आभासी बहुभाषी कवि सम्मेलन सम्पन्न

डाॅ.प्रभु चौधरी

प्रतिष्ठित राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के तत्वावधान में बहुभाषी आभासी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया था। आयोजन के मुख्य अतिथि डॉ विमल कुमार जैन थे। डॉ. शहाबुद्दीन नियाज मोहम्मद शेख, पुणे, महाराष्ट्र,राष्ट्रीय मुख्य संयोजक, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि बहुभाषी कवि सम्मेलन में कवि कवयित्रों की कल्पना,भावों से रचित बहुत ही सुंदर कविता पाठ किया।

   सबसे पहले कवयित्री सविता इंगेले ने मराठी कविता पाठ किया। तथा सुश्री गरिमा गर्ग पंचकूला ने श्री कृष्ण पर कविता पाठ ओ कान्हा रे कान्हा गजब का खेल सुना कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

    नसीमा बानो गुजरात ने अपनी कविता भारत तो मेरा सम्मान, भारत मेरा अभिमान है।सुनाई

 डॉ दिग्विजय शर्मा जी ने बहुत ही सुंदर कविता प्रस्तुति- बांसुरी की मधुर धुन, सुना जाओ किशन तुम।

 विशेष अतिथि डॉ. राकेश छोकर राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना अध्यक्ष दिल्ली, की कविता प्रस्तुति-

जय हिंद जय हिंद जय हिंद,

वतन के स्वाभिमान की जय हिंद। रही

  कवयित्री माला सिंग ने अपनी कविता के माध्यम से लोगों का दिल जीत लिया -

आओ मेरे दोस्तों कुछ ऐसा भी, कर लेते हैं ,प्रेम दिल में लेकर नफरत को भुलानें चलते हैं।

 कवयित्री उर्वशी उपाध्याय ने अपनी कविता की प्रस्तुति - 

 स्वर ही जीवन है, अजब से है यह ठहराव। ठहराव आ जाता है जीवन में।

  सुनीता गर्ग पंचकूला ने बेटियों पर कविता पाठ कर सबको भाव विभोर कर दिया-

खुदा का अनमोल तोहफा होती है बेटियां,नए कुल को चलाती है बेटियां।

पूर्णिमा कौशिक ने छत्तीसगढ़ी कविता पाठ की-

महू जाऊ पढे़ पर,जिंदगी ल गढ़े पर, स्कूल के मजा ले बर,अक्षर ज्ञान पाय बर।

कवयित्री प्रभा ने बहुत ही सुंदर कविता से मंत्रमुग्ध कर दिया-

ब्रज के बिहारी बात है इतनी,

 बिन कहे नहीं जाएगी, मन की खटाई।

  कवयित्री आनंदी गुजरात ने अपनी कविता प्रस्तुति में-

श्याम चूड़ी बेचने आया,मोहन को हाल सुनाया।

कवयित्री सुमन रानी की कविता-

मेरे हाथ में चंदन कटोरा, है मैं तो तिलक लगाने आई हूं।

 डॉ रश्मि चौबे गाजियाबाद की कविता- जब जब तेरा ध्यान लगाऊं, केला और तुलसी के बिरवा लगाऊ।

कवि अनिल गुजरात ने अपनी कविता की प्रस्तुति मे-

 हम साथ साथ हैं ,कंधे से कंधा मिलाकर चलना है।

  आभासी बहुभाषी कवि सम्मेलन में राष्ट्रीय स्तर के कवि एवं कवयित्रो ने अपनी कविता प्रस्तुत की। सुरेखा मंत्री, नीलिमा, बालासाहेब तोरस्कर,शैलेश प्रजापति,सुशीला देवी,मधु राठौर आदि सभी ने अपनी कविता पाठ से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

 कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. मुक्ता कान्हा कौशिक, रायपुर की सरस्वती वंदना के स्क्रीन शेयर से हुआ। डॉ रश्मि चौबे गाजियाबाद ने स्वागत भाषण दिया। प्रस्ताविक भाषण मे डॉ. प्रभु चौधरी राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना महासचिव ने कहा की बहुभाषी कवि सम्मेलन मंच में सौभाग्य की बात है। प्राध्यापिका रोहिणी डावरे, महाराष्ट्र ने कविता प्रस्तुत करते हुए आभार माना।

    मंच संचालन एवं संयोजन डॉक्टर मुक्ता कान्हा कौशिक, मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता, रायपुर,छत्तीसगढ़ ने किया।

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