गुजसीटोक में वांछित माफिया गिरोहों के दो गुर्गे गिरफ्तार


सूरत. संगठित अपराध व आतंकवाद निरोधक कानून गुजसीटोक के मामलों में फरार चल रहे दो अलग अलग माफिया गिरोहों लालू जालिम गिरोह व विपुल गाजीपरा के दो गुर्गो को क्राइम ब्रांच की अलग अलग टीमों ने उतरप्रदेश व हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए शहर पुलिस आयुक्त अजय तोमर ने बताया कि बताया कि लंबे हनुमान रोड खारवा चाल निवासी अल्ताफ पटेल (32) हिस्ट्रीशीटर है।

वह माफिया विपुल गाजीपरा गिरोह से जुड़ा था। भरूच जिले के वहालु गांव का मूल निवासी अल्ताफ पिछले दो दशक से अपराध जगत में सक्रिय है। उसके खिलाफ सूरत शहर के अलग अलग थानों के अलावा वडोदरा व नवसारी में हत्या, हत्या के प्रयास, फिरौती, रंगदारी, अपहरण व अवैध रूप से हथियार रखने के सोलह मामले दर्ज हो चुके है।

लंबे समय से वह गाजीपरा गिरोह के साथ मिल कर अपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहा था। पिछले दिनों क्राइम ब्रांच ने विपुल गाजीपरा समेत गिरोह के दस गुर्गो को नामजद कर उनके खिलाफ गुजसीटोक के तहत मामला दर्ज किया था। मामला दर्ज होने के बाद सभी आरोपी भूमिगत हो गए थे।

क्राइम ब्रांच ने मुख्य सूत्रधार गजीपरा समेत सात को अब तक गिरफ्तार कर चुकी है। अल्ताफ, आजाद खान व अंकीत उर्फ डाक्टर फरार थे। अल्ताफ पुलिस से बचने के लिए पहाड़ों में छिपा था। वह हिमाचल प्रदेश की कुल्लू जिले की पार्वती वैली के छोटे से गांव पुलगा में छिपा था। उसके बारे में क्राइम ब्रांच को पुख्ता सूचना मिलने पर एक टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

क्राइम ब्रांच की एक अन्य टीम ने उत्तप्रदेश के प्रयागराज जिले के महुली गांव से आशीष पांडे उर्फ चिकना को गिरफ्तार किया है। आशीष लालू जालिम गिरोह के लिए काम करता था। पिछले एक दशक से अपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे आशीष के खिलाफ सूरत शहर, ग्रामिण व राजकोट में हत्या, लूट, फिरौती, रंगदारी, अवैध रूप से हथियार रखने और शराब तस्करी के २७ मामले दर्ज हो चुके है।

वह पासा के तहत जेल भी जा चुका है। पिछले दिनों क्राइम ब्रांच ने गुजसीटोक में विशेष रूप से शहर के अमरोली थानाक्षेत्र में सक्रिय रहे खुंखार लालू जालिम गिरोह को भी नामजद किया था। गिरोह के मुख्य सूत्रधार लालू जामिल उर्फ अमित राजपूत समेत नौ जनों को गिरफ्तार किया था। आशीष पांडे फरार चल रहा था। लालू जालिम के दांए हाथ माने जाने वाले आशीष की क्राइम ब्रांच पिछले नौ महीनों से तलाश कर रही थी।

आखिरकार क्राइम ब्रांच को मुखबिरों से पुख्ता सूचना मिली कि वह महुली गांव में छिपा है और कभी कभार गांव के बाहर टहलने के लिए भी आता है। क्राइम ब्रांच की टीम ने सूचना की तस्दीक की और गुप्त रूप से जाल बिछा कर उसे दबोच लिया। उसे उत्तरप्रदेश से सूरत लाने के बाद क्राइम ब्रांच ने बुधवार को कोर्ट में पेश कर 11 अक्टूबर तक रिमांड पर लिया है।

हिस्ट्रीशीटर अल्ताफ 2003 में अमरीकी महिला की हत्या के मामले में थाणे जेल में रहा था। 2007 में फर्जी पास पोर्ट मामले में लंदन में छह माह जेल में रहा था फिर डिपोर्ट किया गया था। 2011 में वडोदरा में ड्रग्स के साथ पकड़े गए कनाड़ा के नागरिक को भारत से नेपाल बार्डर पार करवा कर भगाने में मदद की थी। 2017 में ममू हासोटी फायरिंग मामले में पकड़ा गया था। 2018 में पुलिसकर्मियों को कार से कुचलने का प्रयास करने के मामले में नवसारी में पकड़ा गया था।

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