पस्त इकनॉमी के बीच सार्वजनिक उद्यम बेचना मानसिक दिवालियापन के संकेत, GDP ग्रोथ गिरती रही…इससे मोदी सरकार नहीं कर सकती इन्कार- बोले BJP सांसद
भारतीय जनता पार्टी (BJP) से राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यन स्वामी अक्सर मोदी सरकार पर निशाना साधते रहते हैं। रविवार को एक ट्वीट कर उन्होंने सार्वजनिक उद्यम को बेचे जाने पर सवाल खड़े किए। उन्हों कहा कि ऐसे समय में जब अर्थव्यवस्था लगातार गिर रही है, सार्वजनिक उद्यम बेचना मानसिक दिवालियापन है।
स्वामी ने ट्वीट कर लिखा, “जब देश की अर्थव्यवस्था में गहरी गिरावट हो रही है ऐसे समय में सार्वजनिक उद्यम को बेचना मानसिक दिवालियापन और हताशा का संकेत है। यह एक अच्छी सोच नहीं है। मोदी सरकार इस बात से इनकार नहीं कर सकती कि सीएसओ के आंकड़े बताते हैं कि 2016 के बाद से जीडीपी की ग्रोथ माही तिमाही दर साल गिरती रही है। स्वामी के इस ट्वीट पर यूजर्स भी अपनी प्रतिकृया दे रहे हैं।
श्रीधर नाम के एक यूजर ने भाजपा नेता से पूछा कि तो ऐसे समय में क्या करना चाहिए? इसपर स्वामी ने लिखा, “उद्देश्यों, प्राथमिकताओं, रणनीति और संसाधन जुटाने के स्पष्ट विवरण के आधार पर प्रासंगिक आर्थिक नीति लागू करें। डिटेल्स के लिए, रूपा द्वारा प्रकाशित मेरी पुस्तक रीसेट पढ़ें।
एक अन्य यूजर ने लिखा, “रघुराम राजन ने सलाह देने की कोशिश की थी। लेकिन फिर इस्तीफा देना पड़ा। यह सरकार विशेषज्ञों की नहीं सुनती है। यही समस्या है।” श्रीधर ने लिखा, “INC को हमने 50+ साल दिए हैं, मुझे लगता है कि हमें बीजेपी को कुछ और साल देने चाहिए…. देश और पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था अभी नीचे है… यह भी ध्यान देने योग्य बात है।”
एक यूजर ने लिखा, ” स्वामी जी आपको हर बात से दिक्कत है और अगर मोदी सरकार इतना ही बुरा कर रही है तो आप राज्यसभा से इस्तीफा क्यों नहीं दे देते।” बता दें इससे पहले सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने चीन मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा था।
उन्होंने कहा कि यदि पड़ोसी देश 1993 के समझौते के तहत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर से वापस नहीं जाता है, जिस पर दोनों देशों ने सहमति व्यक्त की थी, तो भारत को चीन के साथ युद्ध में उतर जाना चाहिए।
आगे सलाह देते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि कि भारत को केवल बीजिंग के साथ सीमा विवाद को सुलझाने पर ध्यान देना चाहिए और हांगकांग, ताइवान और तिब्बत के बारे में बात करके पड़ोसी देश को उकसाना नहीं चाहिए।