्सालय में आए दिन लापरवाही बरतने वाले सिविल सर्जन डॉ एस बी खरे को हटाने को लेकर अब समाजसेवी तथा जिले के युवा वर्ग आंदोलन करने की चेतावनी दिया है। उल्लेखनीय है कि जिले के समाजसेवियों तथा युवा वर्ग ने बीते 5 दिन पहले ही कलेक्टर को अस्पताल की लापरवाही को लेकर ज्ञापन सौंपा था। अस्पताल की बदहाल व्यवस्था में सुधार आता नहीं दिख रहा है इसी दरमियान बीते 31 जनवरी को सुबह 9:30 बजे के लगभग आदिवासी परिवार की महिला समेत बच्चे की भी मौत हो गई है जहां अब जिले की जनता सिविल सर्जन डॉ एसबी खरे को अभी तक नहीं हटाए जाने के कारण आंदोलित हो गई है उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन को तत्काल हटाया जाए और अस्पताल की व्यवस्था नए सिरे से बनाई जाए ताकि मरीजों को समुचित उपचार मिल सके अगर सिविल सर्जन को नहीं हटाया जाएगा तो जिले की जनता अब आंदोलन का रास्ता अपनाएगी।

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