सभी चोर मोदी कैसे?' कहने की वजह से सूरत की अदालत में राहुल गांधी की पेशी, जज के सवालों पर बोले- मैं नहीं जानता


 कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने खिलाफ दर्ज एक आपराधिक मानहानि मामले के सिलसिले में बयान दर्ज कराने के लिए शुक्रवार को गुजरात के सूरत शहर में एक मजिस्ट्रेट अदालत में पेश हुए। यह मामला 2019 में एक चुनाव रैली के दौरान 'मोदी' उपनाम पर विवादित टिप्पणी से जुड़ा है। इस केस में राहुल दो बार पहले भी अदालत में पेश हो चुके हैं।

कांग्रेस नेता ने दो गवाहों की गवाही के आधार पर अदालत की ओर से शुक्रवार की सुनवाई के दौरान पूछे गए ज्यादातर सवालों पर ''मैं नहीं जानता'' जवाब दिया। इन दो गवाहों में कर्नाटक के कोलार के तत्कालीन चुनाव अधिकारी, जहां राहुल ने भाषण दिया था, और रैली को शूट करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त एक वीडियोग्राफर शामिल हैं। 


मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने जब पूछा कि क्या वह रैली को शूट करने के लिए आधिकारिक वीडियोग्राफर के तौर पर अरूण कुमार की नियुक्ति से अवगत थे, राहुल ने इससे अनभिज्ञ होने का दावा किया और कहा, ''मैं नहीं जानता।'' इसके अलावा, जब उनसे एक कंप्यूटर में वीडियो स्टोरेज करने जैसे तकनीकी ब्योरे के बारे में पूछा गया, तब भी उन्होंने वही जवाब दिया। इससे पहले, कांग्रेस नेता इस साल 24 जून को अदालत में उपस्थित हुए थे। मजिस्ट्रेट ने दो गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद राहुल को 29 अक्टूबर को फिर से अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया था। वह मामले में पहली बार अक्टूबर 2019 को अदालत में उपस्थित हुए थे और दोषी नहीं होने की बात कही थी।


सूरत से भारतीय जनता पार्टी के विधायक पूर्णेश मोदी ने 2019 में राहुल के खिलाफ मानहानि से संबद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत एक शिकायत दायर की थी। विधायक ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए कथित तौर पर यह कह कर पूरे 'मोदी समुदाय' का अपमान किया कि 'इन सब चोरों का एक ही उपनाम (सरनेम) मोदी कैसे है?'

पूर्णेश मोदी अभी मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल नीत गुजरात सरकार में मंत्री हैं। राहुल ने लोकसभा चुनावों से पहले 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक रैली में कथित तौर पर कहा था, ''नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी...इन सारे चोरों का एक ही उपनाम कैसे है।'' शुक्रवार को स्थानीय भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी के वकीलों ने एक अर्जी दायर कर चंद्रप्पा नाम के एक व्यक्ति को तलब करने का अनुरोध किया, जो वीडियो देखने वाली टीम का तत्कालीन प्रमुख था। मजिस्ट्रेट ने कहा कि वह अर्जी पर शनिवार को फैसला करेंगे।

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