हमीदिया अस्पताल में शुरु होते ही गहरी नींद में चली गई स्लीप लैब, दो साल में एक भी जांच नहीं


 भोपाल। राजधानी के हमीदिया अस्पताल में दो साल पहले 15 लाख रुपये से खरीदी गई स्लीप लैब (पॉलीसोमनोग्राफी मशीन) आने के साथ से ही गहरी नींद में है। इस मशीन को आने के बाद एक कमरे में बंद कर दिया गया है। इसके बाद से आज तक उस कक्ष का ताला ही नहीं खोला है। इसकी वजह यह है कि जांच के लिए टेक्नीशियन होना चाहिए। पर अभी तक टेक्नीशियन की भर्ती ही नहीं हो पाई है। बता दें कि यह मशीन मेडिसिन विभाग के अधीन है। डॉ. टीएन दुबे एचओडी थे, उस वक्त यह मशीन खरीदी गई थी।

मशीन से नींद के दौरान मस्तिष्क में चलने वाली तरंगों का किया जाता है अध्ययन : इस मशीन से नींद की स्थिति, सोते वक्त ऑक्सीजन की मात्रा, नींद के दौरान मस्तिष्क में चलने वाली तरंगों आदि का अध्ययन किया जाता है। खर्राटे की बीमारी की जांच भी इससे की जाती है। नींद की जांच के लिए अस्पताल में एक कक्ष तैयार किया जाता है। रात में मरीज के सोने के बाद जांच की जाती है। निजी अस्पताल में इस जांच का खर्च 1500 से 2000 रुपये है। हमीदिया में मशीन चालू रहती तो आयुष्मान कार्ड वाले मरीजों की यह जांच मुफ्त में हो जाती। अन्य मरीजों की जांच भी दर तय होने के बाद करीब 200 में हो सकती थी।


स्लीप लैब चालू करने में क्या दिक्कत आ रही है, इसे एचओडी से बात कर दुरुस्त कराएंगे, जिससे जल्द मशीन शुरू की जा सके।

- डॉ. लोकेन्द्र दवे, अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल




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